रविवार, 20 जून 2010

श्रीमद् भागवत गीता का अपमान!


ठाकुर की ठकुराई या मूणत की मुर्खताई
स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह की तस्वीर वाली गीता वितरित
इसे सत्ता का दंभ कहें या व्यवस्था की मुर्खता लेकिन डॉ. रमन सिंह के पिताजी के तेरहवीं कार्यक्रम में जिस तरह से हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ ‘श्रीमद् भागवत गीता’ का अपमान किया गया उससे न केवल आम आदमी आक्रोशित है बल्कि उनकी टिप्पणी भी बेहद तीखी है। कोई इसे गीता का अपमान कह रहा है तो कोई इसे सत्ता का दंभ बता रहा है। मामले को तूल पकडऩे से रोकने सरकारी प्रयास भी जारी है। बावजूद इस करतूत की शिकायत नागपुर से लेकर दिल्ली तक की जा चुकी है।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह के पिताश्री स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह के तेरहवीं में 16 जून को कवर्धा में श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान श्रीमद् भागवत गीता बांटी गई। तेरहवीं कार्यक्रम में गीता का वितरण नया नहीं है लेकिन यहां जिस गीता का वितरण किया गया उसमें स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह जी की रंगीन तस्वीर छापी गई थी। दरअसल हिन्दुओं के लिए गीता का महत्व किसी से छीपा नहीं है और वे इसे अपने पूजा स्थल पर रखते हैं ऐसे में स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह की तस्वीर वाली गीता कोई अपने पूजा स्थल पर क्यों रखेगा और जब पूजा स्थल पर नहीं रखा जाएगा तो फिर इस पवित्र ग्रंथ को रका कहां जाएगा। हमारे भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि तेरहवीं में वितरित किए जाने वाले श्रीमद् भागवत गीता में स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह की तस्वीर छापने के पिछे स्वयं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सहमति रही है जबकि सलाहकार के रुप में पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था करने वाले नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत का नाम सामने आया है।
बताया जाता है कि यह तस्वीर मूणत आफसेट में छापी गई है और करीब डेढ़ लाख लोगों को यह किताब वितरित की गई है। आम लोगों की इस मामले में बेहद तीखी प्रतिक्रिया है और कई लोगों ने तो यहां तक कह डाला कि जो जितना बड़ा अधर्मी है आज वह उतना ही बड़ा धर्म का ठेकेदार हैं।
कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि धर्म की राजनीति करने वाली भाजपा के नेताओं की ऐसी करतूतों के कारण ही देश में भाजपा को मुंह की खानी पड़ेगी और केन्द्रीय नेतृत्व ने यदि कड़े कदम नहीें उठाये तो छत्तीसगढ़ में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ सकती है। बहरहाल स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह की तस्वीर वाले श्रीमद् भागवत गीता का मामला किस करवट बैठेगा यह तो वक्त ही बतायेगा लेकिन यह तय है कि इस मामले को लेकर पुजारियों और आम लोगों में बेहद आक्रोश है।
क्या करें इसगीताका...
हमने स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह की तस्वीर वाले ‘श्रीमद् भागवत गीता’ के उपयोग पर चर्चा की तो कई पंडितों ने कहा कि इसे नदी-तालाब में विसर्जित किया जाना ही सबसे उचित होगा क्योंकि यदि तस्वीर फाडक़र इसे पूजा स्थल पर रखेंगे तो ठाकुर साहब का अपमान होगा। भले ही तस्वीर छपाने वालों ने इस अपमान को नहीं समझा हो लेकिन आम आदमी को यह ध्यान रखना होगा कि उनकी हरकत से किसी का अपमान न हो।
कांग्रेसी अब क्या करेंगे
धर्म को लेकर हमेशा ही कांग्रेस पर हमला होता रहा है ऐसे में विपक्ष में बैठी कांग्रेस क्या रूख अख्तियार करती है इसे लेकर कई तरह की चर्चा है। खासकर उन कांग्रेसियों की दुकानदारी या ठेकेदारी बंद होने की बात कही जा रही है जो थोड़े बहुत लालच में अपने मुंह पर ताला जड़े हुए हैं।
अब कहां है हिन्दू संगठन...
छत्तीसगढ़ में हिन्दुओं के हित में बोलने वाले चार दर्जन से अधिक संगठन काम कर रहे हैं लकिन आश्चर्य का विषय तो यह है कि इतने बड़े मामले में अब तक कोई भी सामने नहीं आया है। हिन्दुत्व की दुहाई देने वाले सबसे बड़े संगठन आरएसएस हो या विश्वहिन्दू परिषद से लेकर बजरंग दल सभी ने खामोशी ओढ़ ली है बात-बात में मिशनरियों को ललकारने वाली धर्म सेना तो इस मामले में कुछ भी बोलने से कतराती रही जबकि छोटे-मोटे संगठनों ने हमें ही सलाह दे दिया कि इस मामले को तूल मत दो। हमारा भी इस मामले को तूल देने का ईरादा नहीं है लेकिन जिस हिसाब से हमें आम लोगों ने ‘गीता’ के अपमान को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त की हम उन्हें भावनाओं को सिर्फ शब्द दे रहे हैं।
धर्म की राजनीति करने वाले दिग्गज भी पहुंचे थे...
स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह जी के तेरहवीं कार्यक्रम में वे लोग भी आए थे जिन्हें कट्टर हिन्दुवाद के रुप में जाने जाते हैं। लालकृष्ण आडवानी, उमा भारती तो कट्टर हिन्दूवादी चेहरे हैं। जबकि राजनाथ सिंह, सुंदरलाल पटवा, धर्मेन्द्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद, प्रभात झा, उमाशंकर गुप्ता सहित अनेक लोगों का ध्यान भी इस ओर नहीं गया। क्या वे जानबूझकर चुप थे यह तो वहीं जाने।
धर्म ग्रन्थ किसी की जागीर नहीं
प्रतिक्रियाएं : आम लोगों में आक्रोश
महादेव घाट स्थित हटकेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी श्री लोचन गिरी गोस्वामी जी हमारे धर्मग्रंथ के साथ छेड़छाड़ करना गलत बात है इस तरह से फोटो लगाना उचित नहीं है यह हक किसी को नहीं है ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
महादेवघाट स्थित काली मंदिर के महंत संतोष गिरी महाराज फोटो लगाने का अधिकार किसने दिया। ये तो बर्दाश्त के बाहर की बात है और इस पाप के लिए सजा जरूर मिलेगी।
श्री कमल गिरी जी महाराज- इन्होंने इस तरह से गीता के अपमान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसके खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।
श्री डगेश्वर शर्मा जी महाराज ने कहा कि इस तरह का कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है और दंड भी तय होने चाहिए।
फायर ब्रिगेड चौक हनुमान मंदिर के पुजारी पं. भूषण शर्मा जी ने गीता में फोटो देखते ही आग बबूला हो उठे और इसे पाप करार देते हुए गीता के दुरुपयोग पर रोक लगाने की बात कही।
श्याम नगर स्थित शिव मंदिर के पुजारी पं. यदुवंशमणि त्रिपाठीजी ने इस ‘गीता’ को देखते ही कहा कि लगता है डॉ. रमन सिंह पर भी कलयुग का प्रभाव आ गया है और कहा कि जब राजा ही ऐसा अधर्म काम करे तो प्रजा क्या करेंगे। पद के प्रभाव में धार्मिक ग्रंथों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
आर्तेक जायसवाल अंबिकापुर- इन्होंने कहा कि पद का ऐसा दुरुपयोग कभी नहीं देखा इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
बल्ला महाराज- डंगनिया बम्लेश्वरी मंदिर के पुजारी ने भी कहा कि इस तरह का फोटो लगाना गलत है। धर्मग्रंथ के साथ छेड़छाड़ की ईजाजत किसी को नहीं दी जानी चाहिए। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।
ट्रांसपोर्टर संजय पाण्डे रायपुरा ने कहा कि कोई हिन्दु ही कैसे अपने ग्रंथ का अपमान कर सकता है आज हिन्दु संगठन चुप रहा तो हिन्दुओं की रक्षा में कौन आगे आएगा।
पत्रकार दामू अम्बाडोरे ने कहा कि अब तो जो जितना बड़ा अधर्मी है उतना बड़ा धर्म का ठेकेदार हो गया है ऐसे लोगों का बहिष्कार किया जाना चाहिए।
कवर्धा निवासी शेषनारायण पाण्डे ने कहा कि यह तो पद का दंभ है और किसी को अपने परिवार का प्रचार करना है तो कम से कम धर्म ग्रंथों को तो बख्श दें।
कोण्डागांव निवासी इसरार अहमद गोलू ने कहा कि किसी भी धर्मग्रंथ का अपमान उचित नहीं है और ऐसे मामले में कार्रवाई तय हो। धर्मग्रंथ किसी की जागिर नहीं है जिसे तो चाहे जैसा उपयोग कर ले।
विजन पब्लिक स्कूल के संरक्षक श्री सभाजीत पाण्डेय ने गीता में तस्वीर देखते ही भडक़ उठे। उन्होंने कहा कि पद में बैठकर लोग धर्म को जागिर बनाना आम लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ है ऐसे लोगों को न केवल पद से निकालना चाहिए बल्कि कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
अजय दुबे संपादक खबर भूमि ने कहा कि भाजपा केवल धर्म की रक्षा की बात कर सत्त में आई है और उनके नेता इस तरह की हरकत कर रहे हैं ऐसे लोगों को पद पर बने रहने का एक दिन का भी हक नहीं है।

3 टिप्‍पणियां:

  1. सम सामयिक आलेख के लिए साधुवाद. ख़बरों पर पैनी नज़र रखने वाले पत्रकार अब वैसे भी नहीं के बराबर हैं. इस लेख पर आपका सम्मान होना चाहिए और पूरे मामले की जांच भी. पर अफ़सोस ऐसा कुछ नहीं होने वाला . वैसे भी हम लोग सरकारी सम्मान के भूखे थोड़े ही है यार. जमकर लिखो. इस उम्मीद के साथ की आज नहीं तो कल सरकार को ये मानना पड़ जाए की असली पत्रकार हम ही हैं. उनके पीछे आर ओ या किसी फाइल में दस्तखत कराने घूमने वाले पत्रकार नहीं दलाल हैं . पुनः बधाई..

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  2. Bhai jee thakur sahab to ab swarg mae baithe CM (Putra) ke charron ko kos rahen honge, kyuki ye kaam Netajee ke razamandi se hua hai ye mae maan nahi sakta.

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