सोमवार, 21 जनवरी 2013

बस्तर फतह के लिए भाजपाई तिकड़म शुरू !


मसीही समाज पर दर्जन भर हमले ! राÓयपाल को ज्ञापन !
वैसे तो हिन्दुत्व का मुद्दा गरम कर चुनाव जीतने का भाजपा का पुराना शगल है । चुनाव जीतने के बलए वह कभी राम का सहारा लेती है तो कभी साम्प्रदायिकता की रोटी सेकती है । चूंकि पिछले दो बार से बस्तर फतह की वजह से ही सरकार बनी है इसलिए इस बार बस्तर फतह के लिए कई रणनीतियों में से एक धर्मान्तरण को भी मुद्दा बनाया जा रहा है ।
 इस रणनीति की वजह से ही बस्तर में हिन्दू व इसाई संगठन आमने सामने है । शासन के दबाव में प्रशासनिक करतूत से नाराज इसाई समुदाय ने हिन्दु संगठनों के अत्याचार के खिलाफ राÓयपाल को ज्ञापन सौंप सुरक्षा की मांग की है । छत्तीसगढ़ में बैठी रमन सरकार हैट्रिक के लिए साम दंड भेद सभी का सहारा लेने लगी है । चूंकि पिछले दो चुनाव में बस्तर से मिली ।।
सीटों की बदौलत ही वह सरकार में है इसलिए वह इस बार फिर बस्तर फतह की योजना बना रही है ।
सूत्रों की माने तो राजधानी में आदिवासियों पर हुए पुलिसिया लाटी चार्ज और कथित फर्जी मुठभेड़ के अलावा दबंग नेता बलिराम कश्यप के निधन के बाद भाजपा को बस्तर खोने का डर लगने लगा है । यही वजह है कि बस्तर फतह के लिए धर्मान्तरण व हिन्दुत्व के मुद्दे को जमकर उछाला जा रहा है । और प्रशासन भी तमाशाबीन बनी हुई है । मसीही समाज ने इस संबंध में राÓयपाल को ज्ञापन सौपंकर जान माल की सुरक्षा की मांग करते हुए रमन सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं । राÓयपाल को सौपे ज्ञापन में हिन्दु संगठनों के द्वारा पिछले एक डेढ़ माह में मसीही समाज पर किये अत्याचार का विवरण हेते हुए प्रशासन पर राजनैतिक दबाव में कार्रवाई नहीं करने की बात कही गई है ।
राÓयपाल को सौपें ज्ञापन में मसीही महासंघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र साह मनीष एण्ड्रूस व नवनीत चांद के कहा कि बस्तर मसीही समाज आपसे मसीही समाज पर हो रहे अत्याचारों के लिए सहयोगात्मक नजरयिे से मदद की उम्मीद व आशा करता है और आपको यह बताना चाहता है कि बस्तर में मसीही समाज के साथ सरकार के नुमाइंदे विश्व हिन्दु परिषद, आर.एस.एस. व बजरंग दल द्वारा प्रताडऩाए व अत्याचार लगातार किया जा रहा है जिससे मसीही समाज बहुत ही आक्रोशित है । आपको हमारी आवाज बनने के लिए इन घटनाओं का विवरण प्रेषित है :-
1.     माह जून 2012 में ग्राम-जाटम, ब्लॉक-जगदलपुर मसीही समुदाय द्वारा निजी जमीन कब्रिस्तान हेतु क्रय की गई है, जिसमें शासन द्वारा बाउण्ड्रीवाल हेतु राशि 20 लाख 40 हजार स्वीकृत किया गया वे ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ किये जाने पर विश्व हिन्दु परिषद द्वारा हंगामा मचाया गया । बाउण्ड्रीवाल को तोड़ा गया व गॉव में इसे ना बनने की नसीहत दी गई, जिसके रिपोर्ट मसीही द्वारा परपा थाने में दर्ज है, जिस पर कार्यवाही अब तक लंबित है ।
2.     दिनांक 29/09/2012 स्थान किंजोली गॉव, ब्लॉक बकावण्ड में घटना मसीही समुदाय द्वारा धार्मिक पत्रिका का वितरण उपरांत बजरंग दल व विश्व परिषद द्वारा प्रार्थियों के साथ जमकर मारपीट कर थाना कोतवाली में धारा 151 के तहत 07 मसीही लोगो को गिरफ्तार करवाना ।
&.     दिनांक &0/11/2012 स्थान जगदलपुर प्रेस क्लब - विश्व हिन्दु परिषद द्वारा पत्रकार वार्ता कर सार्वजनिक तौर पर मसीही समाज पर राÓयद्रोह का आरोप लगाकर शासन द्वारा मसीही समाज पर कार्यवाही की मांग करना ।
4.     दिनांक 01/12/2012 मसीही समाज के प्रतिनिधियों द्वारा इन विषयों को लेकर जिला अधीक्षक व जिला पुलिस अधीक्षक से वार्ता कर ज्ञापन सौंपा गया । जिस पर कार्यवाही अब भी लंबित है । कारण राजनैतिक दबाव ।
5.     दिनांक 05/12/2012 स्थान एच.पी.गैस एजेन्सी धरमपुरा जगदलपुर - पास्टर ईसहाक दास द्वारा धार्मिक पत्रिका का वितरण करने पर विश्व हिन्दु परिषद द्वारा सार्वजानिक तौर पर मारपीट कर बोधघाट थाने में केस दर्ज करवाना ।
6.     दिनांक 06/12/2012 स्थान जगदलपुर - विश्व हिन्दु परिषद द्वारा संवेदनशील दिनांक में शौर्य दिवस के नाम पर शहर में सार्वजनिक तौर पर जंगी रैली निकालकर मसीही समाज के ऊपर अशोभनीय नारेबाजी कर (चर्च चलाने वालो को जूता मारो सालो को, ईसाईयों को भगाओ देश को बचाओ) जैसे नारेबाजी कर मसीही समजा के राष्ट्रीय प्रेम एवं राष्ट्रीयता पर सवाल उठाना ।
7.     दिनांक 07/12/2012 मसीही समाज के प्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति दर्ज कर जिला अधीक्षक व जिला पुलिस अघीक्षक को ज्ञापन देकर ऐसे माहौल से मुकातिफ कराया गया, व कार्यवाही की मांग की गई जो अब तक लंबित है । कारण राजनैतिक दवाब ।
8.     दिनांक 2&/12/2012 ग्राम आसना, ब्लॉक जगदलपुर - घटना विश्व हिन्दु परिषद द्वारा ग्राम पंचायत आसना में सार्वजनिक तौर पर माइक्रोफोन का उपयोग कर सभी मसीही समाज के अनुयायियों को ग्राम पंचायत व पंचायती सुविधाओं से बहिष्कृत करने का ऐलान कर फतवा जारी किया गया । जिसकी जानकारी तत्काल जिला अधीक्षक व जिला पुलिस अधीक्षक को मसीही समाज के प्रतिनिधियों द्वारा दी गई, जिस पर कार्यवाही अब तब लंबित है । कारण राजनैतिक दवाब ।
9.     दिनांक 02/01/201& स्थान साडग़ुड़, थाना-परपा (जगदलपुर) - घटना साडग़ुड़ में चर्च चलाने को लेकर पास्टर कमल कश्यप, दलसाय एवं उनके सार्थियों के साथ विश्व हिन्दु परिषद द्वारा मारपीट कर गौ हत्या का झूठा आरोप लगाकर प्रताडऩा देना ।
10.     दिनांक 05/01/201& स्थान जगदलपुर - विश्व हिन्दु परिषद द्वारा पत्रकार वार्ता कर हाटकचोरा (जगदलुर) के मसीही कब्रिस्तान को क्षतिग्रस्त करने का सार्वजनिक तौर पर ऐलान करना व कानून व्यवस्था को प्रशासन क ेना मानने पर अपने हाथ में ेने की धमकी देना ।
नोट:-     सभी समाचार पत्रों में         प्रकाशित ।
11.     दिनांक 08/01/201& स्थान हाटकचोरा (जगदलपुर) मसीही कब्रिस्तान घटना - विश्व हिन्दु परिषद व जगदलपुर नगर निगम महापौर, नगर निगम अध्यक्ष, नगर निगम आयुक्त द्वारा बिना कोई सूचना दिये व जिला अधीक्षक के बिना सहहमति लिए समाज को अंधेरे में रख हाटकचोरा मसीही कब्रिस्तान के दीवारो को जेसीबी उपयोग कर तोडऩा व कब्रों को क्षतिग्रस्त कर विश्व हिन्दु परिषद द्वारा मसीही समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ कर समाज के पवित्र कब्र पर नाचकर अश£ील नारेबाजी करना व वहॉ पर उपस्थित मसीही समाज के सम्माननीय पास्टरों के साथ अभद्र व्यवहार कर मारने की धमकी देना ।
12.     दिनांक 08/01/201& स्थान जगदलपुर बोधघाट थाना - हाटकचोरा के कब्रिस्तान को क्षतिग्रस्त करने के बाद मसीही समाज के द्वारा आरोपियों के खिलाफ एफ.आई.आर. करने के लिए 08 घण्टे तक मशक्कत करना व राजनैतिक दवाब के कारण पुलिस प्रशासन का मसीही समाज के साथ अभद्र व्यवहार कर आरोपियों के खिलाफ सामान्य धारा लगाना, पुलिलस प्रशासन द्वारा पक्षपातपूर्ण रवैया दर्शाता है ।
1&.     भारतीय जनता पार्टी नगर मण्डल जगदलपुर हके पदाधिकारियों कद्वारा मसीही समाज पर हो रहे अत्याचार के विरूद्ध समाज द्वारा आवाज उठाये जाने पर मसीही समाज द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों के मान्यताओं को रद्द करने व माम्प्रदायिकता फैलाने का झूठा आरोप गढ़ शासन से कार्यवाही की मांग की गई है ।
14.     मसीही समाज को आशंका है कि उनके कानूनी अधिकारों का उल्लंघन फिरन से किया जा सकता है । मसीही समाज के पदाधिकारियों पर गलत तरीके से कानूनी प्रकरणों का इस्तेमाल कर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है और उन पर जानलेवा हमला होने की भी आशंका है । इन पदाधिकारियों के नाम निम्नलिखित है :-
    1.     रेव्ह.अनीष एण्ड्रस (जिला अधीक्षक, मेथोडिस्ट         चर्च बस्तर जिला)
    2.     श्री शैलेन्द्र शाह (अध्यक्ष, बस्तर मसीही                 महासंघ)
    &.     श्री नवनीत चॉद  (सचिव, बस्तर मसीही                 महासंघ)
    4.     रेव्ह.राकेश दास (सलाहकार, बस्तर मसीही             महासंघ)
    5.     रेव्ह.जॉन डेनियल (अध्यक्ष, इंटर डिनामिनेशन             चर्च फेलोशीप)
    6.     रेव्ह.राजेश हाबिल (पास्टर ए.जी. चर्च)
     7.     रेव्ह.जीजी पॉल (पास्टर आई. पी.सी.चर्च)            8.     रेव्ह.अर्नेस्ट अब्राहम (पास्टर कर्मेल चर्च)
    9.     श्री मुन्ना पॉल  (अध्यक्ष, यूनाईटेड क्रिश्चयन             कब्रिस्तान कमेटी)
अत: महोदय आपसे मसीही समाज का विनम्र निवेदन है कि आप इन अत्याचारी घटनाओं को बड़ी गंभीरता से लेते हुए आप व आपकी पार्टी के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से राÓय सभा व विधान सभा में मसीही समाज की तरफ से आवाज बन अपराधियों के विरूद्ध सक्त से सक्त कार्यवाही करवा कर समाज को न्याय दिलाये व हमारे सम्मान की पहचान बन हमारी राष्ट्रीयता की पहचान सरकार को समझाए ।

शराब से लेकर सट्टा का जोर...


नगर निगम मुख्यालय में न तो शराबखोरी नई बात है और न ही जुआं सट्टा । हर अधिकारी को मालूम है कि बेसमेंट से लेकर छत तक शराबियों के अपने-अपने अड्डे हैं । ऐसे में कमिश्रर को इसकी जानकारी नहीं है या महापौर को इसकी खबर नहीं होगी कहना कठिन है । यह तो सीए बंगाली के लोगो ने महिला कर्मचारी से बदसलूकी नहीं की होती तो कोई इसे संज्ञान में ही नहीं लेता । आखिर आडिर के काम में शराब और बिरयानी परोसे जाने का कतलब ही साफ है कि यहां के कई अधिकारी अपने काले-पीले कारनामें को सफेद करने में लगे है । हर विभाग में यही हो रहा है । पिछले महापौर के कार्यकल के दौरान भी हंगामा हुआ था लेकिन मामला दबा दिया गया ।
नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है जहां कई पार्षदों से लेकर अधिकारियों की शामें शराबखोरी में रंगीन होती है । और यह सब इतने खुलेआम चलता है कि इसकी गूंज सड़कों तक सुनाई देती है ।
निगम मुख्यालय हो या जोन यहां तक कि निगम के स्कूलों का भी यही हाल है । छूट्टी होने के पहले ही इंतजाम अली पहुंच जाते है और फिर इससे महफूज जगह भी क्या होगी । दावा तो इस बात का भी हो रहा हे कि यहां के कई कर्मचारी खुले आम सट्टा खेलते हैं और यदि परीक्षा दे रहे ब"ाों की तरह यहां के कर्मचारियों की जेबों की जांच हुई तो बोरी भर सट्टा पट्टी जब्त हो सकता है । नगर निगम के कर्मचारियों की ताकत का अंदाजा यहां के अधिकारियों को भी हे इसलिए यहां अकास्मिक निरीक्षण जैसी बात ही नहीं होती । जनप्रतिनिधि भी इन कर्मचारियों के साथ खड़े होते हैं ऐसे में यदि दिन में भी यहां शराब पीकर काम करते कोई कर्मचारी दिख जाये तब भी कार्रवाई नहीं होती ।
महापौर किरणमयी नायक ने तो शराब-बिरयानी कांड के बाद सारा ठीकरा कमिश्रर के सिर फोड़ दिया । उन्होंने कह दिया कि यदि कमिश्रर लगातार मानिटरिंग करते रहते तो यह घटना नहीं होती केवल आदेश निकालने से कुछ नहीं होता । लेकिन सवाल यह भी है कि नौकरशाह पर नकेल कसने की जिम्मेदारी शहर की जनता के महापौर को दिया है वे क्यों सश्प्राईज चैकिंग क्यों नहीं करती ।
आम आदमी निगम से कितना त्रस्त है यह किसी से छिपा नहीं है । सफाई कर्मी तक शराब के नशे में सुबह-सुबह दिख जाते हैं । मुख्यालय या जोन पहुंचने वालों को खासकर महिलाओं को कितनी दिक्कत होती है यह भी किसी से नहीं छिपा नहीं है ।
स्वे'छा चारिता की हदें पार हो चुकी है और पार्षदों का काम ही दूसरा हो चुका है । कई पार्षद तो अपने वार्डो को सुधारने की बजाय कमाई में Óयादा ध्यान है । ठेकेदारों से काम कराने की बजाय कमिशन का खेल चल रहा है । और जब जनप्रतिनिधि ही कमिशन खोरी में लग जाये तो कर्मचारियों की स्वे'छाचारिता तो बढ़ेगी ही ।
मूंदी
मुंदी आंख से
शहर के चचिते अवैध निर्माण से चंदा वसूलने गये एक पार्षद को जैसे ही पता चला कि उनके नाम का पैसा कोई ले गया है तो वह पहले तो आग बगुला हो गया लेकिन पैसा ले जाये वाले का नाम सुनते ही गिड़गिड़ाने लगा कि आप कुछ न कहना मैं ही बात कर लुंगा ।