वैसे तो सरकारी विज्ञापन से ही नहीं सेटिंग करके जमीन से लेकर खदान लेने वाले अखबार मालिक अपने पत्रकारों व दूसरे मीडिया कर्मियों को फूटी कौड़ी देना पसंद नहीं करते लेकिन जब भी नए ग्रुप की आमद होती है वे भीतर तक डर जाते हैं। इन दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी में यही सब कुछ हो रहा है। पत्रिका, राज एक्सप्रेस सहित कई नए अखबार के आमद ने प्रतिष्ठित अखबारों को भीतर तक हिला दिया है। तोड़फोड़ से भयभीत अखबार मालिक अब पत्रकारों की खुशामद में लग गए हैं। दैनिक भास्कर को पत्रिका से सर्वाधिक खतरा महसूस होने लगा है इसलिए उसने अपने यहां के पत्रकारों ही नहीं अन्य कर्मचारियों का वेतन बढ़ा दिया है। बावजूद टूटन जारी है।
भास्कर के मार्केटिंग वाले पत्रिका पहुंचे...
दैनिक भास्कर ने अपने कर्मचारियों का वेतन तो बढ़ा दिया है लेकिन लगता है पत्रिका को चैन नहीं है वह भास्कर से दुश्मनी भुनाने में लगा है। सर्कुलेशन, संपादकीय व विज्ञापन विभाग में तोड़फोड़ के बाद उसे मार्केटिंग में भी तोड़फोड़ में सफलता मिल गई है। भास्कर के मार्केटिंग के सौरभ श्रीवास्तव, आदर्श पाठक, देवेश नगड़िया और आदित्य पत्रिका पहुंच गए हैं।
मनोज हरिभूमि छोड़ नई दुनिया में...
हरिभूमि का फोटो ग्राफर मनोज साहू को नई दुनिया रास आने लगा है। नई दुनिया यादा वेतन देकर मनोज को अपने यहां बुला लिया। कहा जा रहा है कि हरिभूमि में वैसे भी मनोज परेशान था।
भाई खुश हुआ...
वैसे तो इन भाई फोटो ग्राफरों का सभी मजाक उड़ाते है। अच्छी तस्वीरें खींचने के बावजूद उन्हें अब तक तवाों नहीं मिल रही थी। वेतन की कमी अलग रही ऐसे में पत्रिका में जोर लगाना ही था और वे सफल भी हो गए। अब इन्हें झमरु-डमरु कहो या त्रिलोचन-हीरा मानिकपुरी कह लो। दिन तो बहुर ही गए।
वाह पाण्डे जी
हरिभूमि में क्राईम-क्राईम खेलने वाले सतीश पाण्डे ने ऊंची-छलांग लगा ली है। पहले हल्ला मचाया कि पत्रिका में जा रहा हूं पहले ही दहशत में रहे हिमांशु ने उसकी तनख्वाह तीन हजार बढ़ा दी। अभियान सफल रहा।
इलेक्ट्रानिक में दारू वालों की आमद...
लंबी खामोशी के बाद एक फिर इलेक्ट्रानिक मीडिया में हलचल होने लगी है। जी-24 के गिरते ग्राफ ने इसके मालिक को एम चैनल में पार्टनरशिप लेने मजबूर किया तो मंजित अमोलक जैसे दारु वाले इस व्यवसाय में कदम रखने लगे हैं। भास्कर का क्या वह तो 51 प्रतिशत में स्वयं है बाकी 49 में कोई भी खेल।
और अंत में...
जब से जनसंपर्क का कार्यभार अमन सिंह ने संभाला है तभी से संवाद व जनसंपर्क के भ्रष्ट अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। वे आपस में यही चर्चा कर रहे हैं कि कैसे साहब को अपनी करनी छुपायें और खुश करने कौन सा गिफ्ट दें।
GHAZAB KAR RAHE HO KAUSHAL..EK SE EK SOOCHANAYE DE RAHE HO...MAZAA AA RAH HAI.
जवाब देंहटाएं