मंगलवार, 1 जून 2010

संवाद में करोड़ों की घपलेबाजी

घपलों की कहानी
आडिट की जुबानी
सालों से जमें अफसर किस तरह का खेल खेलकर लाखों-करोड़ों की घपलेबाजी करते हैं यह देखना हो तो आडिट रिपोर्ट देखी जा सकती है। नियम कानून ताक पर रखकर सरकारी प्रचार के लिए जिस तरह से कमीशन देने वालों को करोड़ों रुपए बांटे गए वह आश्चर्यजनक इसलिए है क्योंकि इस विभाग के मुखिया डॉ. रमन सिंह है जो प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं।
पिछली बार संजीवनी एग्रोविजन इंटरप्राइजेस को किए गए भुगतान पर आडिट आपत्ति की खबर प्रकाशित किया था। इस बार ऐसे ही संवाद के कारनामें प्रकाशित किए जा रहे हैं। जिसके भुगतान पर आपत्ति की गई है। जनसंपर्क विभाग ने संवाद के माध्यम से रमन सरकार के चार साल पूरे होने पर विज्ञापन जारी किया था। इसके निर्माण व प्रसारण के लिए संवाद ने न तो कोई निविदा ही बुलाई और न ही किसी तरह का कोटेशन ही मंगाया। यही नहीं यह काम 1 लाख रुपए पर सेकण्ड के हिसाब से टीवी स्पॉट के लिए भुगतान किया गया वह भी 30 से 60 सेकेण्ड समय का भुगतान किया गया यह भुगतान बीएसआर फिल्म को किया गया। इसके लिए न तो किसी तरह के नियम बनाए गए और न ही कोई मापदंड ही तय किया गया।
यह बीएसआर फिल्म को लेकर भी कई तरह की चर्चा है। बहरहाल संवाद में चल रहे घपलेबाजी की वजह सालों से बैठे अधिकारियों की कमीशनखोरी में रूचि को बताया जा रहा है।

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