बुधवार, 3 मार्च 2010

भ्रष्ट अधिकारियों का पनाहगार है वेयर हाउसिंग

वैसे तो प्रदेश का कोई भी विभाग नहीं है जहां भ्रष्टाचार चरम पर न हो लेकिन वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन में जिस पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है वह गिनीज बुक में दर्ज करने लायक है। पिछले 20 माह में एक से बढ़कर एक कांड हुए लेकिन शाखा प्रबंधकों पर इसलिए कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि उन्हें सरकार का संरक्षण है और वे अब भी शान से भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।
वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन कहने को खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहिले का विभाग है लेकिन वास्तव में यहां सीधे सरकार का हस्तक्षेप है और यहां विभिन्न शाखाओं में जमें प्रबंधकों का मंत्रियों से गठजोड़ की खबरें हैं यहीं वजह है कि पिछले 20 माह से इतने कांड हो रहे है उतने वेयर हाउसिंग के इतिहास में कभी नहीं हुए।
बताया जाता है कि शाखा प्रबंधकों की मनमानी का यह हाल है कि वे ऊपर तक पैसा पहुंचाने का दावा करते हैं और कई जगह तो कर्मचारियों को प्रताड़ित करने से भी बाज नहीं आते।
बताया जाता है कि दुर्ग, अम्बिकापुर, सक्ती और राजिम में अग्निकांड की जांच रिपोर्ट को दबाया जा रहा है ताकि शाखा प्रबंधकों व दोषी लोगों को बचाया जा सके जबकि इन मामलों में इनकी लापरवाही प्रथम दृष्टि में ही उजागर हो चुकी है। इसी तरह जगदलपुर, अम्बिकापुर एवं राजिम में चावल की बोरियों में हेराफेरी का मामला सामने आया है लेकिन इस मामले में भी किसी भी शाखा प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई उल्टे इस मामले में दोषी लोगों को बचाने उच्च स्तर पर लेन देन की चर्चा है।
हमारे भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार राजधानी के गुढ़ियारी और कांकेर में संग्रहित चावल में बड़े पैमाने पर कीट प्रकोप का मामला सामने आया और यहां हेराफेरी की भी खबरें है लेकिन मंत्रियों के करीबी होने की वजह से शाखा प्रबंधकों को बचाया जा रहा है।
वेयर हाउस के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब शाखा प्रबंधकों को महाप्रबंधक बचाने में लगे हो और उपर तक पैसा पहुंचाने की चर्चा खुलकर होती हो। बताया जाता है कि खाद्य मंत्री के पास भी इन सबकी शिकायत की गई है लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई की बजाय शिकायतों को रद्दी की टोकरी में फेके जाने की चर्चा है। बहरहाल वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन में चल रहे इस व्यापक भ्रष्टाचार पर सरकार की खामोशी आश्चर्यजनक है जबकि सरकारी योजनाओं का चावल यही संग्रहित किया जाता है ऐसे में योजनाओं को लेकर सवाल उठना स्वावभाविक है।

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