छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फिर एक बड़े व नामी ग्रुप ने अखबार के प्रकाशन का निर्णय लिया है। अखबार पढ़ने वालों के लिए राजस्थान पत्रिका कोई नया नाम नहीं है। इसके आने की खबर तो महिनों से चल रही थी लेकिन अब जब नौकरी पर लोग रखे जाने लगे तब पत्रकारों को भरोसा हो गया कि पत्रिका अब आ ही जाएगी। पत्रिका से जुड़े लोगों को एक अच्छी टीम की तलाश है। इसका फायदा पत्रकारों ने उठाना भी शुरू कर दिया है। जमकर सौदेबाजी चल रही है वहीं अन्य अखबार के संपादक व मालिक भी सक्रिय हैं कि उनके लोग न जाए इसलिए पत्रकारों की अपने ही प्रेस में पूछ परख बढ़ गई है।
नवीन पहुंचे हरिभूमि
सालों से भास्कर में काम करने वाले नवीन शर्मा का भास्कर से मोह भंग हो गया वह अपने साथियों के साथ नेशनल लुक में जाने की बजाय हरिभूमि वाईन कर लिया। कहते हैं ग्रुप के अखबार बंद नहीं होंगे और लुक क्या ठीकाना है।
राजेश दुबे पत्रिका में
देशबंधु में जलवा दिखाने के बाद नई दुनिया में उपेक्षित रहे राजेश दुबे की पत्रिका वाईन करने की खबर है। खबर तो यहां के जबरदस्त तोड़फोड़ की भी है अब संपादक की गलती है कि मालिक की यह तो चर्चा का विषय है।
मोहन बने चीफ
चीफ की तरह शहर में चर्चित रहे पत्रकार मोहन राव को नवभारत में सिटी चीफ बना दिया गया है। अर्से से तबियत खराब होने की वजह से वे यादा भाग दौड़ नहीं कर पा रहे थे।
और अंत में....
मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले जनसंपर्क के अधिकारी ने मौखिक रुप से फरमान जारी कर दिया है कि खबरों पर नजर रखें और अखबार के मैनेजमेंट को हड़का के रखों। विभाग की खबरें छपने वाली नहीं तो खाओ-पियों मजे करो।
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