रविवार, 1 अप्रैल 2012

बेलगाम अफसर...


 बिलासपुर के विशेष न्यायालय ने कल छत्तीसगढ़ के 22 अफसरों पर जुर्म दर्ज करने का आदेश दिया है। जमीन घोटाले में लिप्त इन अफसरों के खिलाफ जर्म भी दर्ज हो जायेगा लेकिन इनके खिलाफ कैसे और क्या कार्रवाई होगी कोई नहीं बता सकता। नामी गिरामी ये अफसर आज भी ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं जहां मोटी कमाई की गुजांईश बरकरार है।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के पहले से ही भूमि घोटाले की खबरें आते रही है लेकिन इन घोटालों में जब मंत्री या यूं कहे पूरी सरकार ही शामिल हो तो फिर अफसरों पर कार्रवाई की बात बेमानी होकर रह जाती है। छत्तीसगढ़ में जिस तरह से रोज एक नये भ्रष्टाचार का खुलासा हो रहा है वह शर्मनाक है।
इस बेलगाम होते अफसरों को नहीं रोकने में सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। इस सरकार ने दागी अफसरों को गोद में बिठाने की जो परम्परा की शुरूआत की है इसका दुष्परिणाम सामने आने लगा है। हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। खासकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के उर्जा व खनिज विभाग में तो चून चून के दागी अफसरों को महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया गया है।
हमने कल ही इसी जगह पर बेलगाम जनप्रतिनिधियों की बात कहते हुए कहा था कि जब प्रदेश का मुखिया को ही विधानसभा में अपने द्वारा कहे गए अपशब्दों के लिए माफी मांगी पड़े तो फिर दूसरे जनप्रतिनिधियों से हम संयम की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं। हो सकता है हमारी ये बाते नागवार गुजरे लेकिन भरी विधानसभा में गृहमंत्री ने थानेदारों के बारे में जो कुछ कहा था वह ठीक है। या जब रमन सरकार की अपनी भारतीय जनता पार्टी डौंडी लोहारा से विधानसभा की टिकिट ऐसे अफसरों को देने की कोशिश करे जिसे नौकरी में रहने का अधिकार ही न हो। या जब मंत्री या सत्ताधारी पार्टी के लोग ही जब अफसरों से गलत काम करवाये तब बेलगाम अफसरों को कैसे रोका जा सकता है।
छत्तीसगढ़ के लिए यह भयावह स्थिति है। विधानसभा में मनोज डे पर उंगली उठी लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता, बाबूलाल अग्रवाल मामले में भी वे जिल्लत बर्दाश्त करने तैयार हैं और उनकी पार्टी जोगी शासन काल में जिन अफसरों को दलाल कहते नहीं चुकती थी उसे गोद में बिठा के रखना यह कौन सी राजनैतिक सुचिता है।
इस सबके बाद भी हम यह नहीं कह रहे हैं कि इस सरकार को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है बल्कि हम चाहते है कि दागी अफसरों को फिल्ड में नहीं भेजा जाये। सरकार ये बात समझ ले कि फिल्ड में एक भी दागी असफर रहे या एक भी दागियों को गोद में बिठाया गया तो दूसरे अफसर भी नहीं डरेंगे और छत्तीसगढ़ में लूट का सिलसिला नहीं रूक पायेगा...! तब इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ी को भोगना पड़ेगा।