मंगलवार, 25 मई 2010

हत्या का आरोपी अजय मंत्री का खास,पर्यटन में यही करते है सब कुछ पास

पर्यटन का पीआरओ असली एमडी?
छत्तीसगढ़ पुलिस का इससे दुखद पहलू और क्या होगा कि एय्याशी के लिए ले गए कालगर्ल योति की हत्या करने का आरोपी अजय श्रीवास्तव न केवल प्रदेश के दमदार माने जाने वाले मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के विभाग पर्यटन में न केवल पीआरओ है बल्कि उसकी एमडी से यादा चलती है?
छत्तीसगढ़ में राजनैतिक संरक्षण में फल-फूल रहे अपराधियों की यह एक उदाहरण मात्र है। पूरे मामले का दिलचस्प पहलू यह है कि इस मामले में शामिल कई लोग तो उसी समय एफआईआर से नाम कटवाने में सफल हो गए थे लेकिन जिन तीन लोगों को योति कदम नामक कालगर्ल का हत्यारा बताया गया था उनमें राजू, संजीव चौबे और अजय श्रीवास्तव के नाम थे इसमें से अजय श्रीवास्तव को फरार बताया गया है।
घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार गुढियारी निवासी उमा गुप्ता के अड्डे से आधा दर्जन युवकों ने योति कदम नामक कालगर्ल को एय्याशी के लिए ले गए थे पुलिस के एफआईआर के मुताबिक इस युवती से आरोपियों का विवाद हुआ और खाना खाने के दौरान युवती भाग गई। इसके बाद आरोपियों ने उसकी खोजबीन की और युवती के मिलने पर उसे कार से कुचलकर मार डाला। घटना राजू, संजीव चौबे एवं अजय श्रीवास्तव द्वारा किया गया। अपराध क्रमांक 7099 में दर्ज कर अजय श्रीवास्तव को फरार बताते हुए बाद में प्रस्तुत करने की बात एफआईआर में की गई है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि अजय श्रीवास्तव तब दुग्ध संघ के कर्मचारी थे और उन्हें राजनैतिक दबाववश गिरफ्तार करने से पुलिस बचती रही। इधर हमारे सूत्रों ने बताया कि तब भी अजय श्रीवास्तव की भारी पहुंच रही लेकिन वे अन्य लोगों की तरह किस्मतवाले नहीं थे इसलिए एफआईआर से नाम नहीं हटवा पाए। इधर इस मामले में पुलिस की भूमिका को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे है कि अय्याशी के बाद हत्या जैसे जघन्य मामले के आरोपी को 11 साल बाद भी पुलिस क्यों गिरफ्तार नहीं कर रही है।
सवाल यह भी उठ रहे हैं कि बृजमोहन अग्रवाल जैसे सुलझे हुए मंत्री को क्या इस बात की जानकारी नहीं है कि जिसे वे अपना खास बनाए हुए हैं वह हत्या जैसे जघन्य मामले का आरोपी है और यदि यह जानते हुए भी उसे पर्यटन में लाया गया है तो अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप से वे कैसे बच सकते हैं। इस संदर्भ मामले में पुलिस ने किस तरह दबाव में हत्याकांड के आरोपी को नहीं पकड़ पाई यह भी जांच का विषय है और इस सबका खुलासा उच्चस्तरीय जांच या फिर सीबीआई जांच से ही संभव हो पाएगा।
इस मामले में जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री डॉ. निरंजन हरितवाल ने कहा कि बगैर मंत्री के जानकारी के यह सब नहीं हो सकता। बृजमोहन अग्रवाल जिस तरह से नेतागिरी करते हैं उससे नहीं लगता कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होगी कि अजय श्रीवास्तव हत्याकांड का फरार आरोपी है और इस आरोपी को जानबूझकर संरक्षण दिया गया। डॉ. हरितवाल ने तो अजय श्रीवास्तव को तत्काल हटाने की मांग करते हुए सीबीआई जांच की मांग भी की है उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ धारा 302, 201 और 34 का मामला दर्ज हो वह नौकरी करते हुए कैसे फरार रह सकता है। इधर इस मामले की अदालती कार्रवाई की जानकारी नहीं हो पाई है जबकि अजय श्रीवास्तव से इस बारे में जानकारी लेने या उनके पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन वे ऑफिस में उपलब्ध नहीं थे।