सरकार का खेल, छोटे उद्योग फेल
छत्तीसगढ़ में एकतरफ अडानी के पावर प्लाट को विस्तार देने कीखबर है तो दूसरी यहाँ के छोटे उद्योगों में संकट गहराता जा रहा है।
क्या इन दोनों खबरों में कोई ताल-मेल है, कहना मुश्किल है लेकिन जिस तरह से अडानी पावर प्लॉट के विस्तार के लिए होने जा रहे जनसुनवाई में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है वह हैरान करने वाला है। तिल्दा क्षेत्र स्थित अदानी पॉवर प्लाट हो या रायगढ़ क्षेत्र का मामला हो। अदानी पॉवर प्लांट के विस्तार को लेकर जनसुनवाई में प्रशासन की ताकत के आगे जन विरोध को दबाने की जो खबरे आ रही है वहा कम चौकाने वाला नहीं है। पॉवर प्लोर के विस्तार के लिए किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है और क्षेत्र में स्थित सरकारी जमीनों को दे दिये जाने की खबर सुर्खियों में है।
सत्ता बदलते ही जिस तरह से हसदेव से लेकर पॉवर प्लांटों तक अदानी की योजनाओ के विस्तार की खबरें आ रही है, वह डबल इंजन वाली विष्णु देव साय सरकार की नियत पर सवाल खड़ा कर रही है।
तो दूसरी तरफ साय सरकार ने सत्ता में बैठने के 6 माह के भीतर ही बिजली की दरों में जो बढ़ोतरी की है उसे लेकर प्रदेश के उद्योग संघों में नाराजगी की खबर ज़ोर पकड़ने लगी है।
उद्योग संघ ने बिजली दर में वृद्धि के खिलाफ मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है लेकिन अभी तक इनकी माँगो पर विचार तक नहीं होने की खबर ने उद्योगों के बंद होने में खतरे को बढ़ा दिया है।
खबर यह भी है कि बिजली दर में बढ़ोतरी से परेशान कई उद्योगों ने अन्य विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है। स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स, रोलिंग मिल , मिनी स्टील प्लांट से जुड़े उद्योगपतियों में से कई लोग निजी बिजली कंपनियों की ओर रुख़ कर रहे हैं तो कुछ लोग धंधा ही बदल देने की बात कर रहे हैं।
री-रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी का कहना है कि एकाएक बिजली की कीमत बढ़ा देने से लागत तीन सौ से पांच सौ रूपये टन बढ़ गई है। तो मिनी स्टील प्लांट के महासचिव मनीष घुष्पड़ का कहना है कि यह उद्योगों के लिए गंभीर मसला है और उम्मीद है कि सरकार इस पर विचार करेगी।
इधर चर्चा इस बात की भी है कि निजी बिजली कंपनी को फायदा पहुंचाने ही बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है, क्योंकि इस बढ़े दर से उद्योगों को बिजली करीब 7.60 रुपये प्रति मिल रही है और निजी कंपनी से ख़रीदने पर यह 6 रुपये पड़ेगी।
निजी कपनी को लेकर जब हमारी टीम ने पड्ताल की तो बताया गया कि अदानी से बिजली ख़रीदना सस्ता पड़ेगा । यानी अदानी से बिजली खरीदने पर 6 रुपये प्रति यूनिट पड़ेगा।
ऐसे में सवाल यही है अदानी को फायदा पहुंचाने कि क्या यह कोई नया खेल है।
इधर बड़े हुए बिजली के दामों को लेकर युवा कांग्रेस ने बूढ़ा तालाब पर बने बिजली दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया ।प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने बिजली बिल जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया. प्रदर्शन के दौरान युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कहा कि '' प्रदेश की जनता बढ़े हुए बिजली के दामों से परेशान है. कांग्रेस की सरकार ने पूर्व में बिजली बिल हॉफ कर दिया था. जब बीजेपी की सरकार आई तो उसने बिजली बिल में लंबा चौड़ा इजाफा कर दिया.''कंपनी मालिकों ने शटडाउन का ऐलान किया है उसका समर्थन कांग्रेस ने किया है. जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे ने कहा कि ''प्रदेश में जब तक भूपेश बघेल की सरकार रही है तब उद्योग नीति लाया गया था, उसके तहत 5 साल उद्योग फला फूला और यहां के उद्योगों ने बहुत अच्छा काम किया. पूर्व की सरकार में छत्तीसगढ़ की जीडीपी बढ़ी लेकिन 6 माह में ऐसा क्या हो गया कि इन उद्योगों को बंद कराने पर ये सरकार आमादा हो गई है.''
1000 ledis ko deke
जवाब देंहटाएंKhun chus rahi hai. Sarkar.
Amir or Amir. Hojayga
Garib or garib