तभे राज ठाकरे के जमन होथे...
अइसने फैसला ल तो कहिथे एक ला मां अऊ एक ल मौसी। तभे सरकार का एक कोती किसान मन के जमीन ल कौड़ी के मोल खरीदे बर अपन डंडा चलावत हे त दूसर डहार कमल विहार योजना के जमीन मालिक ल अरबपति बनावत हे। सरकार के अइसने फैसला के कारण राज ठाकरे पैदा होथे नहीं त उड़ीसा असन भगाव अभियाव चलथे।
छत्तीसगढ़ सरकार हा अधिकारी कर्मचारी अऊ अपन सुविधा बर राजधानी के बनावत हे। राजधानी बनाय बर छत्तीसगढ़ के किसान मन के जमीन ल कौड़ी मोल खरीदत हे। जेन किसान नई बेचन कहात हे तेन मन ल डंडा के बल म जमीन छोड़े बर मजबूर करत हे। जब उहां के जमीन के कीमत 25-30 लाख रुपया एकड़ हे तब भला किसान मन ह 7-9 लाख रुपया एकड़ म बेचे बर कइसे तैयार होही। लेकिन सरकार ह अपन दमनकारी नीति ले किसान मन जमीन बेचे बर मजबूर करत हे।
दूसर कोती सरकार ह कमल विहार योजना लाए हे ये योजना म जउन मन के जमीन ह आही ओखर विकास करके 16 आना में 6 आना जमीन वापस दे दिये जाही। यानी भर्रा जमीन ल लेके बाहरा बना के दीही केहे जाय त गलत नई होवय।
आखिर सरकार के योजना ह अइसे कइसे बनथे के किसान मन के जमीन के कौड़ी दाम अऊ सेठ मन के जमीन के करोड़ो दाम। हमर खबरची के अनुसार सरकार ह जेन ढंग ले किसान मन उपर अत्याचार करत हे ये हा सिर्फ उदाहरण भर हे के कइसे सरकार एक ला मां एक ला मौसी करत हे जबकि सरकार के नजर हर आदमी बर सामान होना चाही।
हमर सूत्र के अनुसार त कमल विहार योजना ह भाजपाई भू-माफिया मन के हित ल देख के बनाय गेहे। यदि 6 आना जमीन विकास करके वापिस करही त कमल विहार ह खाली दू आना जगह म बनही अऊ बाकी जमीन ह त नाली-सड़क गार्डन, मंदिर अऊ गरीब मन के मकान म निकल जाही। यानी दू आना जमीन म कमल विहार बनाय बर सेठ मन के 6 आना जमीन के विकास करे जात हे।
सवाल ये नोहय के सेठ मन के जमीन ला सरकार ह विकास करके देवत हे सवाल ये हे के भू-माफिया मन के जमीन ल सरकार ह काबर विकास करत हे। सवाल यहू हे के आखिर राजधानी के किसान मन ह का पाप करे हे के उंखर जमीन कौड़ी के मोल अऊ सेठ मन के जमीन अरबों मं।
आखिर सरकार ह ये दू योजना म भेदभाव काबर करत हे। सबले पहीली तो हमर खबरची के अनुसार जेन जगह में कमल विहार योजना लाय जात हे उहां राजधानी के एक मंत्री के रिश्तेदार अऊ समर्थक मन के जमीन हे अऊ उही मन ल सरकार के माध्यम से मदद करत हे। यहू नहीं कई झन भाजपा नेता मन के इहां भारी जमीन हे अऊ कमल विहार योजना ह आम आदमी बर के बजाय अइसने मंत्री समर्थक मन बर लाय जात हे।
ये मामला ल लेके किसान मन भारी गुस्सा हे अऊ कमल विहार योजना के खिलाफ आंदोलन करे के धमकी घलो देवत हे।
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