राहुल गांधी और तोता मैना…
आज हम तोता मैना की एक कहानी सुनाये उससे पहले बता देते हैं कि मोदी और उसकी माँ को गाली देने वाला कृषि मंत्री शिवराज सिंह का करीबी भाजपाई निकला, दरअसल ये सारा कुचक्र वोट चोरी से ध्यान भटकाने के लिए किया गया था, अब क्या अमित शाह, विष्णुदेव साय माफ़ी माँगेगे…
क्या राहुल ने गाली दी..? क्या राहुल के सामने किसी ने गाली दी? क्या राहुल की सभा के दौरान किसी ने गाली दी?
इन सभी सवालों का जवाब है- नहीं!
लेकिन पूरी बीजेपी कह रही है, माफ़ी माँगें। ये तो खुला षडयंत्र है। सभा समाप्त होने के बाद किसी ने जाकर कुछ कह दिया। तुरंत उसका वीडियो बन गया और बीजेपी नेताओं के पास पहुँच गया...! क्या यह सामान्य है?
बिहार में सरकार तो एनडीए की है। पता करे कि किसने गाली दी, पकड़िए. सज़ा दीजिए। प्रेस कान्फ्रेंस नहीं एफआईआर कीजिए।
वैसे अनजान आदमी की गाली के लिए अगर राहुल माफ़ी माँगें तो फिर भरी संसद में रमेश विधूड़ी की गाली के लिए कौन माफ़ी माँगेगा?
और कांग्रेस की विधवा, जर्सी गाय जैसे बदबूदार शब्द तो महामानव के मुखारबिंद से ही निकले थे। माँगेंगे माफ़ी?
सच्चाई ये है कि राहुल गाँधी की निरंतर बढ़ती लोकप्रियाता से पीेएम मोदी और बीजेपी बुरी तरह घबरा गये हैं। षड़यंत्र के अलावा कोई चारा नहीं है। पर जनता सब जानती है। इस बार बेहद महँगा पड़ेगा। और अभी तो सिर्फ़ शुरुआत है...!
लेकिन यह सब खुलकर सामने आ गया कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के रिजवी को सोची समझी रणनीति और साजिश के तहत कांग्रेस के मंच पर भेजा गया. रिजवी ने मंच पर मोदी की मां को गाली दी और वहां से खिसक गया. रिजवी की तस्वीर भाजपा के बड़े नेता शिवराज सिंह चौहान के साथ भी देख सकते हैं.
इसके बाद पूरे देश की गोदी मीडिया, भाजपा के आइटी सेल एवं अंधभक्तों ने पूरे देश में भौकाल मचा दिया. माहौल को गर्मा कर बिहार में विरोध के नाम पर गुंडागर्दी शुरू हो गई.पूरे प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर पर आज भाजपा के गुंडों ने हमला किया गया है.
पटना में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर बिहार के एक मंत्री के नेतृत्व में हमला किये जाने की खबर है जिसमें व्यापक स्तर पर तोड़फोड़ की गई है.
भाजपा को ऐसा लगने लगा है कि बिहार में उसके खिलाफ व्यापक जन आक्रोश है और सत्ता हाथ से निकल सकती है.
इसी के मद्देनजर अपने कार्यकर्ता से गाली दिलवाकर बिहार को अराजकता में धकेला जा रहा है. इसका उद्देश्य कांग्रेस को बदनाम कर महागठबंधन को सत्ता से दूर करना है.
बिहार के मुख्यमंत्री मानसिक रूप से बीमार हैं. सत्ता का संचालन नेताओं एवं नौकरशाहों के एक गिरोह के द्वारा किया जा रहा है जो भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहा है. इस स्थिति में चुनाव तक बिहार को लगातार अराजक स्थिति में चुनावी फायदे के लिए धकेला जायेगा.
तब ऐसे में तोता मैना की यह कहानी ज़रूर पढ़नी चाहिए…
तोता और मैना जब एक उजड़ी हुई वीरान बस्ती से गुजर रहे थे तो मैना ने कहा : " किस क़दर वीरान बस्ती है ?
तोता बोला :" लगता है जैसे यहाँ से किसी उल्लू का गुजर हुआ है , जिस वक़्त तोता और मैना में ये बातें हो रही थी उसी समय एक उल्लू भी उधर से जा रहा था , उसने तोते की बात सुनी और उससे मुखातिब हो कर कहा कि तुम लोग इस बस्ती में मुसाफिर लगते हो , आज रात मेरी मेहमान नवाजी क़ुबूल करो और साथ खाना खाओ ।
उल्लू की मोहब्बत भरी दावत से तोता और मैना का जोड़ा इंकार न कर सका और उन्होनें दावत क़ुबूल कर ली , खाना खाकर जब उन्होने रुख्सत होने की इजाजत चाही तो उल्लू ने मैना का हाथ पकड़ लिया और कहा :" तुम कहाँ जा रही हो ?
मैना परेशान होकर बोली ...ये भी कोई पूंछने की बात है ? मैं अपने हस्बेंड के साथ जा रही हूँ । उल्लू यह सुनकर हंसा और कहा : ये तुम क्या कह रही हो तुम तो मेरी वाइफ हो । उल्लू की ये बात सुनकर तोता और मैना दोनों उल्लू पर झपट पड़े और झगड़ा शुरू हो गया ।
जब बहस और तकरार हद से ज्यादा बढ गई तो उल्लू ने एक सलाह दी और कहा कि हम तीनों अदालत चलते हैं और जज के सामने अपना मामला रखते हैं , जज जो फैसला करेगा वह हमें मंजूर होगा । उल्लू की तरकीब पर तीनों अदालत में पैश हुए , जज ने दलीलों और सबूतों के आधार पर उल्लू के हक़ में फैसला सुनाया और अदालत बर्खास्त कर दी ।
तोता इस बे इंसाफी पर रोता हुआ जा रहा था तभी पीछे से उल्लू ने आवाज लगाई "भाई अकेले कहाँ जा रहे हो अपनी बीवी को तो साथ लेते जाओ " तोते ने हैरानी से उल्लू की तरफ देखा और कहा : ये अब मेरी बीवी कहाँ है अदालत ने तो इसे तुम्हारी बीवी क़रार दिया है ?
नही दोस्त । मैना तुम्हारी ही बीवी है , बस मैं तुम्हे ये बताना चाहता था कि बस्तियां उल्लू वीरान नही करते , बस्तियाँ तब वीरान होती है जब उन मे से इंसाफ खत्म हो जाता है ।(साभार)
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