मंगलवार, 25 जून 2024

केदार का करामात...

केदार का करामात...


रमन राज में अपनी करामात दिखा चुके प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप के बारे में वन कहा जाता है कि सब सुधर जाये तो सुधर जाये केदार नहीं सुधरेंगे ? और यही वजह है कि अपनी हरकतों की वजह से  2018 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। और इस बार भूपेश विरोधी लहर में चुनाव जीतने के बाद साय सरकार ने उन्हें मंत्री तो बना दिया लेकिन वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और एक बार फिर अपनी करामात दिखाना शुरु कर दिया है।

दरअसल केदार कश्यप की अपनी पहचान क्या है कहना मुश्किल है। वे बस्तर के कद्‌दावर माने जाने वाले नेता स्व बलिराम कश्यप के पुत्र है। बलिशम कश्यप की दबंगई के सामने पार्टी में पटवा - लखीराम गुट पानी मांगते थे । लेकिन केदार कश्यप की राजनीति को लेकर कहा जाता है कि स्व-बलिराम जितने दबंग थे  केदार कश्यप उतने ही पिलपिले हैं। तो वे पिलपिले है या नहीं यह ये कहना कठिन है। लेकिन छत्तीसगढ़ में वन मंत्री के मायने क्या यह किसी से छिपा नहीं है। इससे पहले रमन राज में वन मंत्री रहे विक्रय उसेंडी को लेकर जो चर्चा उसी तरह की चर्चा अव एक बार फिर शुरू हो गई है। कैम्पा मद से लेकर जंगल तस्करों से अधिकारियों के खेल की केदार कश्यप अब समझ चुके हैं, लेकिन कितना समझे हैं इसका तो पता नहीं लेकिन उनके करामातों की चर्चा जब राजधानी पहुंची तो उन्हें चेतावनी मिलने की भी चर्चा है।

कहा जाता है कि इस चेतावनी के बाद खेल तो बदल गया है लेकिन करामात जारी है।

योगी अब मोदी के ख़िलाफ़ खुलकर आये

 मोहन भागवत से मुलाक़ात होते ही योगी ने मोदी से दो -दो हाथ करने की तैयारी कर ली 

अमित शाह और योगी का बैर किसी से छिपा नहीं है

लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बुरी गत के लिए बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई ही ज़िम्मेदार है

ऐसे में क्या मोहन भागवत ने योगी से मुलाक़ात कर उन्हें ताक़त दे दी है


सूत्रों की माने तो संघ प्रमुख और योगी के बीच मुलाकात शनिवार को ही दो बार हुई। पहले तो दिन में गोरखपुर कैंपियरगंज इलाके में संघ की एक बैठक के दौरान हुई। वहीं सूत्रों की मानें तो शहर के पक्कीबाग इलाके में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने सीएम योगी पहुंचे थे। इस दौरान दोनों के बीच बंद कमरे में करीब 30 मिनट तक बातचीत हुई।

सूत्रों की माने तो संघ प्रमुख का गोरखपुर में आकर सीएम योगी से मिलना एक सामान्य मुलाकात नहीं है। इसके कई मायने है। बीते चुनाव में यूपी में भाजपा की हुई हार को लेकर लंबी चर्चा होने का अनुमान है। जहां पहले तो बीजेपी मजबूत स्थिति में नजर आ रही थी।

 जानकारी के अनुसार बुधवार को गोरखपुर पहुंचने के बाद से ही संघ प्रमुख मोहन भागवत ने क्षेत्र के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक करके चुनावी रिपोर्ट ली।

इधर सूत्रों का दावा है कि संघ प्रमुख के सामने योगी ने अमित शाह की मनमानी की वजह से यूपी में बीजेपी की स्थिति पर पूरी रिपोर्ट ही नहीं दी बल्कि ये आश्वासन भी ले लिया कि अब वे यूपी में किसी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

कहा जा रहा है कि इस मुलाक़ात ने योगी की ताक़त बारह दी है और वे अब मोदी से दो दो हाथ को तैयार है। देखना है कि वे सिर पर बैठे दो उपमुख्यमंत्रियों का क्या करते हैं।

https://youtu.be/ZEi1Xf4cozg?si=83syd5YQa86B_YPL