मंत्री मेहरबान,अजय पहलवान
जिस व्यक्ति पर अपनी हवस के लिए कालगर्ल को कार से कुचलकर मार डालने का आरोप हो और जिसके दुग्ध संघ से पर्यटन मंडल में संविलियन को ही गलत माना जा रहा हो ऐसे अजय श्रीवास्तव का पर्यटन मंडल में पीआरओर बनना और मंत्री का करीबी कहलाना कहां तक उचित है।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में चल रहे घपलेबाजी को डकैती की संज्ञा दी जाए तो कम नहीं है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जब से बृजमोहन अग्रवाल ने पर्यटन विभाग संभाला है तभी से यह विभाग अपने कारनामों से सुर्खियों में रहा है। प्रचार प्रसार में माहिर पर्यटन मंडल में चल रहे डकैती की चर्चा तो अब आम हो चुकी है।
ऐसे में यहां हुई संविदा नियुक्ति की कहानी शर्मनाक है यही नहीं दुग्ध संघ के कर्मचारी अजय श्रीवास्तव को लेकर यह विभाग इन दिनों सुर्खियों में है। सुखर्िाें में रहने की वजह अजय श्रीवास्तव का पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का करीबी होना है और कहा जाता है कि मंत्री की रूचि की वजह से ही अजय श्रीवास्तव को असंवैधानिक रुप से पर्यटन मंडल में लाया गया जबकि जिस पद पर उनकी नियुक्ति की गई अजय श्रीवास्तव तब उस पद की योग्यता ही नहीं रखते थे। लेकिन उच्चस्तरीय दबाव में वे पर्यटन मंडल पर बने हुए है।
हमारे बेहद भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक अजय श्रीवास्तव की संविलियन को लेकर मामला न्यायालय तक भी पहुंच चुका है जहां पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि अजय श्रीवास्तव का संविलियन गलत ढंग से किया गया है। दुग्ध संघ से पुलिस फिर पर्यटन मंडल में कार्य करने की कहानी यहां पूरे शहर में चर्चा है। चर्चा इस बात की भी है कि अय्याशी के लिए हत्या जैसे मामले के आरोपी को किस तरह से राजनैतिक संरक्षण दिया जा रहा है। हमारे बेहद भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक पर्यटन मंडल के इस पीआरओ की विभाग में तूती बोलती है और उच्च अधिकारी भी उनसे खौफ खाते हैं।
एक अधिकारी ने तो नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि इस सरकार में ऐसे कई मामले हैं जो उच्चस्तरीय राजनैतिक संरक्षण के कारण दबे हुए हैं। दूसरी तरफ इस मामले को लेकर आम लोगों में जो चर्चा है उससे सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है। बहरहाल पर्यटन मंडल के पीआरओ अजय श्रीवास्तव को लेकर पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल घेरे में हैं और इस संबंध में पर्यटन मंत्री से संपर्क की कोशिश की गई लेकिन वे उपलब्ध नहीं थे।
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