न यार मिला, न विसाले सनम…
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तो चीन ने पाकिस्तान को साथ देकर भारत के प्रति अपनी मंशा स्पष्ट कर ही दी थी, मोदी भी छोटी आँख वाले गणेश को याद कर चीन के प्रति सोच ज़ाहिर कई बार किया लेकिन अचानक चीन के गोद में बैठने की नीति किसी को समझ आये या ना आये जीनपिंग समझ चुका है इसलिए जब मोदी चीन पहुँचे तो….
एक तस्वीर निकलकर बाहर आई इस तस्वीर ने सब कुछ साफ़ कर दिया कि चीन के लिये भारत या मोदी के क्या मायने है , इस तस्वीर में तमाम राष्ट्रप्रमुखों की तस्वीर में मोदी सबसे किनारे खड़े है तब यह जानना ज़रूरी है कि आख़िर चीन कर क्या रहा है …
दो दिन पहले मेने लिखा था कि ट्रम्प ने टेरिफ की नाव में भारत को ब्राज़ील के साथ बैठा दिया है ! आज वैसा ही कुछ चीन ने किया। पैरों में घुंघरू बाँध बैठे मीडिया में चल रहा है कि चीन ने हमें गले लगा लिया है ( ऐसा सोशल मीडिया में चल रहा है ) मोदी के साथ पाकिस्तान के शाहबाज भी चीन पहुंचे है। उनकी अगवानी में चीन मंत्रिमंडल और प्रशासन के पंद्रह से ज्यादा लोग मौजूद थे , मोदी को केवल तीन लोगों ने रिसीव किया उनकी हैसियत भी पार्षदों से ज्यादा की नहीं थी। दोनों को रेड कारपेट वेलकम मिला। पाकिस्तान को हमसे ज्यादा भाव मिला।
आगे के समाचार अंधभक्तो का दिल तोड़कर रख देंगे।
चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार को पहले ही आगाह कर दिया था कि ' गले पड़ने ' की रस्म नहीं होगी। सिर्फ हैंड शेक हो सकता है। अपनी हद में रहो। इसलिए ' मिलनी ' की रस्म का एक भी फोटो अब तक नजर नहीं आया है। एक वीडियो में जिनपिंग मोदी के बढ़ाये हाथ को नजरअंदाज कर आगे बढ़ते नजर आ रहे है।
महामानव के साथ इतना बदतर व्यवहार क्यों हो रहा है ? ट्रम्प के डर से हम ' क्वाड ' में भी शामिल हो गए और पुतिन से तेल खरीदने के चक्कर में एस सी ओ ' में भी घुस गए। जबकि दोनों एक दूसरे के विपरीत ध्रुव है। बहरहाल ट्रम्प और जिनपिंग दोनों समझ गए है कि भारत की विदेश नीति की लंका इस ढुलमुल डांकापति ने लगा दी है ! इसे जिधर चाहे उधर घुमाया जा सकता है।
चीन के साथ हमारी द्विपक्षीय वार्ता भी बे नतीजा रही है।
चीन ने पुचकार कर कुछ ऐसी शर्ते रख दी है जिसे सुनकर मोदी के होश उड़ गए है। अब चार हजार किलोमीटर की कब्जाई जमीन को तो भूल ही जाओ और सिक्किम , तिब्बत और अरुणाचल को भी अपने नक़्शे से हटाओ।
नरेंद्र मोदी की इतनी धज्जियां डिअर फ्रेंड डोलांड ने भी नहीं उड़ाई जितनी शी जिनपिंग ने बखिया उधेड़ दी है।
भारत एस सी ओ से खाली हाथ लौट रहा है।
न ही यार मिला न विसाले सनम।(साभार)
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