विधायक ने पीड़ित को सीएम से रूबरू कराया
प्रदेश के दमदार माने जाने वाले मंत्री को अपने एक दलाल राजेन्द्र अग्रवाल को मन मसोस कर बंगले से निकालना पड़ा क्योंकि इस दलाल की दादागिरी की सीधी शिकायत विधायक ने की थी और मुख्यमंत्री ने मंत्री को जमकर खरी खोटी सुनाई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामला ठेकेदारी से संबंधित है। कहा जाता है कि मंत्री के लिए विभाग में वसूली का जिम्मा संभालने वाले राजेन्द्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के गृह जिले के एक ठेकेदार को जमकर लताड़ लगाई और धमकी भी दी थी। ठेकेदार ने इसकी शिकायत विधायक से की और मामला मुख्यमंत्री तक जा पहुंचा। बताया जाता है कि विधायक ने ठेकेदार को सीधे मुख्यमंत्री के पास ले गया जहां ठेकेदार ने आपबीती सुनाई। यह सुनकर मुख्यमंत्री बेहद नाराज हुए।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने इस दमदार मंत्री को न केवल खरी खोटी सुनाई बल्कि निर्देश भी दिया कि यह राजेन्द्र अग्रवाल आपके बंगले में नहीं आना चाहिए ऐसे लोगों की करतूत से सरकार कभी भी मुसीबत में पड़ सकती है। बताया जाता है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इस दमदार मंत्री की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई और उन्होंने तत्काल राजेन्द्र अग्रवाल को बुलाकर कहा कि वे बंगले में न आए।
सूत्रों के मुताबिक तब से राजेन्द्र अग्रवाल बिलासपुर और लौट गए हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि वे बंगले नहीं आ रहे हैं लेकिन अभी भी मंत्री के लिए काम कर रहे हैं। बताया जाता है कि पुस्तक सप्लाई के मामले में भी इस राजेन्द्र अग्रवाल की जबरदस्त भूमिका रही है और उनके द्वारा होटल मयूरा में रूके कुछ प्रकाशकों को रातो रात छत्तीसगढ़ से चले जाने की धमकी देते हुए गोली मारने की बात भी कह चुके हैं।
ऐसे ही एक प्रकाशक ने हमें दूरभाष पर बताया कि उन्हें काम करना है लेकिन लफड़े में नहीं पड़ना चाहते इसलिए पुलिस तक नहीं गए। बहरहाल राजेन्द्र अग्रवाल के कारनामों की यहां जबरदस्त चर्चा है और कहा जा रहा है कि अमर अग्रवाल के इस विरोधी ने बिलासपुर में भी कई गुल खिलाए हैं।
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