बुधवार, 2 जुलाई 2025

पाकिस्तान के द्वारा यूएनएससी की कमान सँभालने का मतलब…

पाकिस्तान के द्वारा यूएनएससी की कमान सँभालने का मतलब…


भारत के लिए जुलाई माह  एक चुनौती है कि वह अपनी कूटनीति की धार तेज़ करे क्योंकि पाकिस्तान को अमेरिका जिस तरह से मदद कर रहा है और अब यूएनएससी का कमान… इसका क्या असर होगा…

1 जुलाई 2025 को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मासिक अध्यक्षता हासिल की। यह उसके 2025-26 के गैर-स्थायी सदस्यता कार्यकाल का हिस्सा है। लेकिन सवाल ये है: क्या ये भारत और वैश्विक मंच के लिए गेम-चेंजर है? इसका भारत और दुनिया पर क्या असर होगा! 🇮🇳🌐

पाकिस्तान इस महीने दो बड़े आयोजन करेगा:

🔹 22 जुलाई: वैश्विक शांति और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर खुली बहस।

🔹 24 जुलाई: इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) और UN के बीच सहयोग पर चर्चा।

ये दोनों मौके पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अपनी बात रखने का सुनहरा अवसर देंगे। लेकिन क्या वो इसका फायदा उठाकर भारत के खिलाफ अपनी चाल चलेगा, जैसे कश्मीर मुद्दे को उछालना या ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाना? 😮


🇮🇳 भारत के लिए क्या मायने?


1. कश्मीर का खेल: पाकिस्तान पहले भी UNSC में कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने की नाकाम कोशिश कर चुका है। भारत, जो इसे द्विपक्षीय मुद्दा मानता है, अपनी मज़बूत कूटनीति से ऐसी कोशिशों को फिर से पटरी से उतार सकता है। 💪

2. आतंकवाद और सुरक्षा: पाकिस्तान तालिबान प्रतिबंध समिति का भी अध्यक्ष है। भारत ने बार-बार उस पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया है। क्या पाकिस्तान इस मंच का दुरुपयोग करेगा? भारत को अपनी नजरें खुली रखनी होंगी। 👀

3. आर्थिक दांव: पाकिस्तान अपनी छवि चमकाकर निवेश और सहायता हासिल करने की कोशिश कर सकता है। भारत को अपनी वैश्विक आर्थिक ताकत (G20, क्वाड) का इस्तेमाल कर इसकी काट ढूंढनी होगी।

4. मानवाधिकार का पाखंड?: पाकिस्तान की अपनी मानवाधिकार स्थिति (अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार) सवालों के घेरे में है। भारत अपनी लोकतांत्रिक छवि और उपलब्धियों (चंद्रयान, डिजिटल इंडिया) को उजागर कर इसका जवाब दे सकता है।

🌏 वैश्विक मंच पर असर?

▪️शांति या शोशेबाजी?: पाकिस्तान ने शांति और बहुपक्षीयता की बात की है, लेकिन उसकी विश्वसनीयता संदिग्ध है। क्या वो यूक्रेन, मध्य पूर्व जैसे संकटों में निष्पक्ष भूमिका निभा पाएगा? 🤔

▪️UNSC सुधार: भारत स्थायी सीट की मांग कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान इसका विरोध करता है। ये उसकी राह में रोड़ा बन सकता है।

▪️महाशक्तियों का खेल: चीन का समर्थन पाकिस्तान को ताकत देता है, लेकिन भारत की अमेरिका, फ्रांस, और जापान के साथ मज़बूत साझेदारी इसे बैलेंस कर सकती है।


🇮🇳 भारत की रणनीति?

🔥 अपनी कूटनीति को और धार देना।

🔥 वैश्विक मंच पर अपनी उपलब्धियों (इसरो, वैक्सीन कूटनीति) को ज़ोर-शोर से पेश करना।

🔥 आतंकवाद और जलवायु जैसे साझा मुद्दों पर नेतृत्व लेना।



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(साभार)

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