सोमवार, 19 अगस्त 2024

अंधा बाँटे रेवड़ी...

 अंधा बाँटे रेवड़ी...


यह तो अंधा बाँटे रेवड़ी... की कहावत को ही चरितार्थ करता है, वरना खेल विभाग के द्वारा  खेल अलंकरण और पुरस्कार को लेकर इतना गोल माल नहीं होता, कहा जाता है कि अपने लोगों को उपकृत करने में लगी छत्तीसगढ़ की डबल इंजन सरकार के खेल मंत्री टंकराम वर्मा की इस टंकार से खिलाड़ियों में ग़ुस्सा भर गया है और वे इसे लेकर प्रधानमंत्री तक शिकायत करने लगे है।

पीएगिरी से मंत्री तक के सफ़र में खेल मेत्री के कारनामें की चर्चा नया नहीं है, कहा जाता है कि जब वे पीएगिरी कर रहे थे तब भी अपनी लाला वाले रोल से चर्चित थे। चर्चित तो वे अपने गृह जिले में खेलों की बदहाली को लेकर भी है लेकिन इस बार चर्चा खेल अलंकाण और खेल पुरस्कार को लेकर है।

भूपेश सरकार के दौरान इसके लिए तरस रहे खिलाड़ियों व खेल संगठनों की उम्मीद पर पानी तब फिरने लगा जब पुरस्कारों की सूची जारी हुई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अवॉर्ड के लिए खेल विभाग ने एक ऐसे खेल संघ को पात्रता दे दी, जिसे विभागीय मान्यता 7 जुलाई 2024 को दी गई। यहां बात नॉन ओलंपिक गेम किक बॉक्सिंग की हो रही है। जिस वर्ष में उपलब्धि के लिए खिलाड़ियों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, उस वर्ष में तो किक बॉक्सिंग को विभागीय मान्यता मिली थी या नहीं, इस पर भी अब प्रश्नचिन्ह लगाया जा रहा है। इस खेल में कोरबा की श्रेया शुक्ला और कृष्णकुमार डडसेना को वर्ष 2021- 22 एवं वर्ष 2022-23 में शहीद कौशल यादव पुरस्कार की पात्रता खेल विभाग की पुरस्कार समिति ने दी है। इसे लेकर अब खिलाड़ियों में चर्चा शुरू हो गई। इतना ही नहीं सीनियर वर्ग के शहीद राजीव पांडेय पुरस्कार के लिए ओलंपिक खेलों की सूची में वुशू को शामिल करके वेटलिफ्टिंग के पदक विजेता खिलाड़ी को दरकिनार कर दिया गया। वुशू में राजनांदगांव के डी. पार्थ को इसकी पात्रता दी गई है। वहीं सीनियर नेशनल वेटलिफ्टिंग के पदक विजेता रायपुर के विजय कुमार को इस अवॉर्ड की पात्रता से अलग कर दिया गया है। इसे लेकर वुशू के सीनियर खिलाड़ी प्रतीक सिंह ने कहा कि डी. पार्थ का सीनियर वर्ग में कोई पदक नहीं है, वह जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भाग लिया था। इधर वेटलिफ्टर विजय कुमार ने वुशू को ओलंपिक गेम कैसे माना जा रहा है।

वर्ष 2022-23 के शहीद राजीव पांडेय पुरस्कार नियम में सात खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने का प्रावधान है। लेकिन खेल विभाग द्वारा जारी सूची में केवल 6 खिलाड़ियों को ही इसकी पात्रता दी गई। इसमें ओलंपिक गेम से 4 खिलाड़ियों को शामिल किया गया, लेकिन नॉन ओलंपिक व पैरास्पोर्ट्स से 1-1 खिलाड़ी नामित किये गये।

वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक में इसे केवल प्रदर्शन के लिए रखा गया था। मेडल टेली में इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं है। 

एक खिलाड़ी को रस्साकशी में दो पुरस्कार खेल विभाग की जारी सूची में टग ऑफ वार (रस्साकशी) की खिलाड़ी रायपुर की नेहा यादव को वर्ष 2021-22 के शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।

यही खिलाड़ी वर्ष 2021-22 के मुख्यमंत्री ट्रॉफी पुरस्कार के लिए नामित 10 खिलाड़ियों

के दल में भी शामिल है। इस प्रकार एक खिलाड़ी को एक ही वर्ष में दो अलग-अलग

पुरस्कार की पात्रता कैसे दी गई, इस पर भी आपत्ति दर्ज कराई जा रही है।

राज्य के लिए पदक विजेता राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और उन्हें इसके लिए तैयार करने वाले प्रशिक्षकों के अधिकारिक रूप से जारी कर दी।