मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

जल स्तर गिरने की चिंता आखिर कौन करें?

आमापारा बाजार के पीछे का तालाब पाटा जा रहा
यह राजधानी के भू-माफियाओं की साजिश है या एक प्रभावशाली मंत्री की करतूत यह तो जांच का विषय है लेकिन आमापारा बाजार के पीछे स्थित तालाब को जिस तेजी से पाटने की कार्रवाई की जा रही है उससे राजधानी के गिरते जल स्तर से चिंतित लोगों में बेचैनी है और वे शीघ्र ही इस संबंध में महापौर से चर्चा कर तालाब को पाटने की बजाय उसके सौंदर्यीकरण के लिए चर्चा करेंगे।
कभी राजधानी रायपुर तालाबों का शहर हुआ करता था लेकिन सरकारी अधिकारियों और भू-माफियाओं की साजिश ने शहर के तालाबों को लिलना शुरु कर दिया। अवैध कब्जों के अलावा धन्ना सेठों को तालाब पाटकर जमीनें दी गई जिसका परिणाम है कि रायपुर का जल स्तर तेजी से गिरा है बल्कि यहां के लोग भीषण गर्मी से भी परेशान है। पटवा शासनकाल में सरोवर हमारी धरोहर का नारा देकर तालाबों को संरक्षित करने का प्रयास किया गया लेकिन राय बनने के बाद हाल के सालों में भू-माफियाओं की नजर फिर तालाब पर पड़ने लगी है। बताया जाता है कि निगम अधिकारियों से सांठगांठ कर अवैध कब्जे करवाना और तालाब पटवाने में लगे भू-माफियाओं के षड़यंत्र का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
बताया जाता है कि इन दिनों नगर निगम रायपुर आमापारा बाजार के पीछे स्थित कारी तालाब को पाटने में अपना दिमाग दौड़ा रहा है। इस सबके पीछे प्रदेश सरकार के एक दमदार मंत्री और कुछ भू-माफियाओं का हाथ बताया जा रहा है। यदि हमारे भरोसेमंद सूत्रों पर गौर करें तो आमापारा स्थित घासीदास प्लाजा के पीछे की जमीनों को एक मंत्री के भाई और कुछ भू-माफियाओं द्वारा खरीदी जा चुकी है और इन लोगों ने साजिशपूर्वक निगम को तालाब पाटने दबाव बनाया। इसके तहत रोज शहरभर के कचरों को तालाब में फेंका जा रहा है और जिस तेजी से तालाब पाटने की कार्रवाई की जा रही है उससे आश्चर्य नहीं की माह दो माह में तालाब पाट दिए जाएंगे।
बताया जाता है कि राजधानी के मध्य स्थित इस बेशकीमती जमीन पर भी कई लोगों की नजर है और बहुत संभव हो निगम यहां कोई काम्प्लेक्स खड़ा करें। इधर पर्यावरण को लेकर चिंता जताने वाले निगम के इस तालाब पाटने की कार्रवाई से अपने को आश्चर्यजनक रुप से दूर रखा है जबकि बजरंग नगर, शिवनगर और खपराभट्ठी के लोग तालाब पाटने का विरोध कर रहे हैं। एक तरफ राजधानी पेयजल संकट से जूझ रहा है ऐसे में शहर के तालाबों को पाटना कहां तक उचित है जबकि निगम इसके सौंदर्यीकरण में ध्यान देकर इस क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ा सकती है। बहरहाल तालाब पाटने को लेकर मंत्री की रूचि की वजह से लोग सामने नहीं आ रहे हैं और दबी जुबान पर इसकी चर्चा चल रही है।

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