बुधवार, 11 दिसंबर 2013

आप की चुनौति...


रायपुर। कांग्रेस और भाजपा की अडिय़ल रूख से पैदा हुई आम आदमी पार्टी ने जो अप्रत्याशित सफलता पाई है उससे एक बात तो तय है कि भारतीय जन मानस का दोनों ही बड़ी पार्टी से विश्वास टूटा है वहा आज भी राजनीति में उच्च आदर्श के सिद्धांत की न केवल  उम्मीद करती है बल्कि अपनी उम्मीद को साकर करने के किसी भी मौके को छोडऩा नहीं चाहती।
जन लोकपाल बिल को लेकर दिल्ली से शुरू हुई लड़ाई को जब गां-कस्बों में समर्थन मिले लगा तब भी इसे नौटंकी बताने वालों की कमी नहीं रही। कांग्रेस ने तो अन्ना के जनलोकपाल को सिरे से नकारा ही भाजपा की भूमिका भी संदिग्ध हो गई। संसद में पहुंचकर जन लोकपाल बनाने की चुनौती को स्वीकार करने वाले केजरीवाल को कम आंकना दोनों ही दलों के लिए परेशानी बढ़ाने वाला साबित हुआ और दिल्ली की जनता ने बता दिया कि वह सरकार से क्या उम्मीद रखती है।
आम आदमी पार्टी ने ििजस बेबाकी से सरकार बनाने के प्रस्ताव को नकारा है सही मायने में यह उच्च राजनैतिक सिद्धांत है जिसे इस देश की लगभग तमाम पार्टियों ने सत्ता की चाह में भुजला दिया है।
भाजपा और कांग्रेस ने गठबंधन की राजनीति में जो खेल खेला है उसे लोग नहीं भूल पाये है। राम मंदिर बनने से लेकर घारा  370 हटाने को लेकर वोट बटोरने के बाद सत्ता के लिए इन मुद्दों को त्यागना भाजपा के लिए आज भी  दाग बना हुुआ है।
 सत्ता के लिए सिद्धांतों से समझौते की परम्परा के बीच आम आदमी पाटीर्र के रूख को भले ही एक वर्ग अडिय़ल रवैया कह रहा हो पर सच तो यह है कि सिर्फ  सत्ता सुख के लिए  सिद्धांतों से समझौता न केवल अनुचित है बल्कि उन लोगों के साथ धोखा और बेईमानी है जिन लोगों ने मुद्दों की वजह से अनपा वोट और समर्थन दिया है।
इतिहास में ऐसे कितने ही उदाहरण है जब लोगों ने सिद्धांतों के आगे अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया पर वे किसी दबाव या प्रलोवन में टूटे नहीं है और वे इतिहास पुरूष बन गए है। इस  देश को आज गांधी के बाद ऐसे ही उच्च आदर्शवाले नेताओं की जरूरत है।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में चल रहे सत्ता के खेल में स्वयं को दूर रख  एक नया आदर्श सावित किया है और हम उनसे ही ताय आदर्शो की उम्मीद करते है ताकि अब तक हो रही जनता से धोखाधड़ी बंद हो।
केजरीवाल और  उसकी पूरी पार्टी देश भर में लोकसभा का चुनाव लड़ रही है और यह कांग्रेस और भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबिह होगी। भले ही आज आम आदमी पार्टी पूरे देश बजूद को इंकार किया  जा रहा है और हमसे भी कई लोग इत्तेफाक नहीं रखते हो पर हम बता देना चाहते हैं कि आज भी इस देश में ऐसे लोगों की संख्या बहुत है जो अपने नेता में आदर्श ढूढंता है और इनकी संख्या किसी भी सरकार बनाने-बिगडऩे के लिए काफी है।