ऑपरेशन सिंदूर पर राफ़ेल का ये
सच मोदी की नींद उड़ा देगा…
आज फ्रांस से खबर आई है की राफेल विमान बनाने वाली कंपनी द साल्ट ने एक बयान जारी किया और उसमें कहा स्ट्राइक में एक ही राफेल गिरा है और उसकी वजह भी कुछ तकनीकी खामी है! द साल्ट ने यह भी कहा भारत में विमान की देखरेख उपयुक्त तरीके से नहीं हो रही है उल्लेखनीय है विमान की देखभाल का ठेका सरकार ने अनिल अंबानी को दिया था!
द साल्ट यह भी कहा भारत की ट्रेनिंग में कमी है इस वजह से उपयुक्त पायलट नहीं है!
द सॉल्ट ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह एक ऑडिट कंपनी भारत भेजना चाहता है, जो बचे हुए राफेल की जांच करना चाहती है और यह भौतिक रूप से सत्यापित करना चाहती है कितने राफेल धारा शाही हुए लेकिन भारत सरकार ने द साल्ट को पूरी तरह मना कर दिया! सरकार ने कहा यह हमारे आंतरिक मामले में दखल होगा!
इस परिपेक्ष को यूं भी समझा जा सकता है भारत सरकार सच्चाई बताने की इच्छुक नहीं है!
राहुल गांधी ने एक सवाल पूछा और एक विचारधारा ने उन्हें देशद्रोही करार दे दिया! अब वही सवाल देश की जनता को परेशान कर रहा है!
इधर भारत के मुख्य रक्षा अधिकारी सीडीएस चौहान साहब ने सिंगापुर में बयान दिया था, विमान के संदर्भ में सेना के पक्ष पर तकनीकी त्रुटियां हुई थी और फिर उसे हमने सुधारा और पाकिस्तान के ठिकानों पर आक्रमण किया? उन्होंने स्वीकार किया हमारे कुछ विमान गिरे थे!
इंडोनेशिया में डिफेंस अटैची शिवकुमार ने कहा भारतीय सेना के हाथ सरकार ने बांधे हुए थे इस वजह से हमारे विमान गिरे!
और 2 दिन पहले उप सेना अध्यक्ष राहुल के सिंह का बयान भी सुर्खियों में रहा , जिसमें भी उन्होंने यह सवाल उठाए की सरकार ने हमें पूरी इजाजत नहीं दी इस वजह से हमारे विमानो का नुकसान हुआ!
भाजपा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी दावा करते हैं पांच राफेल गिरे!
अंतरराष्ट्रीय मीडिया में रायटर के , अल जजीरा के अलग-अलग दावे हैं!
एक तरफ हमारे सेना के अधिकारी मान रहे हैं, हमारे एक से अधिक विमान का नुकसान हुआ वही द साल्ट का कहना है की एक ही राफेल गिरा! और अंतरराष्ट्रीय मीडिया का अलग ही कहना है!
द साल्ट एक विमान कंपनी है और एक राफेल की कीमत ढाई हजार बिलियन डॉलर है ऐसे में यदि यह सिद्ध हो जाता है चीनी मिसाइल ने भारत के राफेल गिरा दिए तो अंतरराष्ट्रीय व्यापार में राफेल की मार्केटिंग बिल्कुल शून्य हो जाएगी क्योंकि इतने महंगे विमान पर लोगों का भरोसा खत्म हो जाएगा!
विश्लेषक यह भी मानते हैं राफेल का स्टैंड इसी के चलते पतली गली निकालने की कोशिश कर रहा है!
लेकिन क्या सरकार का दायित्व नहीं बनता प्रमाणिकता से देश की जनता को सही बात बताएं ताकि एक तो यह कंट्रोवर्सी बंद हो और दूसरा सेना के पराक्रम को कोई प्रश्न चिन्हित नहीं कर सके?
और जवाब आने के बाद शायद देशद्रोही कौन इसका भी फैसला हो जाएगा! और सबसे बड़ी बात तो यह है कि साल्ट के इस सच ने मोदी सत्ता की करतूत खोल कर रख दी है…
क्योंकि कहीं-कहीं पूरे संदर्भ में और सेना के अधिकारियों के बयान के परिपेक्ष में ऐसा लगता है सरकार अपनी गलतियां सेना के सिर पर कर कर स्वयं बचना चाहती है!
जिस तरह सत्ता के प्रतिनिधियों ने सेना के अधिकारियों का
अपमानित किया है, उनको आरोपित किया है, सेना के पराक्रम पर सवाल खड़े किए हैं उससे इस बात को और ज्यादा बल मिलता है!