गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021

किसानों का सच !

 

किसान आंदोलन से बेचैन मोदी सत्ता ने जिस तरह से किसानों को रोकने की कोशिश में अपनी पूरी ताकत लगा दी है, वह हैरान करने वाली तो है ही लोकतंत्र में विश्वास के नए संकट को जन्म दिया है। ऐसे में ट्रोल आर्मी और वॉट्सअप यूर्निवसिटी की भूमिका से देश में नफरत, झूठ और अफवाह को बल मिला है और इसे नहीं रोका गया तो हालत बदतर हो जायेंगे।

दरअसल किसानों ने जिस तरह से तीनों कानून के खिलाफ आक्रामक रूख अख्तियार किया है वह किसी भी सत्ता के लिए सहज नहीं है और ऐसे में किसानों के खिलाफ हो रहे झूठे विषवमन से एक नए तरह का तनाव पैदा हो गया है।

किसानों को लेकर जिस तरह की सब्सिडी देने की बात कही जाती है उसे समझना होगा। इस देश को आत्मनिर्भर बनाने में किसानों ने जो योगदान दिया है वह अनुकरणीय है ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि किसानों को पूरी दुनिया की सरकारें सब्सिडी देती है और भारत की तुलना में अमेरिका-चीन सहित चार दर्जन से अधिक देश आठ गुणा से लेकर 15 गुणा अधिक सब्सिडी देती है।

इसी तरह इंकम टैक्स में छूट को लेकर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही है उसका भी सच यह है कि इस छूट का केवल वह किसान फायदा लेता है जो बड़े किसान है और ज्यादातर बड़े किसान या तो राजनीति से जुड़ा है या व्यापार से। आम किसान यानी 95 फीसदी किसान तो आज भी इंकम टैक्स की फाईल ही नहीं भरता।

इसी तरह जीएसटी भी किसान देता है। हर खरीदी में जीएसटी इस देश के हर नागरिक को देना पड़ता है इससे फिर किसान कहां छूट सकता है। और यह सभी के लिए बराबर है।

किसान आंदोलन कमजोर करने और किसानों के खिलाफ नफरत की बीज बोने की कोशिशों का दुष्परिणाम भयावह होगा। किसानों की मांगों को लेकर सरकार जिस तरह का रवैया अख्तियार किया है वह देश के लिए उचित नहीं कहा जा सकता।

एक तरफ मोदी सरकार स्वयं को किसानों का हितैषी बताती है तो दूसरी तरफ बजट केवल बाजार के लिए या पूंजीपतियों के लिए बनाती है। इस बजट में जिस तरह से 50 लाख के 6 साल पुराने मामलों को बंद करने का ऐलान किया गया है वह भी हैरान करने वाला है।

बजट में कहा गया है कि 6 साल पुराने इस मामले को इंकम टैक्स के द्वारा बंद कर दिया जायेगा। जबकि इसके दायरे में आने वालों की संख्या गिनती के है। 

बजट को लेकर जिस तरह की प्रतिक्रिया आ रही है और उसका सच बाहर निकल रहा है वह संकेत है कि निजीकरण के इस दौर में मोदी सत्ता अपनी जिम्मेदारी से दूर भागना चाहती है।