शनिवार, 11 अप्रैल 2020

दो युवा व्यापारियों की गोली मार कर हत्या….. पड़ोसी ने लाश घर के पीछे गाड़ कर छिपाई…… मामले में दो आरोपी गिरफ्तार


अंबिकापुर। दो दिनों पहले 10 अप्रैल की रात से लापता दो भाईयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। साक्ष्य छिपाने के लिए दोनों भाइ्रयों की लाश को हत्यारे ने अपने घर के पीछे ही गाड़ दिया था। जिस इनोवा क्रिस्टा से दोनों भाई सौरभ अग्रवाल और सुनील अग्रवाल निकले थे, उसे आकाशवाणी के पास संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद किया गया था। परिजनों की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ दर्ज अपराध के तहत मामले की तफ्तीश शुरू हुई। एसपी सरगुजा ने इस मामले में लापता दोनों भाईयों की तलाश के लिए तीन टीम गठित किया था। 
संदेह के आधार पर पड़ोसी आकाश गुप्ता को जब हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या करना स्वीकार किया। इस दोहरे हत्याकांड में दूसरे आरोपी सिद्धार्थ यादव को भी हिरासत में लिया गया है। हत्या के पीछे वजह का खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इनके बीच लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी बीच 10 अपै्रल को आकाश को मौका मिला और दोनों भाईयों की उसने हत्या कर दी।

लाँकडाउन से छत्तीसगढ़ सरकार को लगभग 11 हजार करोड़ का नुकसान!




 कोरोना के कहर से छत्तीसगढ़ के व्यपार में ग्रहण लग गया है। कोयला, लोहा, सीमेंट और बिजली छत्तीसगढ़ के लिए धन कुबेर कहे जा सकते हैं। दरअसल राज्य को कुल राजस्व का करीब 50 फीसदी से अधिक हिस्सा इन्हीं चारों सेक्टरों से आता है। लेकिन इस वक्त कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में भी लॉक डाउन है। जिस वजह से प्रदेश की अर्थव्यवस्था डगमगा जाएगी।

आपको बता दें कि लॉकडाउन के चलते सभी क्षेत्रों में उत्पादन बंद है। लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी पूरी तरह से ठप्प है जिसके कारण फैक्ट्रियों में बना हुआ माल भी डिस्पैच नहीं हो पा रहा है।

छत्तीसगढ़ के प्रमुख व्यापार स्तंभ
कोयला : राज्य के राजस्व का एक बहुत बड़ा हिस्सा कोयला से आता है। यहां देश का 16 फीसद कोयला भंडार है। देश के पूरे उत्पाद में 18 फीसदी योगदान छत्तीसगढ़ का है।इस मामले में राज्य देश में दूसरे स्थान पर है।

लोहा : राज्य का 26 फीसद से अधिक खजाना लोहा ही भरता है। देश का करीब 20 फीसद लौह अयस्क भंडार यहीं है। देश का 15फीसद लोहे का उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है। लोहा उत्पादन के मामले में भी राज्य देश में दूसरे स्थान पर है।



सीमेंट : देश का करीब पांच फीसद चूनापत्थर का भंडार छत्तीसगढ़ में हैं। राज्य में फिलहाल एक दर्जन से अधिक बड़े सीमेंट संयंत्र हैं जो देश की करीब 20 फीसदी जरूरत पूरी करते हैं। सीमेंट उद्योगों से भी राज्य को बड़ा राजस्व प्राप्त होता है।

बिजली : छत्तीसगढ़ को देश का पॉवर हब कहा जाता है। यहां सरकारी और निजी सेक्टर मिलाकर करीब 23 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है। राज्य की सरकारी बिजली कंपनी देश की उन चुनिंदा बिजली कंपनियों में शामिल है जो मुनाफे में रहती हैं।

कम से कम 3 माह का लगेगा समय
इसके अलावा प्रदेश में ट्रेडिंग का व्यवसाय भी किया जाता है। जिसमें अनाज, किराना, कपड़ा, इलेक्ट्रानिक के सामान शामिल हैं। पड़ोसी राज्य ओड़िशा, झारखंड, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में भी छत्तीसगढ़ से ही व्यापार किया जाता है। लॉकडाउन खुलने के बाद भी कम से कम 3 माह व्यापार को सुचारू रूप से चलाने में समय लगेगा। इस दौरान 10-11 हजार करोड़ के कर व आर्थिक सेवाओं का नुकसान सरकार को उठाना पड़ सकता है।

लॉकडाउन का असर
स्टील, सीमेंट, पॉवर, कोल उद्योग लगातार चलने वाले उद्योग हैं। जो एकबार बंद होते हैं तो बगैर मेंटेनेंस के उन्हें शुरू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके अलावा इन उद्योगों में काम करने वाले लेबर उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब से आते हैं जो अपने-अपने क्षेत्रों में लौट चुके हैं। लॉकडाउन के खत्म होने के बाद इन कर्मचारियों को वापस लौटने में भी समय लगेगा। जिसके कारण औद्योगिक क्षेत्रों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। लॉक डाउन की वजह से छत्तीसगढ़ में इन उद्योगों को बड़ी मार पड़ी है। प्रदेश में बंद पड़ी इन फैक्ट्रीयों को शुरू करने में समय लगेगा साथ ही खर्चे भी बढ़ेंगे। हालांकि केंद्र सरकार ने 10 फीसदी एडॉक लिमित देने हा निर्देश बैंकों को दिया है। इसके बावजूद प्रदेश के व्यापारी वर्ग व उद्योग घरानों को इस लॉकडाउन का नुकसान उठाना पड़ेगा।

नोटः यह लेखक सीए बजरंग अग्रवाल, पूर्व सचिव इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंट ऑफ इंडिया(ICAI), रायपुर ब्रांच के स्वतंत्र विचार हैं।
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