रविवार, 15 सितंबर 2024

दादा की शहादत पर भारी पोते की गाली...

 दादा की शहादत पर भारी पोते की गाली...


पता नहीं भाजपा  में जाते ही कोई देशद्रोही का तमगा बाँटने लगता है तो कोई हिन्दुत्व का। लेकिन इस दौर में यही  सब हो रहा है, दुनिया देख रही है कि भारत की राजनीति में हिन्दू वोटरों के ध्रुवीकरण का  कैसा विभत्स खेल चल रहा है।

परेशानी यह नहीं है कि देश की तरक्की किस विचारधारा से होगी। परेशानी तो यह है कि मोदी सत्त्रा की आलोचना आख़िर  उनकी पार्टी को बर्दाश्त क्यों नहीं है, क्या मंहगाई, बेरोजगारी, नफरत, लूट, दरकती सड्‌के, टपकती छत, महँगी  शिक्षा पर बात नहीं होनी चाहिए।


नॉन बायोलोजिकल क्रियेचर पर स्पेस टेक्नालाजी पर बहस क्या सत्ता  का ही अधिकार है।


ऐसे में रवनीत सिंह बिट्‌टू का राहुल गांधी को देश का नम्बर वन आंतकी घोषित करने के क्या मायने है। जिस परिवार से रवनीत सिंह बिट्‌टू आते  है क्या वे सभी आतंकी थे? उनके दादा बेअंत सिंह ने तो कांग्रेस से मुख्यमंत्री रहते शहादत दी थी। तब क्या वे भूल गये हैं कि राहुल या कांग्रेस को आतंकी  कहने का मतलब क्या है?

खबर के मुताबिक़ केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस लीडर राहुल गांधी को आतंकवादी बताया है। नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए बिट्टू ने कहा, ‘राहुल गांधी ने सिखों को बांटने का प्रयास किया है। सिख किसी पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं है, मगर चिंगारी लगाने की कोशिश हो रही है। राहुल गांधी देश के नंबर वन टेररिस्ट हैं।’ भाजपा नेता ने कहा कि वे लोग जो हर वक्त मारने की बात करते हैं, जहाजों-ट्रेनों को उड़ाने की बात करते हैं... वे राहुल गांधी के समर्थन में आ गए हैं। ऐसे में आप अंदाजा लगा लीजिए। मेरे ख्याल से अगर किसी को पकड़ने के लिए इनाम होना चाहिए तो वो राहुल गांधी हैं। उन्होंने राहुल गांधी को देश का सबसे बड़ा दुश्मन भी बताया।

रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, 'राहुल गांधी भारतीय नहीं हैं, उन्होंने अपना ज्यादातर समय बाहर बिताया है। उन्हें अपने देश से ज्यादा प्यार नहीं है, क्योंकि वह विदेश जाकर हर बात को गलत तरीके से कहते हैं। जो लोग मोस्ट वांटेड हैं, अलगाववादी हैं, बम, बंदूक और गोले बनाने में माहिर हैं, उन्होंने राहुल गांधी के बयानों की सराहना की है।' मंत्री ने कहा कि कांग्रेस केवल इधर-उधर की बातें करती है। जबकि राहुल गांधी पहली बार संसद में विपक्ष के नेता बने हैं। वे कभी सिख की असुरक्षा की बात करते हैं तो कभी समाज के बिखराव की बात करते हैं। उनका ऐसा व्यवहार माफ करने लायक नहीं है।

रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि राहुल गांधी में गंभीरता नहीं है। राहुल गांधी हो या उनके पार्टी के अन्य नेता, सभी देश को तोड़ने में लगे हुए हैं। कांग्रेस को देश की सुरक्षा और करोड़ों जनता के हितों की चिंता बिल्कुल नहीं है। सिर्फ वोट के लिए कांग्रेस समाज में अशांति फैलाने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मैंने काफी नजदीक से देखा है, परखा है। कांग्रेस के टिकट पर तीन बार सांसद रहा हूं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और भाजपा के मूल मंत्रों से प्रभावित होकर भाजपा की सदस्यता ली। पीएम मोदी के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार में शामिल होकर रेल के क्षेत्र में देशवासियों की सेवा कर रहा हूं। 

राहुल गांधी ने वाशिंगटन डीसी में भारतीय अमेरिकियों की सभा को बीते सोमवार को संबोधित किया था। इस दौरा उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा था कि भारत में राजनीति के लिए नहीं, बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा था, ‘लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारे जा सकते हैं या नहीं। लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है।’ 

अमेरिका क्यों ताकतवर है...

 अमेरिका क्यों ताकतवर है...


यह बेहद कठिन सवाल है लेकिन इसका जवाब इन दिनों कुछ ऐसे दिया जा रहा है कि अमेरिका के लोग बेहद सजग है

उन्हें जैसे ही पता चला कि उनका राष्ट्र‌पति सठिया गया है, उस पर उम्र हावी होने लगी है वे आयँ-बायं-सायं बोलने लगा है।

तत्काल राष्ट्रपति जो बाइडन की पार्टी ने राष्ट्र‌पति के निर्णय लेने के अधिकारों को सीमित करते हुए बड़े और कड़े फैसले के लिए केद्रीय केबिनेट को अधिकृत कर दिया। इतना ही नहीं जो बाइडन को बीच चुनाव में उम्मीदवारी से हटा कर उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को उम्मीदवार बना दिया।

क्योंकि अमेरिकन जानते है कि देश बतौलेबाजी से नहीं चलता...!

आदिवासी समाज ने नहीं उठाया शव...

आदिवासी समाज ने नहीं उठाया शव...

तेज होते आन्दोलन से सत्ता की नींद उड़ी 

 हत्या कर लाश दपनाकर पानी टंकी का निर्माण 


सीतापुर में आदिवासी युवक की हत्या करके उसकी लाश दफनाकर पानी टंकी का निर्माण करवाने वाले आरोपी ठेकेदार अभिषेक पाण्डेय को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। तो दूसरी तरफ मृतक संदीप लकड़ा के शव को लेने से इंकार करते हुए उसके परिजनों ने धरना देना शुरू  कर दिया है।) मृतक के परिजनों को दो करोड़ मुआवजा और आरोपी की गिरफ्तारी की मोग के चलते संदीप का शव 10 दिनों से मर्क्युरी में रखा हुआ  है तो अब मृतक के परिजनों के समर्थन में आदिवासी समाज के साथ कांग्रेस भी खड़ी हो गई है।

दृश्यप फिल्म की तर्ज पर हुए इस हत्याकांड को लेकर कोग्रेस के दिग्गज नेता भी धरना स्थल पहुंचने लगे है जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ती एस सिंहदेव, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के अलावा कांग्रेस  व गोडवान पार्टी के नेता शामिल है।

सीतापुर में राजमिस्त्री की हत्या व फिर दृश्यम मूवी की तर्ज पर उसके शव को ओवरहेड टैंक के नीचे दफन करने के मामले ने अब और तूल पकड़ लिया है। सर्व आदिवासी समाज ने सीएम के नाम लिखे एक पत्र में मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय, उसके सहयोगी प्रत्यूष पांडेय व गौरी तिवारी के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज कर तीनों को फांसी की सजा देने की मांग की है। वहीं उसके परिजन को 2 करोड़ रुपए का मुआवजा व शासकीय नौकरी देने की भी मांग की है।


सीएम के नाम लिखे गए पत्र में सर्व आदिवासी समाज ने कहा है संदीप का शव 75 दिन बाद मिला है। उन्होंने एसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जांच कराने तथा तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की मांग की है। उन्होंने मृतक संदीप लकड़ा (Sandeep murder case) की पत्नी सलीमा लकड़ा को शासकीय नौकरी देने की मांग की है।

उन्होंने कहा है कि मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय के निजी खाते से आहरित करोड़ों रुपए का उपयोग इस प्रकरण को दबाने में इस्तेमाल किया गया है। इसकी जांच कर संबंधितों के ऊपर एफआईआर दर्ज किया जाए

अमरजीत भगत के मुताबिक परिजनों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि जब तक मुख्य आरोपी गिरफ्तार नहीं होता पार्थिव शरीर को नहीं लेंगे. जबकि पुलिस प्रशासन अब तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सका है.ऐसे में शव को इसी तरह से कब तक रखा जाएगा.इसलिए प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

सीतापुर के बेलजोरा निवासी राजमिस्त्री संदीप लकड़ा की नृशंस हत्या व शव दफन करने वाला मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय अब तक गिरफ्तार  नहीं हुआ है। इसे लेकर आदिवासी समाज में आक्रोश है। वे सीतापुर रेस्ट हाउस के सामने 3 दिन से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे हैं। वहीं परिजनों ने अब तक संदीप का शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है। उनका कहना है कि जब तक मुख्य आरोपी नहीं पकड़ा जाता, वे शव नहीं लेंगे। इसी बीच सीतापुर थाने के टीआई जॉन प्रदीप लकड़ा व एक एसआई को हटा दिया गया है।

शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

टिकिट तो दे दी ही अब बुर्का भी बाँटेगी बीजेपी

 टिकिट तो दे दी ही अब बुर्का भी बाँटेगी बीजेपी


लोकसभा चुनाव में २४० सीट आने से घबराई बीजेपी ने हरियाणा और कश्मीर के विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को टिकिट दे दिया है तो अब महाराष्ट्र में वह बुर्का बाँटने आमदा है।

लोगों को कपड़े से पहचान लेने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस रुख से वे तमाम लोग क्या करेंगे जो हिजाब और बुर्के लेकर पूरे देश में हंगामा खड़‌ा कर रहे थे। बुल्डोजर का निशाना बनाकर हिन्दुत्व की दुहाई दे रहे थे, इसका तो पता नहीं चला है लेकिन लोकसभा चुनाव में अपनी भद पिटवा चुकी भाज़पा का मुसलमानों के शरण में जाना किसी आश्चर्य से कम नहीं है।


दरअसल लोकसभा के चुनाव में महाराष्ट्र में न केवल भाजपा बल्कि इंडिया गठबंधन की ऐसी बुरी हार की किसी ने कल्पना नहीं की थी, इसलिए अब जब महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव होने है, तो सत्ता जाते देख भाजपा के सहयोगी दलों की नींद उड़ी हुई है, हालांकि पासमांदा मुसलमानों को रिझाने की कोशिश तो पहले भी हुई थी लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार ने भाजपा के सह‌योगियों के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लगा दिया है।


और यही वजह है कि मुंबई के कई इलाकों में मुस्लिम महिलाओं को रिझाने बुर्का वितरण समारोह किया जा रहा है।

यदि ऐसा ही पोस्टर कांग्रेस या इंडिया गठबंधन का कोई दल लगा देता तो तमाम तरह के हिन्दुवादी संगठन बिलबिलाने लगते लेकिन इस बार न केवल ऐसे पोस्टर शिंदे गुट ने लगाया है बल्कि शिंदे गुट के विधायक यामिनी यशवंत जाधव ने तो बुर्का वितरण समारोह का आयोजन शुरु कर दिया उपर से इस पर पत्रकारों के सवाल पर उनरी प्रतिक्रिया है वे तो यह सब नहीं मानती, उनके लिए उनेक क्षेत्र के लोग ही महत्वपूर्ण है।

अब देखना है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख आते आते और भी क्या कुछ होने वाला है। लेकिन अब उन बेचारों का भी सोचिये जिनकी ऐसी बेइज्जती इन दिनों रोज हो रही है। 

गुरुवार, 12 सितंबर 2024

और ऐसे हो जाते हैं आकाश विजयवर्गीय बरी…

 और ऐसे हो जाते हैं आकाश विजयवर्गीय बरी…


भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को न्यायालय ने बरी कर दिया। क्या उसे न्यायालय ने सिर्फ इसलिए बरी कर दिया क्योंकि वह मध्यप्रदेश भाजपा के कद्‌दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र थे। लेकिन कानून के आँख में तो पट्टी बंधी होती है फिर वह यह कैसे देख सकता है कि आकाश कौन है?

लेकिन पुलिस के आँख में तो पट्टी नहीं बंधी और न ही मार खाने वाले निगम अधिकारी धीरेन्द्र बायस के आंखों में ही पट्टी बंधी थी तब क्या इन लोगों ने भी अपनी आंखों में पट्टी बांध ली थी?

आकाश विजयवर्गीय खुले आम निगम अधिकारी धीरेन्द्र को क्रिकेट के बल्ले से पीट रहा था , और इस पिटाई का वायरल विडियों पूरे देश ने देखा । लेकिन पुलिस गवाह और सबूत नहीं जुटा पाई, वायरल विडियों का सत्यापन नहीं कराया, गवाह मुकर गये ।लेकिन सबसे बड़ी बात जिस अधिकारी धीरेंद्र की पिटाई हुई उसने पिटाई से इंकार तो नहीं किया लेकिन उसने भी आकाश को नहीं देखा।


है न गजब का कमाल, राजस्थान में काला हिरण ने खुद गोली मारी थी , याद आया कुछ, अरे वही सलमान ख़ान वाला मामला। राजस्थान की इस घटना का मतलब, देश ने जाना था, अब आकाश के बल्ले ने उस अधिकारी को बाल समझकर खुद पिटने लगा था।

समझ रहे हैं आप... सत्ता और पैसे की धमक ...!

बुधवार, 11 सितंबर 2024

भाजपा का उजाला चार बीबी वाला...

 भाजपा का उजाला 

चार बीबी वाला...


जो किस भाजपा लव जिहाद और चार बीबी के मुद्दे को लेकर पूरे देश में हिन्दुओं का वोट हासिल करता हो, उसी भाजपा में यदि चार दो हिंदू औरतों के साथ चार बीबी वाला नत्थे खान पठान सालो से कद्‌द‌ावर नेता बना बैठा हो तब इसका मतलब क्या है।

यदि नत्थे खान पठान का होटल में गिलास की चुस्कियों के साथ एक महिला के अंतरंग वीडियो जारी नहीं होता तो न तो भाजपा उन्हें पद से हटाती और न ही भाजपा की इस करतूत का देश को पता ही चलता।

दरअसल पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी से चालीस साल से जुड़े कद्‌दावर नेता नत्थे ख़ान का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे गिलास से चुस्कियाँ लगाते एक महिला के साथ अश्लिलता  करते दिखाई दे रहे है। कहा जाता है कि यह विडियो खुद नत्थे ख़ान ने बनाकर वाट्‌सअप ग्रुप में डाला था। और कहा जाता है कि जब 'नशा टूटा तो उन्होंने विडियों डिलिट कर भी दिया लेकिन डिलिट करने में इतना देर हो गया कि विडियों देश भर में फैल गया। 

विडियो वायरल होते ही राजस्थान बीजेपी में भी हड़कम्प मच गया और नत्थे ख़ान को पार्टी  के सभी पदों से हटाने की घोषणा भी कर ही लेकिन अभी भी नत्थे खान को पार्टी से हटाया गया है या नहीं कहना मुश्किल है क्योंकि भाजपा में अभी भी इस तरह के लोगों की फ़ेहरिस्त है।

इधर नत्थे ख़ान  ने विडियों बयान जारी कर   बताया है कि जिस महिला के साथ विडियों है वह महिला उनकी चौथी पत्नी है जिससे 6 साल पहले शादी हुई है । यानी 64 के उम्र वाले नत्थे ख़ान ने 58 के उम्र में चौथी शादी की है।

नत्थे खान की यह चौथी बीबी है जिसमें से दो बीबी हिन्दू है।

एक देश-एक बीबी, लव जेहाद जैसे नारा लगाने वाली भाजपा में यदि नत्थे ख़ान सालों से है और राजस्थान भाजपा के कद्‌दावर नेता माने जाते है तो अब यह कहा ही जा सकता है कि भाजपा को चाल चेहरा सौर चरित्र की बात नहीं करनी चाहिए।

मंगलवार, 10 सितंबर 2024

उपमुख्यमंत्री साव ने बना ही ली रिकार्ड...

 उपमुख्यमंत्री साव ने बना ही ली रिकार्ड...


पहली बार विधायक बनते ही उपमुख्यमंत्री बने अरुण साव के नाम नई सरकार में एक ऐसा रिकार्ड जुड़ गया है जो अब पांच साल तो नहीं टूटने वाला  है। संघ से सांसद और फिर प्रदेश अध्यक्ष बनकर सर‌कार बनाने के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी से वंचित रहने वाले अरुण साव पर वैसे तो आठ माह में जिस तरह के आरोप लगे हैं वह किसी भी नेता के लिए परेशानी का सबब हो सकता है लेकिन इस सबसे बेपर‌वाह उनकी कार्य शैली में कोई बदलाव नहीं होना आश्चर्य का विषय माना जा रहा है।

नगरिय निकायों में संविदा कर्मियों की भर्ती को लेकर आरोपों के बीच उन पर जल जीवन मिशन योजना का बँटाधार करने का आरोप भी लगने लगा है। धमतरी - बलोदा बाजार सहित कई जिलों में अनियमितता उजागर होने के बावजूद इंजीनियरों और ठेकेदारों को बचाने और अनकी करतू‌तों का मामला तो विधानसभा में भी गर्म रहा। 

इधर उनके अमेरिका प्रेम को लेकर भी जबरदस्त चर्चा रहा । अमेरिका जाने वीजा क्लीयर कराने के चक्कर में वे तीन दिन दिल्ली में जमे रहे और जब वीजा क्लीयर नहीं हुआ तो थक हारकर लौट आये थे ।

लेकिन अब वीजा क्लीयर होते ही वे फिर जिस तेज़ी से दिल्ली कूच कर गये, उसे लेकर भी कम चर्चा नहीं है । 

वे इस दौरान जाने अनजाने में अनोखा रिकार्ड भी बना गये और यह रिकार्ड है नई सरकार में विदेश जाने वाले पहले मंत्री बन जाने का रिकॉर्ड…।

सोमवार, 9 सितंबर 2024

अब इंदौर में रेप के आरोप में भाजपाई फँसे…

 अब इंदौर में रेप के आरोप में भाजपाई फँसे…

युवती को एफ़आईआर के लिए कोर्ट जाना पड़ा


गुजरात के राजकोट में छात्रा से बलालार करने वाले भाजपाईयों को गिरफ़्तार  करने से पुलिए किस तरह बचती रही यह मामला अभी लोगों के जेहन से उतरा भी नहीं है कि अब मध्यप्रदेश के इंदौर से खबर आ गई कि सामूहिक बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ पुलिस में एफ़आईआर कराने युवती को न्यायालय जाना पड़ा तब कहीं जाकर पुलिस ने सामूहिक बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ एफ‌आईआर दर्ज की। इस मामले का मुख्य आरोपी भाजपा नेता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि 34 साल की महिला की शिकायत पर शहजाद मडावरा, सलीम बारी निवासी श्रीनगर कांकड, सलीम तेली पुत्र ईद मोहम्मद निवासी खजराना, इरफान अली निवासी रसलपुर देवास और नजर पठान पर गैंगरेप की धाराओं में कार्रवाई की है।

पीड़िता के मुताबिक घटना 11 जून 2024 की है। वह कनाड़िया में किराये से फ्लैट देखने जा रही थी। तभी एक थार गाड़ी से सामने से आई स्कूटी के यहां रोक दी। इस कार से इरफान अली उतरा। वह मुझे जबरदस्ती कार में बैठाने लगा। कहा कि तुझे सलीम भाईजान से 10 से 12 लाख रुपए दिलवा देता हूं।मैंने काफी विरोध किया तो कार की पीछे की सीट पर सलीम तेली निकला। उसने कहा सड़क पर ही इसे कपड़े उतार दो। फिर एक मिनट में गाड़ी में बैठ जाएगी। इसके बाद सलीम बारिक नाम का लड़का उतरा और मुझे खींचकर जबरदस्ती गाड़ी में बैठा दिया। उसी समय सफेद रंग की दूसरी कार से शहजाद उतरा। उसने भी अपशब्द कहे।

इसके बाद सभी पीड़िता को कार में बैठाकर अपहरण किया और अरविंदो अस्पताल के यहां गोदाम में ले गए। यहां कमरे में टीवी चालू कर सभी शराब पीने लगे।

तभी स लीम ने बेल्ट निकाला और मुजरा करने को कहा। करीब आधे घंटे बाद सभी ने अननैचुरल सेक्स को लेकर दबाव बनाने लगे। मना किया तो नजर पठान ने बेल्ट से बुरी तरह से मारा। फिर सभी एक के बाद एक बेल्ट से मारने लगे। सभी ने नशा किया और पीड़िता के साथ रेप किया।

पीड़िता ने एफआईआर में लिखवाया कि मैं चिल्लाई तो टीवी पर चल रही अश्लील फिल्म की आवाज तेज कर दी। सलीम तेली ने अननैचुरल सेक्स के लिए मजबूर किया। मेरे साथ शैतानों जैसी हरकत की। कुछ देर बाद मुझे नजर पठान मुझे एक्टिवा पर बैठाकर एमआर10 ब्रिज के यहां छोड़कर भाग गया।

यहां से मैं अपनी बहन के यहां पर मूसाखेड़ी चली गई। पीड़िता ने बताया कि वह इनके खिलाफ शिकायत करने थाने पहुंची। कनाड़िया पुलिस ने भी उसकी सुनवाई नहीं की। आरोपियों को पता चला तो उन्होंने मुझे काफी डराया। सोमवार रात कनाड़िया पुलिस ने पांचों आरोपियों पर केस दर्ज किया है।

देवास में भाजपा का पार्षद रह चुका इरफान गैंगरेप का एक आरोपी इरफान भाजपा का पार्षद रह चुका है। वह स्थानीय भाजपा विधायक का करीबी भी बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इरफान आरोपी सलीम सहित अपने अन्य दोस्तों के साथ कुछ दिन पहले गोवा घूमने गया था।

रविवार, 8 सितंबर 2024

मोदी की मनमानी पीएम-श्री का पुलिंदा...



 मोदी की मनमानी 

पीएम-श्री का पुलिंदा...



प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नई  शिक्षा नीति  को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं शिक्षण सस्थानों में संघ के विचार धारा के साथ-साथ इतिहास के महत्वपूर्ण कालों को विलोपित करने जैसे आरोपों  के बीच नाम थोपने का विवाद है। भाजपाई राज्य तो इस शिक्षा नीति को बगैर चु-चपड़ के स्वीकार कर दिया है।और केंद्र से पैसा लेने पुराने स्कूलों को इस योजना में शामिल कर मोदी का फ़ोटो भी लगा रहे हैं।

नई शिक्षा नीति के तहत पीएम-श्री स्कूल का मॉडल तैयार किया गया है जिसमें केंद्र सरकार 60 फीसदी हिस्सा तभी देगा जब राज्य सरकार 40 फीसदी  हिस्सा देगा।

यानी राज्यों के चालीस फीसदी हिस्सा के बाद भी स्कूल पीएम श्री इसलिए कहलायेगा क्योंकि केन्द्र 60 फीसदी हिस्सा दे रहा है। और केंद्र तभी पैसा देगा जब राज्य पीएम श्री नाम रखेगा। मोदी का फ़ोटो लगाएगा।

इसे लेकर विवाद के चलते कई राज्यों को पैसा नहीं मिल रहा है लेकिन राज्यों के पास फंड की कमी है और स्कूलों को सुविधा सम्पन्न करना है तो केंद्र की बात यानी मोदी  की तस्वीर लगानी ही होगी।

छत्तीसगढ़ में तो पुराने स्कूलों को ही पीएमश्री योजना में शामिल कर पैसे लिये जा रहे है, अन्य भाजपा शासित  राज्यों में भी यही हाल है। यानी नया कोई पीएमश्री स्कूल  नहीं होगा, पुराने स्कूलों को ही नाम बदलकर पीएम श्री कर दिया जायेगा।वह भी सिर्फ ६० फ़ीसदी हिस्सेदारी के साथ।

पंजाब तो पहले ही क़र्ज़ में लदा है इसलिए वह पुराने स्कूलों को इस योजना में लाकर   राजी हो गया, दिल्ली की मजबूरी किसी से छिपी नहीं है । वह ऐसा राज्य है जहां की चुनी हुई सरकार पूरी तरह से केन्द्र पर निर्भर है हालिए वह तैयार हो गई। तो बाक़ी  राज्य भी मजबूरी में तैयार हो गये हैं ।


लेकिन अभी तक तमिलनाडू और बंगाल तैयार नहीं हुए है। वे प्रधानमंत्री मोदी का फोटो सिर्फ 60 फीसदी अंशदान में तैयार नहीं है। लेकिन कोई अपने फोटो के बगैर पैसा न दे तो इसे आप क्या कहेंगे। 

यदि नाम का केंद्र को इतना ही शौक है तो पूरा पैसा दें। राज्यों से 40 फीसदी राशि क्यों लिया जा रहा है ।


शनिवार, 7 सितंबर 2024

थम नहीं रहा भाजपाईयों का रेप कांड...

 बंगाल पर बवाल, राजकोट पर चुप्पी... 

थम नहीं रहा भाजपाईयों का रेप कांड...



कलकत्ता में जूनियर डाक्टर  के साथ बलात्कार के बाद हत्या का आरोपी गिरफ्तार हो गया, सीबीआई जांच शुरु हो गई, विधानसभा में कड़े कानून भी बन गये लेकिन बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है लेकिन दूसरी तरफ राजकोट में एक छात्रा के साथ हुई बलालार के मामले में बीजेपी शायद इस लिए चुप है क्योंकि बलालार करने वाले भाजपाई है और उन्हें ४० दिनों बाद भी पुलिस गिरफ्तार करने से बचती रही और कोर्ट के द्वारा जमानत खारिज करने के बाद आरोपी ने ख़ुद सरेंडर किया।

जबकि एक अन्य मामले में हिमाचल प्रदेश के भाजपा विधायक हंसराज के खिलाफ बलाकार की शिकायत लिखाने वाली युवती ने यह कहते हुए शिकायत वापस ले ली कि उसने बहकावे में शिकायत की थी। बाकि आप समझदार है कि कैसे वृजभूषण शरन सिंह के खिलाफ पास्को एक्ट हट गया था। दोनों ही मामलो को लेकर जो मीडिया रिपार्ट आई है उससे बीजेपी में हड़कंप मचा हुआ है लेकिन दोनों ही राज्यों में सरकार होने और आरोपियों के पार्टी से जुड़े होने के बाद यह सवाल सोशल मीडिया में तेजी से उठ रहा है कि आखिर भाज़पा के नेताओं पर इतने आरोप  क्यों. ? भाजपा के 12 सांसदों के नामो के अलावा बृजभूषण शरण सिंह, राम-रहीम को संरक्षण के  अलावा बलात्कारियों के स्वागत सत्कार की तस्वीरें एक बार फिर वायरल हो रही है। राजकोट और हिमाचल की खबरें कुछ इस प्रकार है

एक 21 साल की युवती के रेप के आरोप में 40 दिनों से फरार BJP कार्यकर्ता विजय रादड़िया ने आत्मसमर्पण कर दिया है. उसे जेल भेज दिया गया है). विजय, राजकोट के एक गांव में स्थित शैक्षणिक संस्थान का ट्रस्टी है. पीड़िता उसी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ती थी. कोर्ट के आदेश के बाद विजय को 9 सितंबर तक पुलिस हिरासत में रखा जाएगा

विजय की पत्नी दक्षा राजकोट ज़िला पंचायत की सदस्य हैं. उन्होंने इस मामले में अपने पति की गिरफ़्तारी पर रोक लगाने की मांगी की थी. लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. इसी के दो दिन बाद ये गिरफ़्तारी हुई है. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, युवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि जून 2023 में शैक्षणिक परिसर में 2 लोगों ने उसका रेप किया. इसके बाद विजय और गांव के पूर्व सरपंच मधु थधानी के ख़िलाफ़ 25 जुलाई को मामला दर्ज किया गया.

युवती ने बताया कि वो संस्थान में ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रही थी और कैंपस के एक हॉस्टल में भी काम कर रही थी. मधु थधानी और विजय रादड़िया की संस्थान के तत्कालीन मैनेजिंग ट्रस्टी से दोस्ती थी. इसीलिए वो अक्सर कैंपस में आया करते थे. FIR के मुताबिक़, जून 2023 से मधु और विजय ने कथित तौर पर उसे 'आंख मारना और मुस्कुराना' शुरू कर दिया. लगभग 15 दिन बाद मधु ने उसे फ़ोनकिया।

इसके बाद दोनों व्यक्ति कथित तौर पर उसके कमरे में गए, उसे धमकाया और बारी-बारी से उसके साथ रेप किया. FIR में युवती ने ये भी आरोप लगाया कि मधु ने कहा कि संस्थान के तत्कालीन मैनेजिंग ट्रस्टी को सब कुछ पता था. मधु यधानी ने इसके बाद भी उसका यौन उत्पीड़न किया. मई, 2024 में वो आगे की पढ़ाई के लिए सूरत चली गई. लेकिन मधु ने फिर भी उससे दो बार मुलाक़ात की, आख़िरी बार 12 जुलाई को.इस दौरान भी मधु यधानी ने उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे धमकाया. उससे शादी करने के लिए कहा और चेतावनी दी कि वो उसे किसी और आदमी से सगाई नहीं करने देगा. मधु पेशे से किसान और बिल्डर है. मधु को 2 अगस्त, 2024 को गिरफ़्तार किया गया था. वो फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।

इस बीच, विजय रादड़िया फरार हो गया था. उसने 26 जुलाई को राजकोट डिस्ट्रिक्ट एंट सेशल कोर्ट में अग्रिम ज़मानत की अर्जी दी थी. याचिका का विरोध करते हुए राजकोट ग्रामीण पुलिस ने अपने हलफ़नामे में कहा,आरोपी याचिकाकर्ता की पत्नी राजकोट ज़िला पंचायत की सदस्य हैं. वो ख़ुद राजनीतिक रूप से प्रभावशाली है और इसलिए अग्रिम ज़मानत नहीं दी जानी चाहिए. क्योंकि अगर उसे अग्रिम ज़मानत दी जाती है, तो वो गवाहों को प्रभावित करने और सज़ा से बचने की कोशिश करेगा.

इसी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 3 सितंबर को विजय रादड़िया की ज़मानत याचिका खारिज कर दी. फिर 5 सितंबर को उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया. उसे गिरफ़्तार किया गया और 6 सितंबर को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 9 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

BJP की प्रतिक्रिया

इस बीच, राजकोट के BJP नेताओं का कहना है कि मामले के बारे में पार्टी हाईकमान को बताया जाएगा. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, BJP की राजकोट ज़िला इकाई के महासचिव हरेश हेरभा ने कहा,

चूंकि वो हमारे कार्यकर्ता हैं, इसलिए हम इस मामले की रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को देंगे. आगे की कार्रवाई के लिए उनसे मार्गदर्शन मांगेंगे.

वहीं, शैक्षणिक संस्थान के मौजूदा मैनेजिंग ट्रस्टी ने कहा कि वो जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. विक्टिम को न्याय दिलाने के लिए पूरी शक्ति से काम किया जा रहा है. परिसर में 200 CCTV कैमरे लगे हैं और बाहरी लोगों को परिसर में एंट्री की अनुमति नहीं है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है

BJP विधायक पर पार्टी कार्यकर्ता की बेटी से नग्न तस्वीरें मांगने का आरोप, FIR के बाद पलट क्यों गई युवती?

हंसराज, हिमाचल प्रदेश के चंबा ज़िले के चुराह से तीसरी बार के विधायक हैं. वो हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष और BJP की राज्य इकाई के वर्तमान उपाध्यक्ष भी हैं. उनके ख़िलाफ़ 9 अगस्त को चंबा के महिला पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज किया।

बाद में युवती ने कहा कि 'मानसिक तनाव' में और किसी के 'बहकावे' में आकर शिकायत दर्ज कराई है. 

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के BJP विधायक हंस राज (BJP MLA Hans Raj) के ख़िलाफ़ एक 20 साल की युवती की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. FIR के मुताबिक़, हंस राज ने कथित तौर पर युवती को अश्लील मैसेज भेजे, नग्न तस्वीरें मांगी और धमकाया. बताया गया कि युवती एक BJP कार्यकर्ता की बेटी है. हालांकि, बाद में युवती ने फ़ेसबुक पर लाइव आकर बताया कि उसने 'मानसिक तनाव' में और किसी के 'बहकावे' में आकर शिकायत दर्ज कराई है.

शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

न निलंबन, न एफ़आईआर-कड़ी कार्रवाई का प्रचार

 बच्ची का आंसू पोछने सत्त्रा व खेल...

न निलंबन, न एफ़आईआर-कड़ी कार्रवाई का प्रचार 


आलीवारा की छात्रा को जिन्दगी भर जेल की हवा खिलाने की धमकी देने वाले जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल को लोक शिक्षण संचालनालय में सहायक संचालक के पद पर बिठा दिया गया।

इस आदेश को सरकार और उससे जुड़े लोग मुख्यमंत्री के कड़े तेवर के रूप में प्रचारित-प्रसारित कर रहे हैं लेकिन यही सरकार जब न्यायालय में ट्रांसफर को सजा से इंकार करती है तब सवाल यही है कि क्या अभय जायसवाल को सरकार ने कोई सजा दी ?

सिर्फ कुर्सी बदला गया, सजा तो उसे मिली ही नहीं । लेकिन सत्ता का अपना चरित्र है और दलाल मिडिया' का अपना चरित्र।

दो दिन पहले अलिवारा स्कूल के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने पहुंचे थे जहाँ शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने बच्चों को जिन्दगी भर जेल की हवा खिलाने की धमकी देते हैं। सहमी बच्चियां इस धमकी से डरीसहमी बच्चियाँ  शिक्षा अधिकारी के कक्ष से रोते-बिलखते बाहर निकलती है तो उस पर पत्रकारों की नजर पड़‌ जाती है और पत्रकारो ने जब रोने की वजह पूछी तो बच्चियों ने सब कुछ साफ-साफ बता दिया कि किस तरह से अभय जायसवाल ने उन्हें जेल की हवा खिलाने की धमकी दे रहे हैं।

इस धमकी का वीडियो जब वायरल हुआ तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये, लेकिन अभय जायसवाल के खिलाक कार्रवाई करने की बजाय उनका तबादला कर यह प्रचारित किया गया कि बच्ची के आंसू देख मुख्यमंत्री ने कड़े तेवर दिखाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को हटा दिया।

जबकि कड़ा तेवर तो तब माना जाता जब अभय जायसवाल को निलंबित किया जाता और एफ़ आई आर की जाती।

लेकिन सूत्रों  का कहना है कि लेन देन कर शिक्षा अधिकारी बनने-बनाने का खेल जब चलता हो तो फिर हटाने की प्रक्रिया को ही कड़ी कार्रवाई के रूप में प्रचारित किया जाता है। और इस मामले में भी यही हुआ। सच तो यह है कि जन आक्रोश से बचने का यह तरीक़ा है।


गुरुवार, 5 सितंबर 2024

सांप पालने का परिणाम...

 सांप पालने का परिणाम...


आप अपने घर साँप पालकर यह उम्मीद या आशा नहीं कर सकते कि वह आपको नहीं सिर्फ आपके पड़‌ोसी को ही काटेगा।

इसी तरह की बात 2011 में पाकिस्तान से हिलेरी क्लिंटन ने कही थी, तो पंचतंत्र की कहानी में आचार्य विष्णु शर्मा ने भी एक कहानी के माध्‌यम से कहा था कि सांप और बिच्छू को पालकर लम्बे समय तक इन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता ।

लेकिन २०११ की बात को पाकिस्तान ने अनसुना कर दिया और आज पूरी दुनिया में न केवल पाकिस्तान आतंकवाद के पोषक के रूप में बदनाम है बल्कि उसकी समूची अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है , बरबादी के कगार पर पहुंच गया है पाकिस्तान , तो इसकी बड़ी वजह उनका आतंकवाद के रूप में सांप को पालना ही है।

लेकिन भारत में भी पंचतंत्र की कहानियों को अनसुना करना शुरु कर दिया है तो उसका परिणाम धीरे-धीरे ही सही सामने आने लगा है। ताजा परिणाम तो आर्यन मिश्रा की गोरक्षकों के द्वारा की गई हत्या है जिस पर ने दुखी मन से आर्यन के पिता से कहा है कि देश के प्रधानमंची नरेद्र मोदी ने हत्या करने की छूट दे रखी है।

लेकिन इन सांपों ने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को उत्तरप्रदेश में भी डसा था। गौरक्षक के नाम पर गुण्डागर्दी और हत्या की फेहरिश्त है, सड़क से संसद तक हंगामा तो हो रहा है लेकिन यदि इनको पालने वाला ख़ुद सत्ता हो तो फिर पंचतंत्र की सीख का क्या मतलब रह जाता है।

बजरंग दल के नाम पर सड़‌कों में क्या कुछ नहीं हो रहा है तो विश्वहिन्दू परिषद के नाम पर मंदिरों में।

लेकिन एक बात जान लेना या समझ लेना जरूरी है कि इस देश में कानून का राज है और कानून के राज में न बुलडोजर के लिए जगह है और न ही मॉब लिंचिंग के लिए। और जो लोग धर्म की आड़ में पट्टी बांधे ऐसे अपराधों का समर्थन कर रहे है, वे अपने आर्यन या सुबोध के लिए तैयार रहें।


और कितनी बे-इज्जती…

 और कितनी बे-इज्जती…


गोस्वामी तुलामी दास ने कहा है कि आवत ही हर्षय नहीं 

नैनन नही सनेह, 

तुलसी तहां न जाइए

कंचन बरसे नेह ।

इतनी सी बात यदि स्वार्थ में अंधा हो चुके व्यक्ति को समझ में नहीं आता तो क्या ऐसा व्यक्ति खुद अपनी बेईज्जती के लिए जिम्मेदार नहीं है?

यह सवाल इन दिनों छत्तीसगढ़ की राजनीति में आदिवासी नेता नंद कुमार साय के भाजपा प्रवेश को लेकर उठ रहा है तो यकीन मानिये कि अब भी ऐसे लोग हैं जो मान-सम्मान के नाम पर धन-दौलत और कुर्सी को लात मारने का माद्दा रखते हैं।

दरअसल नंद कुमार साय ने विधानसभा चुनाव से पहले उस भाजपा को लतिया दिया था जिस भाजपा ने उन्हें मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्य का अध्यक्ष बनाया था, विधायक से लेकर सांसद तक बनवाया था तो केन्द्र में भी सर आंखों पर बिठाया था। राज्य बनने के बाद एकात्म परिसर में बृजमोहन अग्रवाल के समर्थकों की गुण्डईं के बाद भी नेता प्रतिपक्ष बनाया था। यानी भाजपा ने 'नंद कुमार साय - लखीराम की गाय' जैसे नारों का  परवाह नहीं कर कई महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया था । लेकिन सत्त्रा जाते ही नंद‌कुमार साय ने भूपेश बघेल के प्रभामंडल में आकर पार्टी छोड़ दी।

मजेदार बात तो यह है कि कांग्रेस के हारते ही वे कांग्रेस भी इस आशा से छोड़े होंगे कि उन्हें भाजपा सिर माथे पर बिठा लेगी लेकिन सत्ता अब उन्हीं विष्णुदेव साय और पवन साय के हाथ में हैं जिन्होंने नंदकुमार को कांग्रेस में नहीं जाने के लिए मनाने घर तक गये थे ।

ऐसे में पिछले दरवाजे यानी मिस कॉल के जरिये भाजपा की सद‌स्यता हासिल करने की कोशिश पर यदि बवाल मचा है या चर्चा चल रही है तो इसकी वजह नंद कुमार की करतूत ही जिम्मेदार है।

कहा जाता है कि एक उम्र के पड़ाव में आकर यदि आद‌मी अपनी इज्जत का ध्यान न रखे तो छिछालेदर होना तय है।

कहते भी है कि आद‌मी अपनी बेइज्जती के लिए स्वयं जिम्मेदार होता है। अच्छा खासा पेंशन तो मिल ही रहा होगा तो फिर भी कोई अपनी बेइज्जती कराए तो इसे क्या कहा जाये ?

मंगलवार, 3 सितंबर 2024

पवन नहीं यह झोंका है...

 पवन नहीं यह झोंका है...


रिमोट से चलने वाली सरकार के रूप में बदनाम हो चुने साय सरकार कब तक मंत्रिमंडल का विस्तार करेगी, निगम-मंडल में नियुक्ति कौन करेगा के सवालों के बीच पवन साय अचानक भाजपा के संगठन मंत्री पारी नेताकों में सबसे ताकतवर शख्स नजर आने लगे है तो इसकी कई वजह है।

वैसे तो भाजपा में संगठन मंत्री की ताकत क्या होती है यह किसी से छिपा नहीं है, सारंग बंधु से लेकर सौदान सिंह और अब पवन साय की ताकत का अहसास पार्टी के नेताकों को भी है, लेकिन कहा जाता है कि सत्ता आने के बाद भी ताकतवर होने का ऐसा उदाहरण बहुत कम देखने को मिलता है कि लालबत्ती के लिए भी भीड़ मुख्यमंत्री से ज्यादा संगठन मंत्री जुटा ले। हालांकि कुछ लोग नीतिन नबीन और जामवाल के पास भी पहुंच रहे हैं लेकिन जब सब कुछ तय करने का ईशारा संगठन मंत्री की ओर किया जाए तो फिर क्यों न पवन साय को ही सत्ता केन्द्र मानकर भीड़ बढ़े।

और शायद यही वजह है कि बिल्डर्स से लेकर भ्रष्टाचारी हो या आपराधिक छवि वाले नेता ही क्यों न हो, सत्ता केन्द्र को ही खुश करने में लगे हैं।

ऐसे में यदि मंत्रालय में भी भाई साहब ! वाली संस्कृति का ही प्रभाव बढ़ रहा हो तो फिर अफसरों के काम काज पर इसका असर पड़‌ना तय है।

ऐसे में लालबत्ती की चाह में चक्कर पर चक्कर लगा रहे नेता अब पवन साय को खुश करने में लगे हैं लेकिन पवन साय को जानने वाले कहते हैं कि वे भी सायं सायं  में माहिर है।

सायं साये में माहिर तो सौदान सिंह भी थे लेकिन इतनी भीड़ वे भी नहीं खींच पाये थे, और चर्चा इसी बात की है कि जब इतनी भीड़ नहीं खींच पाने के बाद भी सौदान सिंह इतना खींच गये तो फिर भीड़ वाले कितना खींच रहे हैं। और शायद यही वजह है कि भाजपाई राजनीति में इन दिनों यह नारा जोरों से उछाला जा रहा है—-

  पवन नहीं यह झोंका है

 लालबत्ती का धोखा है...।

सोमवार, 2 सितंबर 2024

गजब पार्टनरशीप राजनीति में भी…

 गजब पार्टनरशीप 

राजनीति में भी…


ये अलग बात है कि गैर परिवार वाले याने जो परिवार नहीं चला पाते वे राजनीति में परिवार बाद का विरोध करते नहीं थकते, लेकिन इस राजनीति में शामिल लोग मौका मिलते ही अपनी संतानों को राजनै‌तिक लाभ दिलाने में कोई कसर भी नहीं छोड़ते ।

लेकिन छत्तीसगढ़ की राजनीति में पार्टनरशीप का खेल भी गजब है। कारोबार से लेकर राजनीति तक पार्टनरशीप का  ऐसा उदाहरण बहुत कम देखने को मिलेगा। बाक़ी और किस किस मामले में पार्टनरशीप चल रही है इसका खुलासा बाक़ी है।

रियल स्टेट के कारोबार में पार्टनरशीप के बाद अब रिटेल के क्षेत्र में पार्टनरी करने वाले राजीव अग्रवाल और छगनलाल मुंदडा को लेकर इन दिनों पार्टी के भीतर यदि खूब चर्चा चल रही है तो इसकी वजह साय सरकार की वह प्रतिक्षारत लालबत्ती की सूची है जिसमें एक पार्टनर का नाम धड़ल्ले से वायरल हो रहा है,। रमन सरवार में एक पार्टनर छ‌गन‌लाल मुंदड़ा को लालबत्ती भी मिल चुका है। उसे सीएसआईडीसी वा चेयरमेन बनाया गया था। इस बार वायरल सूची के 18 वे नम्बर में इसी पद पर राजीव आवाल का नाम है। भाजपाई चर्चा की बात करें तो दोनों के राजनैतिक जीवन में भी पार्टनर शीप का जबरदस्त समानता देखने को मिल रहा है। यानी दोनों पार्षद चुनाव लड़ चुके हैं। मुंदड़ा एक बार तो राजीव अग्रवाल दो बार । 

लेकिन वार्ड मेबर का चुनाव नहीं जीत पाने वाले इन दोनों पार्टरों का संगठन में भी प्रभाव कम नहीं है। दोनों ही पार्टनर भारतीम जनता पार्टी का रायपुर शहर का जिलाध्यक्ष भी बन चुके है।

दोनों ही विधानसभा का टिकिट मांगते रहे लेकिन मिला नहीं।

लालबत्ती वाले मामले में जो पार्टनरी की कमी अधूरी रह गई है क्या वह भी पूरा होने जा रहा है क्योंकि वायरल सूची तो यही बता रहा है।

दरअसल इस पार्टनरी में अभी छगन भारी पड़ गये है, लालबत्ती के मामले में। ऐसे में वायरल सूची ही असली हुई तो यह भी एक रिकार्ड ही होगा।

रविवार, 1 सितंबर 2024

जलवा बरकरार है मोहन सेठ का...

 जलवा बरकरार है मोहन सेठ का... 

दबाव में दूसरे पक्ष पर भी एफआईआर लेकिन गिर‌फ्तारी नहीं....


लेन देन के विवाद में कटोरा तालाब चौक में घंरे-दो घंटे तक अपनी गुंडई से धमा चौकड़ी मचाने और गुजरने वालों को दहशत में डालने वाले भाजपाईयों को पकड़‌ने में पुलिस के हाथ पांव फूलने लगे हैं। भारी दबाव में दूसरा पक्ष सचिन मेधानी की रिपोर्ट पर भी एक आई आर तो दर्ज कर ली गई लेकिन सप्ताह बीत जाने के बाद भी किसी भी पक्ष से गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। कहा जाता है कि दोनों ही गुट के लोग रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल के करीबी है।

ज्ञात हो कि लेन देने के विवाद के चलते 27 अगस्त को नेताजी होटल वाले राहुल चंदनानी और नाज का व्यवसाय करने वाले सचिन मेधानी गुट आपस में भीड़ गये थे । दोनों ही गुट के बीच लेन देने का विवाद हाथा पाई में तब्दिल हो चौक हो गया और कटोरा तालाब चौक पर मारपीट और गाली गलौच के साथ धमाचौकड़ी की जाने लगी। लोगों का राह चलना मुश्किल हो गया। अश्लील गाली गलौच के चलते राह चलती महिलाएं शर्मसार होने लगी और लोग  इधर उधर भागने लगे। यह सब धमाचौकडी तब शांत हुआ जब एक जुट वहां से चला गया।

इसके बाद पुलिस ने राहुल चंदनानी की रिपोर्ट पर सचिन मेघनी सहित उनके आधा दर्जन साथियों के खिलाफ रिपोर्ट तो लिख ली लेकिन सचिन मेघानी से सिर्फ आवेदन लिया गया। इसके  बाद दोनों के बीच ‌समझौता कराने का खेल शुरु हुआ। इधर सचिन के आवदेन पर जब दबाव बढ़ा तो पुलिस को एफ़आईआर करनी पड़ी ।

सूत्रों की माने तो इस मामले को लेकर बीजेपी के क़द्दावर नेता के दबाव के चलते पुलिस किसी की भी गिरफ्तारी नहीं कर रही है। जबकि इस घटना के चलते कटोरा तालाब चौक जैसे व्यस्ततम चौक में न केवल चक्काजाम जैसे हालात थे लोगों में दहशत का भी माहौल था।

सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि राजनैतिक द‌बाव के चलते पुलिम गिरफ्तार नहीं कर रही है। कहा जाता है सचिन मेघानी और राहुल चंदनानी दोनों ही रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के करीबी है और इसमें से सचिन मेघानी को तो भाजपा ने पार्षद चुनाव भी लड़‌वाया है।

बहरहाल इस घटना को लेकर जो चर्चा चल रही है उसके मुताबिक़ भले ही बीजेपी ने बृजमोहन अग्रवाल को राज्य की राजनीति से किनारे कर दिया हो लेकिन उनके जलवे का असर अब भी शासन प्रशासन में बरकरार है और इसका प्रचार ख़ुद मोहन समर्थक शान से कर रहे हैं।