यह पुलिसिया गुण्डागर्दी का नमूना नहीं तो और क्या है। पुलिस ने सुभाष नगर निवासी नरेन्द्र साहू को गिरफ्तार कर एक रात जेल में गुजारने मजबूर कर दिया। अब युवक अपने खिलाफ लगे छेड़छाड़ के आरोप से मुक्त होने न्याय मांग रहा है लेकिन सरकार के मुखिया ने भी आंखे फेर ली है।
इस संबंध में सुभाष नगर निवासी नेरन्द्र साहू ने बताया कि मैं बी.ए. प्रथम वर्ष का छात्र हूं और 3 मई 2007 को दुर्ग पुलिस ने उसे किसी सुषमा वर्मा नामक युवती से छेड़छाड़ के जुर्म में गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। हालांकि दूसरे दिन उसकी जमानत हो गई और 19 जुलाई 2007 को प्रकरण नस्तीबध्द भी हो गया।
नेरन्द्र साहू का कहना है कि उसने इस घटना के बाद सुषमा वर्मा की खोज की लेकिन न तो इस युवती का ही पता चला और न ही इस मामले का गवाह आनंद सेन का ही पता चला है। इस वजह से मेरी भारी बदनामी हुई और मुझे शर्मिन्दगी भी उठानी पड़ी। नरेन्द्र साहू का कहना है कि इस प्रकरण की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मैने एसपी, कलेक्टर, गृहमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक को आवेदन दिया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
एक सामान्य आदमी के जीवन के साथ खेलने वालों के खिलाफ सरकार की चुप्पी आश्चर्यजनक है। नरेन्द्र साहू का कहना है कि वे न्याय के लिए तब तक लड़ते रहेंगे जब क उन्हें न्याय नहीं मिल जाता।
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