शुक्रवार, 25 मई 2012

मोदी और रमन...


मुम्बई में चल रहे भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह की नितिन गडकरी ने तारीफ की,छत्तीसगढ़ भाजपा के लिहाज से यह महत्वपूर्ण है। कोयले की कालिख सहित कई तरह के भ्रष्टाचार में फंसी सरकार की जब आम लोगों में साख गिर रही है तब राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तारीफ एक तरह से रमन विरोधियों को पटकनी देने से कम नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार के काम काज को लेकर भाजपा के रमेश बैस,श्रीमती करूणा शुक्ला, नंदकुमार साय सहित कई लोग नाराज है। कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन रिहाई मामले में सरकार की भूमिका की यहां थू-थू हो रही है वहांं पीठ थपथपाई जा रही है। राजनीति के इस गुढ़ रहस्य को तो आम लोग भी नहीं समझ पा रहे है कि आखिर जिस मामले में सरकार की किरकिरी हो रही है। जिस मुख्यमंत्री के राज में अफसरशाही हावी बताये जा रहे है प्रशासनिक ढीलापन की बात कही जा रहा है। उसी मुख्यमंत्री को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  कुशल प्रशासक बता रहे है।
दरअसल कोयले की कालिख में नीतिन गड़करी का नाम भी जुड़ा है और जब भाजपा में आंतरिक गुटबाजी चरम पर है। मोदी येदिरप्पा,अरूण जेटली, सुषमा स्वराज जैसे लोग आंख दिखा रहे हो तब डॉ.रमन सिंह ही बच जाते है जो नितिन गड़करी के साथ है शायद यह वजह भी मायने रखती है। दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी ने अपनी जिद पूरी करवा  कर ही बैैठक में पहुुंचे। संजय जोशी से उनकी टकराहट और नितिन गड़करी का संजय जोशी को समर्थन का यह पेचिदा मामला मोदी के जिद के आगे  नेस्तनाबूत हो गया और नितिन गडकरी की जबरदस्त हार के रूप में इसे देखा जा रहा है। राजनैतिक विश्लेषक नरेन्द्र मोदी की इस जीत पर हैरान है। और अब तो भाजपा में यह राष्ट्रीय अध्यक्ष के हैसियत भी नापी जा रही है।
कहा जाता है कि यदि राष्ट्रीय अध्यक्ष ही कमजोर हो तो कोई भी आंख दिखा सकता है फिर नरेन्द्र मोदी तो वैसे भी भाजपा मेें बड़े नेता बनकर उभर चुके है। उनकी लोकप्रियता के आगे नितिन गडकरी कहीं नहीं टिकते है। और येदिरप्पा से पहले ही परेशान नितिन के लिए मोदी से लडऩा आसान भी नहीं था। यही वजह है कि सिडी कांड के लिए चर्चित संजय जोशी को इस्तीफा देना पड़ा। यही वजह है कि मोदी की पीठ नहीं थपथपाने के बाद भी वह हीरो बनकर उभर गये!