सोमवार, 1 मार्च 2010

मेरे देश को बचाओ ...


अरे परिचय का मोहताज नहीं है बाबूलाल

इस बार होली में सिर्फ उढ़ाओ गुलाल

रायपुर का पीछा नहीं छोढ़ेगा ये बाबूलाल

कभी गली तो कभी कुछ बनकर हुआ लाल

पैसे से पुराना इसका नाता है

पैसे पाकर मस्त हो जाता है

जब बदनाम गली बंद हुआ

फिर कैसे बाबूलाल का जन्म हुआ

इस बार होली में फकत गुलाल लगाओ

इस देश को बाबूलाल से बचाओ