रविवार, 24 अगस्त 2025

संघ के फिर एक झूठ का पर्दाफ़ाश…

 संघ के फिर एक झूठ का पर्दाफ़ाश…


कभी सुभाष बाबू तो कभी सरदार पटेल, कभी भगत सिंह तो कभी शास्त्री को लेकर अफ़वाह उड़ाने वाली दुनिया की इस सांस्कृतिक संगठन को प्रधानमंत्री मोदी ने तो उसी दिन घुटने पर ला दिया था जब उनके चेले नड्डा ने कहा था कि बीजेपी को अब संघ की ज़रूरत नहीं है लेकिन संघ और समूची बीजेपी के झूठ की परते उधड़ने लगी है और अब इंदिरा को लेकर करपात्री महाराज के श्राप को लेकर फैलाए झूठ का सच भी सामने आने लगा है…


ये वही करपात्री महाराज हैं जिनके लिए भाजपाई ये कहते नहीं अगाहते कि इन्होंने इंदिरा जी को श्राप दिया था।

दरअसल, ये भी उनके प्रोपोगंडा का हिस्सा हुआ। करपात्री जी द्वारा जिस तिथि और साल की ये घटना बताई जाती है उसके अगले साल करपात्री जी ने ये किताब लिखी। 



इसमें उन्होंने गोलवलकर की वी एंड अवर नेशनहुड डिफाइंड और बंच ऑफ थॉट की समीक्षा की है। इसके अलावा उन्होंने rss के साथ अपने काम के अनुभव को भी बताया है। उन्होंने इसमें rss को जितना कोसा है उतना उस समय में नेहरू जी या इंदिरा जी ने भी नहीं कोसा होगा। 

इसमें उन्होंने rss के हर प्रोपोगंडा को उधेड़ कर रख दिया जो जनसंघ और उसके बाद अब भाजपा चला रही है। उन्होंने rss के दोहरे चरित्र की जिस तरह से व्याख्या की है वो वाकई आंख खोलने वाली है। उन्होंने rss के राष्ट्रवाद के एजेंडे को हिदुओं को पतन की ओर ले जाने का मार्ग बताया। उसका एक अंश यहां दिया है। शास्त्रों के माध्यम से उन्हें Rss और उसके हिंदुत्व के एजेंडे की जो धज्जियां उन्होंने उड़ाई है वो अद्भुत है। (साभार)