अहमदाबाद प्लेन क्रैश साज़िश…
अहमदाबाद में हुई हवाई जहाज़ दुर्घटना क्या किसी की साज़िश थी, इस खेल में कौन शामिल है, प्रारंभिक रिपोर्ट का सामने आना भी क्या षड्यंत्र का हिस्सा है , ऐसे कई सवालों के जवाब इंटरनेट में बिखरे पड़े है ऐसे में भास्कर की रिपोर्ट भी तो साज़िश की ओर इशारा कर रही है , तब कुछ बातें ऐसी समझी जानी चाहिए
मात्र 43 सेकेंड मे टेक आँफ और क्रँश की घटना हुवी..
अगर ये आखरी सेकेंड थे तो फिर एक पायलट द्वारा ये पुछा जाना - क्या तुमने इंजन बंद किया ?
दुसरे पायलट का जवाब - मैने इंजन बंद नही किया..
फिर मेडे..मेडे..मेडे का मँसेज.
ब्लँक बाँक्स के आधार पर बनाई गई लगभग 35 पन्नो की प्रायमरी जांच मे ये सबकुछ बतलाया गया है..
ये किस आधार पर बतलाया गया ?
विमान मे 2 ब्लँक बाँक्स होते है और इन्हे विमान के पिछले हिस्से मे पुछ की तरफ रखा जाता है..
विमान की पुछ सुरक्षित थी..
मोदी जब घटनास्थल गए तो विमान के पिछले हिस्से की फोटो और वीडियो सार्वजनिक की गई थी..
भौतिकी नियम के अनुसार विमान मुंंह की तरफ से गिरता है..
इस लिये ब्लँक बाँक्स को विमान की पिछली साईड मे रखा जाता है..
दुर्घटना होने के एक दिन पहेले ये विमान पँरीस से आया था..
रात भर अडानी एअरपोर्ट (सरदार वल्लभभाई एअरपोर्ट) पर पार्क किया हुवा था..
मतलब ये विमान अडानी एअरपोर्ट के संबंधित प्रशासन की कस्टडी मे था..
टर्कीश कंपनी की तरफ ध्यान भटकाए जाने के बाद टर्कीश कंपनी ने बयान देकर कहा के इस विमान का मेंटेनेंस हमने नही किया है..
जिस कंपनी ने किया है ऊसका नाम हमे पता है मगर हम किसी विवाद मे पडना नही चाहते..
संघ के और भाजपा के पुर्व मुख्यमंत्री की इस दुर्घटना मे मौत होने के बाद भी देश के किसी भी संघी या भाजपाई के मुंह से ' श्र 'ध्दांजलि का 'श्र' शब्द भी ना निकलना परेशान करता है..
ग्रीन एनर्जी से संबंधित देश का बिजनेस टाइकुन कौन है..?
संबंधित विमान रातभर कहां पार्क था..?
ग्रीन एनर्जी से रूपाणी क्यो खफा थे ?
पता नही..
ऐसे संदेहास्पद वातावरण मे..
ऊसी दिन सुबह 'मिड डे' अखबार मे विमान का बिल्डिंग के बाहर निकला हुवा हिस्सा बतलाया गया था और कुछ घंटो बाद इसी तरह से अहमदाबाद विमान हादसा हुवा..
विश्व को यूरोप अमेरिका नही चलाते..
विश्व को खुफिया ताकते चलाती है..
यूरोप अमेरिका समेत विश्व के सभी देशो के शासको को यही खुफिया ताकते अपने इशारो से चलाती है..
ये ताकते Jओ* निस्ट है मगर शैतान की ऊपासक होती है..
इन ताकतो को जब भी कोई षडयंत्र या कांड करना होता है तो ये इशारो इशारो मे पहेले ही सार्वजनिक रूप से बतला देते है..
ऐसा करने से पाप नही लगता ऐसा शैतान ऊपासको का विश्वास होता है..
सिमसन कार्टून , द इकानामिक टाईम्स वगैरह के माध्यम से अगले साल दस साल वाली प्रमुख घटनाए सांकेतिक तौर पर बतला दी जाती है..
ऐसे बहोत सारे ऊदाहरण दिये जा सकते है..
खुफिया ताकतो द्वारा बिल्डिंग मे फंसे एअर इंडिया लिखे विमान का फोटो ऊसी दिन सुबह मतलब 12 जुन को प्रकाशित किया जाना और गुजरात के पुर्व मुख्यमंत्री रूपाणी का ग्रीन एनर्जी से जुडे किसी विवाद के दरमियान हवाई यात्रा करना..
खुफिया ताकतो और रूपाणी के दुश्मनो का गठजोड होने का संदेह पैदा करती है..
खुफिया ताकतो की अपनी एक सच्चाई है..
टारटेनिक जहाज भी खुफिया ताकतो ने ही डुबोया था..
इस जहाज मे सैर करने के लिये ऊन ऊद्योगपतियो को आमंत्रित किया गया था जो फेडरल बँन्क की स्थापना का विरोध कर रहे थे..
और जहुदियो के आर्थिक जाल को तोडने के लिये समानांतर आर्थिक संस्था खडी करना चाहते थे..
मिड डे मे प्रकाशित चित्र की वजह से विमान मे कोई खराबी हुवी हो ऐसा मानने को मन नही करता..
क्यो की ऐसी घटना घटित होने का समय से पहेले ही इशारा कर देना खुफिया ताकतो की मोडस आँपरेंडी है..
ऊपरोक्त सभी जानकारी के आधार इंटरनेट पर जगह जगह फैले पडे है..
कमेंट मे इसी पर आधारित एक रिल का लिंक कमेंट करने का प्रयास किया जाऐंगा..(साभार)