बुधवार, 13 अगस्त 2025

अमित शाह की करारी हार…

 अमित शाह की करारी हार…


वोट चोरी को लेकर देश भर में मचे बवाल के बीच यदि मोदी के मंत्री किरन रिज़िज़ू का व्यवहार चुनाव आयोग की प्रवक्ता की तरह है तो गृह मंत्री की ऐसी करारी हार इससे पहले कभी नहीं हुई है और ये हार इसलिए मायने रखता है क्योंकि इन दिनों अमित शाह को उत्तराधिकारी के रूप में ज़ोर शोर से प्रमोट किया जा रहा था तो आने वाले दिनों में उपराष्ट्रपति का चुनाव भी है…

बात की शुरुआत प्रवक्ता से चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों के 13 नेताओं को बुलाया था या 30 को, यह जानकारी चुनाव आयोग का प्रवक्ता या जनसंपर्क अधिकारी दे तो समझ में आता है। वैसे वहां गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड भी यह जानकारी दे सकता है।

लेकिन अब चूंकि चुनाव आयोग भी पूरी तरह सरकार का  ही हिस्सा बन चुका है, इसलिए उसकी ओर से हर जानकारी देने या उस पर लगने वाले आरोपों का जवाब देने का काम सरकार के मंत्री और सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता करने लगे हैं..!

अब आ जाइए अमित शाह की हार पर…

कांस्टीट्यूशन क्लब दरअसल देश के चुनिंदा मेंबर ऑफ़ पार्लियामेंट की संस्था होती है जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद सदस्य होते हैं साथ ही कुछ पूर्व लोकसभा सांसद जो पहले सांसद निवास में रहते थे उनके भी वोट शामिल होते हैं! 

इसका पदेन अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष होते हैं लेकिन सेक्रेटरी और अन्य सभी पदों पर चुनाव की परंपरा है! 

राजीव प्रताप रूडी जो बिहार छपरा से भाजपा के सांसद हैं पिछले 25 वर्षों से इस पद पर कार्यरत है! 

इस बार का चुनाव इस मायने में रोचक था, क्योंकि इस बार अमित शाह एंड पार्टी ने संजीव बालियान को राजीव प्रताप रूडी के खिलाफ खड़ा किया था! 

938 सदस्यों वाले इस क्लब में 788 तो वर्तमान लोकसभा राज्यसभा के सांसद थे तथा शेष वह लोग थे जो पूर्व में पार्लियामेंट के सदस्य थे पर अब सुदूर गांव में रहते हैं मतलब सदस्य नहीं होने की वजह से संसद भवन के परिसर छोड़कर चले गए! 

कल पूरे चुनाव में संजय बालियान को जीताने के लिए अमित शाह कैंप पूरी तरह सक्रिय नजर आया यहां तक किजेपी नड्डा जैसे लोग भी संजीव बालियान की मदद करते हुए देखे गए ! अमित शाह की हल्ला ब्रिगेड के सदस्य झारखंड के संसद सदस्य निशिकांत दुबे ने तो यहां तक घोषणा की की जीतेंगे संजीव बालियान हीं! 

788 सांसदों के इस समूह में 421सांसद एनडीए के हैं 43 सांसद न्यूट्रल है और 324 सांसद इंडिया के हैं! 

अगर पूरी तरह भाजपा समर्थित सांसद अमित शाह मोदी कैंप के कैंडिडेट संजीव बालियान के साथ नजर आते तो उनकी हार नामुमकिन थी!

लेकिन राजीव रूडी 102 वोटो से जीते! कल 680वोट गिरे जिन में 38 वोट डाक मत पत्र के थे , यह भी पूर्व सांसद और राज्यपाल वगैरा हैं जो अधिकांश भाजपा समर्थक थे! 

इंडिया गठबंधन के सभीसदस्य राजीव रुढी को सपोर्ट करते हुए नजर आए यहां तक की सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे वरिष्ठ नेता भी राजीव रूडी के लिए फ्लोर मैनेजमेंट करते  दिखे!

क्योंकि संसद अभी चल रही है इसलिए माना जाना चाहिए कि 644 वर्तमान सांसदों ने इसमें वोट किया और बाकी जो 38 डाक मत पत्र से वोट आए इस तरह कुल 682 मतदाताओं ने वोट डालें! 

सीधा सा गणित है 788 वर्तमान सांसदों में 421 भाजपा लीड गठबंधन के हैं और324इंडिया के हैं ,43 सांसद किसी गठबंधन के नहीं है!

 संजू बालियां को मात्र 290 वोट मिले और राजीव प्रताप को 392 वोट मिले इसमें 38 वोट डाक मत पत्र वाले भी शामिल थे यानी 354 वर्तमान सांसदों के वोट थे! एक आश्चर्य की बात और थी कि यह पूर्व 38 सांसद जिन्होंने डाक मत पत्रों से अपने मत भेजें वह सभी राजीव प्रताप रूडी को मिले!

मोदी शाह कैंप के खुले समर्थन के बावजूद इंडिया के सांसदों के सहयोग से राजीव रूडी की यह जीत क्या भाजपा के असंतोष की कहानी कह रहा है? 

आने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में आंकड़ों की यह कारीगरी रोमांच पैदा कर रही है!

वैसे एक नॉरेटिव जाट बनाम राजपूत का भी है और अमित शाह ने संजीव बालियान को खड़ा किया था इसलिए बड़े राजपूत नेता योगी आदित्यनाथ राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने बिहार के राजपूत नेता राजीव प्रताप की जीत में बड़ी भूमिका अदा करी , इंडिया गठबंधन का सहयोग तो अपनी जगह था ही! 

क्या भारतीय जनता पार्टी में अमित शाह के खिलाफ भी एक बड़ा वर्ग असंतोष के मुहाने पर खड़ा है!(साभार)