सोमवार, 24 जून 2024

नीट-प्रेमी साय…

साय का नीट प्रेम...


इन दिनों पूरे देश में नीट को लेकर हंगामा मचा है, समूचा विपक्ष इस मामले में मोदी सत्ता पर हमलावर है, तो शराब प्रेमियों का  नीट को लेकर अलग ही नजरिया है, कुछ इसे सेहत के लिए नुकसानदेह मानते हैं तो कुछ लोग तो नीट ही मार देते हैं। आदिवासी क्षेत्रों में तो महुआ का शराब ही चलता है, जिसमें न तो पानी न बर्फ का ही हस्तेमाल होता है। और ऐसा भी नहीं है कि सभी आदिवाली महुआ ही पीते हैं। कुछ तो शहरी क्षेत्रों में आकर बढ़ि‌या विदेशी शराब का सेवन करते हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी आदिवासी वर्ग से आते हैं लेकिन उनकी रुचि इसमें है या नहीं किसी को नहीं पता। लेकिन इन दिनों चर्चा उनके नीट प्रेम की है।


कहा जाता है कि सत्त्रा मिलते ही विष्णु देव साथ के सामने सबसे बड़ी चुनौति सीजीपीएससी के घोटाले को निपटाना था । तो उन्होंने सबसे पहला काम इस मामले को सीबीआई को सौंप कर पूरा कर दिया। फिर घपला न हो इसके लिए उन्होंने जो कदम बढ़ाया वह था प्रदीप जोशी को सलाहकार बनाना। प्रदीप जोशी मध्यप्रदेश वाले व्यापाम कांड का चर्चित चेहरा, -प्रदीप जोशी यानी एन टी ए का चेयरमेन । एनटीए मानी नीट का आयोजन कर्ता ।

कांग्रेस ने प्रदीप जोशी को लेकर विष्णुदेव साय सरकार पर हमला भी कर दिया है, कि प्रदीप जोशी को सलाहकार से हटाया जाए। लेकिन हटाना आसान नहीं है क्योंकि प्रदीप जोशी संघ ही नहीं मोदी सरकार के भी खास हैं फिर ओपी चौधरी के मार्फत हुए इस नियुक्ति में कौन-कौन नाराज होंगे कहना मुश्किल है।

ऐसे में भले ही प्रदीप जोशी और एनटीए के चेयरमेन में हो लेकिन उनकी पहचान तो नीट ने ही देश में बढ़ाई है तब भला साय के इस जोशी प्रेम को लोग नीट प्रेम से जोड़ रहे हैं तो भाजपा क्यों तिलमिला रही है।

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