रविवार, 19 अक्टूबर 2025

इतनी बड़ी संख्या में देश क्यों छोड़ रहे लोग…

 क्या सचमुच मोदी सरकार के आने के बाद यह देश रहने लायक नहीं रह गया मनमाने टैक्स और नफरत खेलने क्या आम लोगों का जीवन जीनादुर्लभ कर दिया है यह सवाल इसलिए नहीं उठ रहे क्योंकि गोवा के एक पैसे वाले सिद्धार्थ सिंह गौतम ने एक्स हैंडल पर एक ट्वीट करके 2025 तक देश छोड़ने की बात कही उन्होंने तो साफ तौर पर कहा है कि वे 2025 तक यह देश छोड़ देंगे क्योंकि 40 फीसदी टैक्स देने के बाद भी जहर और प्रदूषण के बीच नहीं जी सकते उन्होंने कागजी कारवाई शुरू कर दी है यह उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर यह बात लिखा है लेकिन यह बात सिर्फ सिद्धार्थ सिंह गौतम का नहीं दरअसल मोदी सरकार के आने के बाद हर साल के यदि आप देश छोड़कर जाने वाले नागरिकता छोड़कर जाने वाले भारत की सूचीदेखेंगे तो आप हैरान रह जाएँगे।

10 साल में लगभग 10 लाख लोग यदि यह देश छोड़ चुके और सभी पैसे वाले लोग तो इसका असर क्या यहां की अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ रहा क्या मोदी शाह की सत्ता को इसकी जरा भी चिंता नहीं है कि लोग लगातार देश क्यों छोड़े जा रहे हैं

 इसी साल के आंकड़े हैं यानी पिछले साल के आंकड़े हैं 2023 में 600 से अधिक लोग यह देश छोड़कर दूसरे देशों में बसे हैं भारत की नागरिकता छोड़ दी और इसमें ऐसा नहीं है कि केवल नफरत की राजनीति केशिकार हुए मुस्लिम वर्ग या दूसरे धर्म के लोग हुए इसमें सभी धर्म के लोग हैं और ज्यादातर संख्या हिंदुओं की ही है जो यहां के टैक्स को लेकर बेहद ही पीड़ित है याद कीजिए आप कि  किस तरीके से जीएसटी को लेकर प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गब्बर सिंह टैक्स तक कह दिया था लेकिन जो योजना है तंबाकू के उत्पादन और भी कई तरह के उत्पादन से जिसमें से बहुत सारी चीजें आम लोगों के लिए है हम यह नहीं कहते कि सरकार बिजली दे नहीं पा रही है और इन्वर्टर पर 18 फीसटैक्स ले रहे ऐसे कई घटनाएं हैं जिसकी वजह से पैसे वालों के सामने इस देश में रहने का संकट खड़ा हो गया और वे एकएक करके भारत की नागरिकता छोड़ते चले जा रहे हैं इसमें यदि आप इनके आंकड़े देखें या इनके सर्वे को देखें तो आप हैरान हो जाएंगे कि भारत छोड़ने वाले ज्यादातर लोगों ने पहले नंबर पर जो कारण बताया है वह टैक्स को लेकर दूसरे नंबर पर स्वास्थ को लेकर है प्रदूषण को लेकर है तीसरे नंबर पर राजनैतिक माहौल को लेकर और उसके बाद शिक्षा और दूसरे कारण लोगों ने बताए क्या सरकार को इस पर विचार नहीं करनी चाहिए या फिर सिर्फ सत्ता का खेल खेलते रहनाचाहिए ।

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