रविवार, 14 जुलाई 2024

रेत माफियाओं का बढ़‌ता कहर

 रेत माफियाओ का बढ़‌ता कहर


छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं का कहर अब सर चढ़‌कर बोलने लगा है। हालांकि अभी मामला सिर्फ झड्प और धमकी चमकी तक ही सीमित है लेकिन यही स्थिति रही तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

प्रदेश में बारिश के मौसम में रेत उत्खनन का कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है लेकिन कई जिलों से जो खबरें आ रही है वह हैरान कर देने वाली इसलिए भी है क्योंकि खनिज विभाग मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास है और प्रतिबंध के बाद भी यदि रेत का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है तो इसकी दो ही वजह है, या तो रेत माफियाओं को उत्खनन की छूट दे दी गई है या फिर मुख्यमंत्री से यह विभाग संभल नहीं रहा है।

हालांकि खनिज विभाग ने इस दौरान कुछ कार्रवाई की है लेकिन कहा जा रहा कि इस दौरान जितनी भी कार्रवाई की गई है वह लोगों के दबाव में की गई है और कारवाई के  नाम पर खानापूर्ति की गई है।

बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में रेत माफियाकों की सक्रियता राज्य बनने के बाद से ही शुरू हो चुका था , इन माफियाओं को बक़ायदा राजौतिक संरक्षण भी मिलता रहा है, यही नहीं इस खेल में कहें विधायकों के रिश्तेदारो की सक्रिय भूमिका भी पाई गई है। जोगी- राज में तो तिवारी -जैन की जोड़ी ने जिस धड़ल्ले से काम किया था, उसे लोग आज भी नहीं नहीं भूल पाये हैं।

इसके बाद भी रमन राज हो या भूपेश राज रेत माफियाकों ने जमकर उत्पात मचाया । 

ऐसे में अब जब प्रतिबंधित समय में बड़े पैमाने पर खुले आम रेत का उत्खनन हो रहा है तब क्या इन्हें साय सरकार का सरक्षण है। और इस संरक्षण की वजह से ही रेत माफियाओं के पक्ष में विरोध करने वालों को डराने-धमकाने में राजस्व विभाग के अधिकारी भी खुलकर आ गये हैं।

ऐसा ही एक मामले का आडियो वायरल हो रहा है जिसमें धमतरी क्षेत्र के नायब तहसीलदार ज्योति सिंह के द्वारा जिला पंचायत सदस्य खूबलात ध्रुव के बीच बहस हैरान करने वाला है, और इससे भी ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि अभी तक ज्योति सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होना।

इधर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष नीलू चंद्राकर के एक रेत से भरे हाइवे की चपेट  में आने से बच जाने की घटना से बवाल मच गया है हालांकि इस मामले को शांत करने की कोशिश भी हुई लेकिन जिस तरह से एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है वह साय सरकार के क्रिया कलापों पर सवाल उठाते हैं।

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