शदाणी दरबार के पास बन रहे थोक दवा बाजार के निर्माण में पदाधिकारियों द्वारा किए जा रहे घपले को लेकर सदस्यों में भारी रोष है और अब तो नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत पर भी आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप खुले आम लगाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक मेडिकल व्यवसायियों ने थोक दवा बाजार बनाने शदाणी दरबार के पास 14 एकड़ जमीन ली थी तथा इसका अध्यक्ष भरत आजवानी और कोषाध्यक्ष जुगल किशोर चांडक को बनाया गया इसके साथ ही संस्था में विजय जादवानी, वासु जोतवानी, राजन सहित अन्य को कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए।
बताया जाता है कि पहले तो निर्माण में विलंब को लेकर सदस्यों ने पदाधिकारियों को घेरना शुरू किया तब पता चला कि 14 की जगह सिर्फ 11 एकड़ में ही दवा बाजार बनाया जा रहा है और तीन एकड़ जमीन पदाधिकारियों ने न केवल अपने नाम पर रजिस्ट्री करा ली बल्कि उसे अनाप शनाप कीमत पर बेचने की कोशिश कर रहे हैं। सदस्यों को जब इस घपलेबाजी का पता चला तो वे बैठक बुलाने की मांग करने लगे और कुछ लोगों ने इसकी शिकायत रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी और राय सरकार से कर दी।
इधर उच्च स्तरीय शिकायत के डर से पदाधिकारियों ने स्वयं को बचाने हाथ-पैर मारना शुरु कर दिया और बताया जाता है कि उच्च स्तर पर दो करोड़ का लेन देन भी हो गया ताकि पदाधिकारियों को बचाया जा सके। इधर शिकायतकर्ताओं पर शिकायत वापस लेने का दबाव भी आने लगा। एक सदस्य ने तो नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत पर भरी बैठक में आरोप लगाया कि वे शिकायतकर्ताओं को शिकायत वापस लेने दबाव डाल रहे हैं।
इधर सदस्यों द्वारा पदाधिकारियों से हिसाब मांगे जाने पर उन्हें पैसा वापस लौटाने की धमकी दी जाती हैं चूंकि यहां की जमीन की कीमत दो-तीन गुणा बढ़ गई है इसलिए कई सदस्य खामोश हैं। इधर इस मामले को लेकर सदस्यों में भारी रोष है जबकि चर्चा इस बात की भी है कि ले-आऊट से लेकर पानी-बिजली सड़क के मामले में भी घपलेबाजी जमकर हुई है चूंकि पदाधिकारियों ने उच्च स्तरीय लेन देन कर लिया है इसलिए भी कार्रवाई नहीं हो रही है और सदस्यों की बढ़ती-नाराजगी की वजह से कभी भी कोई अनिष्ट होने की संभावना भी जताई जा रही है। बहरहाल थोक दवा बाजार मामले में मंत्री का नाम आने से विवाद गहराने लगा है और उच्च स्तर पर धमकी-चमकी के चलते सदस्यों में भारी नाराजगी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें