रविवार, 6 अक्तूबर 2013

पांच साल ले मारीन लात अब खिलावत हे कुकरा भात


कस रे बइठभाल ते हा आजकल अड़बड़ मुसकावत हस। का होगे रे। बिसौहा के गोठ ल सुन के बइठमाल ह अपन हांसी ल नई रोक पाइस। अऊ कीहिस। का कहीबे कका आज कल रोज कुकरा भात खाय बर मीतल हे। भगवा अऊ खादी वाला मन रोज सम्मेलन बुलावत हे। अऊ महु ह ए सम्मेलन म पहुंच जाथौ। मोला का करेबर हे के कोन समाज के सम्मेलन हे। मै हा त भइगे अतके जानथौं के कुरसी के सेती ये नेता मन ह कुकरा भात खवावत हे।
अब वो दिन मुसलमान मन ल भगवा वालामन ह बिरियानी खवाईन। अब वोट के सेती जम्मों झन ल जोरियाय रीहिन महु हा खुसर गेंव। भइगे झन पूछ कका गोसेच-गोस ल खांयव। बिसौहा कही पारिस कस रे टुरा जानस नहीं ए सरकार ह हमर समाज बर कतेक अतीयाचार को हावंय। अतका ल सुनीस तहां ले बइठमाल घलों बिफर गे। जानथव गा। अऊ मजा ल वोट दे के बेर निकालहूं। कुछुच ल नई भुलाय हो। फेर खाय बर घलो नई छोड़व ।
ये दुनों झन के गोठ ल अड़बड़ झन सुनीन। जम्मो झन जानथे के जीतीन वहां ले पांच साल ले सरकार म बइठईया मन ह आम आदमी ल कईसे भुलाथे अऊ अपन सगा-संगी मन क तिजोरी ल कइसे भरथे। तभे त बइठमाल ह काहत रीहिस कुछुच ल नई भुलाय हो।
आजकल हमर राज म इही चलत हे। जेन ल देखबे तउने ह वोट खातिर कुकुर असन पुछी ल डोलावत हे अऊ कुछु बोल देबे तभो दांत ल दिखावत हे। नई बोले रहीबे तउनों बात म रोस देखाने वाला मन आज कल दांत निपोरत घुमत हे।
तभे त वो दिन बिरयानी खवईया मन उपन हगरू ह भड़क रहाय। में अजकल के बुजा मन तीर मान अपमान नई बाचे हे। साले मन ह खाय बर मरत हावय।
अब हगरू के गोठ ल का कबे तिहारू ह नई बतावत रीहिस के अतेक नाक लगा गे करोड़ पति राधेश्याम के टुरा ह कइसे एक ठन लेपटाप बर बिन खाय पिये लाईन म जिछुट्टा बरोबर लगे रीहिस। कुछुच के कभी नई हे। चारो डहार ले पइसा आवत हे। अतको नई सोचीन के लेपटाप ल काय करहूँ। घर म पहिलिच ले चार-चार ठन लेपटॉप हे।
राधेश्याम के टुरा ल का कईबे रामजी लाल ल देख घर म दु-दु ठन डाक्टर हे तभो ले 35 हजार वाला स्मार्ट कार्ड बनवा डारिन।
अइसने मन के सेती त सरकारी खजाना हा बोहावत हे अऊ आम आदमी ह कुछ नई पावत हे।