राज्य बनने के पहले भोपाल के पत्रकारों और पत्रकारिता की स्थिति को लेक रायपुर में अक्सर निंदा की जाती थी कि वहां किस तरह की पत्रकारिता होती है कैसे पत्रकार दो-पांच के लिए मंत्रियों और अधिकारियों से सेटिंग कर लेते हैं।
छत्तीसगढ़ राय बनने के बाद एक-दो साल तक तो सब ठीक-ठाक रहा लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। मत्था बदल अखबार से लेकर मंत्रियों व अधिकारियों के दलाली करते पत्रकार नजर आने लगे हैं। पिछले दिनों एक अखबार में जब एक अधिकारी के खिलाफ लगातार खबरें छपने लगी तो साप्ताहिक निकालने वाले अखबार के कथित पत्रकार ने खबर रूकवाने सौदेबाजी की और सेटिंग के एवज में न केवल अधिकारी से पैसे लिए बल्कि पत्रकार से भी कमीशन ले लिया। सौदा भी बड़ा नहीं था लेकिन इसकी चर्चा काफी हाउस तक जा पहुंचा है।
छत्तीसगढ में चल रहे इस दलाली और सेटिंग के खेल में कुछ प्रतिष्ठित अखबार के पत्रकार भी शामिल है कुछ इश्योरेंस पालिसी बेच रहे हैं तो कुछ काम ले रहे हैं। इस पत्रकार के द्वारा तो एक मंत्री से भी सेटिंग कर खबर रुकवाने का काम करने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। पत्रकारिता के इस नए परिवादी से आम लोगों का कितना भला होगा यह कहना मुश्किल है लेकिन नेताओं और अधिकारियों की डकैती जोर-शोर से चल पड़ी है।
और अंत में...
प्रतिष्ठित माने जाने वाले एक अखबार के पत्रकार को एक अधिकारी की खबर लग गई। पहले उसने उससे खबर पर चर्चा की और उठते हुए एक पॉलिसी थमा दी।
bilkul sahi baat hai,
जवाब देंहटाएंaaj patrakarita main vah baat nahin hai jo pahle hua karti thi, ab kalam bhi bik rahi paison ke liye
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
शानदार पोस्ट है...
जवाब देंहटाएंशानदार पोस्ट है...
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