मंगलवार, 23 फ़रवरी 2010

इसलिए बांधी नहीं बनाए गए मंत्री...



पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को इस सरकार में नहीं लेने मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने जो भी वजह बताई हो लेकिन स्वास्थ्य विभाग में एक के बाद एक खुल रहे घोटालों की कहानी यह बयां कर रही है कि आखिर डॉ. बांधी को मंत्री क्यों नहीं बनाया गया। इसी तरह वर्तमान संचालक राजमणि को लेकर भी कई तरह की चर्चा है।
पूर्व स्वास्थ्य सचिव बाबूलाल अग्रवाल के यहां आयकर विभाग द्वारा की गई छापे की कार्रवाई और स्वास्थ्य विभाग के सार्वा, डॉ. प्रमोद सिंह जैसे अधिकारियों के ऊपर लगे घोटालों के आरोपों ने यह साबित कर दिया है कि स्वास्थ्य विभाग जो आम लोगों की जिन्दगी से जुड़ा हुआ है के प्रति सरकार कितनी चिंतित है। भाजपा शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग में हुई गड़बड़ी ने सरकार की कथनी-करनी में तो फर्क किया ही है और कार्रवाई के मामले में भी सरकार किस तरह से दोहरा मापदंड अपना रही है यह भी दिखने लगा है।
बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी के दौरान डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी स्वास्थ्य मंत्री थे और कुछ गड़बड़ी के दौरान अमर अग्रवाल भी स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं। लेकिन सरकार ने इन्हें पूछना भी जरूरी नहीं समझा कि इतनी गड़बड़ियों के दौरान वे किस भूमिका में थे। यही नहीं इस दौरान सचिव के पद पर रहे आईएएस अफसरों के प्रति भी सरकार साफ्ट कार्नर रखे हुए हैं। जबकि सारी गड़बड़ियां एक सोची समझी साजिश के तहत की गई जिसमें न केवल नीचे से लेकर उपर तक बैठे लोगों ने न केवल अपनी जेबें गरम की बल्कि आम लोगों के जीवन को भी खतरे में डाला गया।
वैसे आम लोगों में यह चर्चा है कि इस सरकार से बहुत ज्यादा उम्मीद करनी बेमानी है वैसे दूसरी पारी में डॉ. कृष्णमूर्ति को मंत्री नहीं बनाये जाने को लेकर अब यह चर्चा जोरों पर है कि यहां हुई गड़बड़ियों की जानकारी प्रदेश नेतृत्व से लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को भी रही होगी तभी तो उन्हें चलता किया गया और एक तरह से बचाया गया। बहरहाल स्वास्थ्य विभाग में कार्रवाई को लेकर सरकार के दोहरे चरित्र को आम लोगों में जबरदस्त चर्चा है और कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में बाबूलाल अग्रवाल भी कोई बड़ा खुलासा कर सकते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें