गुरुवार, 1 जुलाई 2010

कोसा बुनकरों का पलायन

रायगढ़। कोसा के कपड़े के लिए रायगढ़ जिला प्रसिध्द रहा है यहां से कोसा कपड़े देश के बड़े शहरों एवं विदेशों में भी भेजा जाता रहा है। यहां के कोसा साड़ी आज से 30 वर्षों पूर्व रुपए 125 में बिका करता था और कोसा जीन कपड़ा 6 मीटर का 10-10 तार का 150 रुपए मूल्य था। महंगाई बढ़ते गया और बुनकरों का व्यवसाय रोजी रोटी बिगड़ता गया। वर्ष 1970 में राय वस्त्र निगम रायगढ़ डीपो में बुनकरों का बनाया कोसा कपड़ा और साड़ी जमा होता था प्रदेश के राय वस्त्र निगम ने बुनकरों का कोसा वस्त्र खरीद कर बाहर भेजा करता था वर्ष 2000 में कुछ व्यक्तियों के द्वारा गलत कोसा मिलावटी याने पोलिस्टर धागों से बने कपड़े को भी कोसा के नाम से जमा किया और कोसा वस्त्र निगम के अध्यक्ष बने श्री जगदीश प्रसाद मेहर ने मनमाने कीमत पर खरीदी और इकट्ठा होने लगा। तब कोसा कपड़ा बदनाम होते फिर दो वर्ष में ही यहां का राय वस्त्र निगम बंद हो गया। तब से बुनकर जाति (कोस्टा) के कुशल बुनकर समुदाय ने बुनाई बंद कर दिया और अन्य साग सब्जी, रेडीमेट वस्त्र बिक्री करना प्रारंभ किया। कुछ बुनकरों ने तो रिक्शा चला कर परिवार का पालन पोषण करते रहा है। कोसा का कपड़ा का व्यापार दूसरे जाति के लोग अपना लिए है और असली कोस्टा जाति के लोग मजदूरी करते नजर आते हैं। शासन का ध्यान इस कोस्टा जाति के पुन: निर्माण संचालन पर कोई ध्यान नहीं है। शासन के योजनाओं का लाभ बुनकर नहीं उठा पाए आज तक।
राय शासन ने शासकीय बुनकर सहकारी समिति बनाए किन्तु अध्यक्ष सचिव ने योजना का लाभ उठाया लखपति बन गए है किन्तु कोस्टा जाति बनकर भी नहीं रह सके। मात्र अंगूठा निशान लगाने लगते रहें। यहां के हाथ करधा कार्यालय में मात्र एक लघु हाथ करघा उद्योग ही जीवित है जो बीमार पड़ा है। राय शासन का ध्यान इस कोस्टा जाति बुनकर समुदाय पर देने और बुनकर जो पूर्वजों को द्वारा बनाए रोजगार को पुन: जीवित करने दूसरों के मजदूरी करने को मजबूर कोस्टा जाति के लोग अपने वस्त्र निर्माण में लगे शासन को ध्यान देने योजना बनाना लागू करना अति आवश्यक हो गया है। क्योंकि कोस्टा जाति के लोग ही कोसा वस्त्र निर्माण कर देश में और विदेशों में शासन के द्वारा आयोजित प्रदर्शनियों में भाग लेकर ही कोसा वस्त्रों का निर्यात करने की क्षमता भी रखते हैं। आज की गरीबी में कोसा साड़ी 1500 रुपए से लेकर 15000 कीमत और कोसा कपड़े 150 रुपए प्रति मीटर से उपर चल रहा है।

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