शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

मदन गोपाल का खेल मंत्री मोहन भी फेल

कर्मचारी संगठनों से मिलकर षडयंत्र!
 छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के कथित एमडी मदन गोपाल श्रीवास्तव के कारनामों को लेकर अन्य अफसरों में भय व्याप्त होने की असली वजह यहां के कर्मचारी संगठन को बताया जाता है। जो श्रीवास्तव के इशारे पर न केवल अधिकारियों बल्कि मंत्री या अध्यक्ष तक से भिड़ने का माद्दा रखते हैं।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितता को लेकर जबरदस्त चर्चा है और कहा जाता है कि जिस प्रबंधक मदन गोपाल श्रीवास्तव को पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का संरक्षण प्राप्त था वही मदन गोपाल अब भ्रष्टाचार की भूमिका में आ गए हैं और पर्यटन मंडल को कर्मचारी संगठन के कुछ पदाधिकारी के साथ मिलकर अपने हिसाब से न केवल चला रहे हैं बल्कि उनके कार्यों में बाधा डालने वालों को इसी संगठन के पदाधिकारियों के मार्फत मोर्चा खुलवा देते हैं।
सूत्रों के मुताबिक पर्यटन मंडल में घास घोटाले, बाउण्ड्री घोटाले, मोटल घोटाले, स्टेशनरी घोटाले के अलावा ऐसे कई घोटाले हैं जिन पर महालेखाकार नियंत्रक ने भी तीखी टिप्पणी की है। लेकिन मंत्री का वरदहस्त मदन गोपाल श्रीवास्तव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई जबकि मदन गोपाल श्रीवास्तव के खिलाफ दो दर्जन से अधिक शिकायतें है। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की वजह मंत्री के संरक्षण के अलावा कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों की भूमिका की भी चर्चा है। सूत्रों ने बताया कि कर्मचारी संगठन को अपने कब्जे में रखने एम.जी. श्रीवास्तव द्वारा कई तरह के काम किए जाते हैं। पिछले माह गोल्डन टयूलिप जैसे महंगे होटल में कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की बैठक को इसी रुप में देखा जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि गोल्डन टयूलिप का खर्च भी उठाया गया।
कहा जाता है कि पर्यटन मंडल के वे कर्मचारी उन लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलते हैं और शिकायत ज्ञापन देते हैं जो एमजी श्रीवास्तव के लिए बाधक बन सकते हैं। सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि मंत्री पर भी अब दबाव बनाने कर्मचारी संगठन के कुछ पदाधिकारियों को इस्तेमाल करते हुए मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को भी ज्ञापन सौंपा जा चुका है। सूत्रों ने बताया कि पर्यटन मंडल में शराब-शबाब की जबरदस्त चर्चा है और इसे लेकर कई तरह की कहानियां भी सामने आने लगी हैं। इसकी शिकायत भी उच्च स्तर पर की गई लेकिन कार्रवाई तो दूर जांच तक नहीं हुई। बहरहाल पर्यटन मंडल को लेकर यह चर्चा गर्म है कि मंत्री का संरक्षण पाकर श्रीवास्तव जी भस्मासूर हो चुके हैं और इस पर शीघ्र ही विराम नहीं लगा तो आने वाले दिनों में मंत्री-सचिव और मंडल अध्यक्ष के लिए भी नई मुसिबत खड़ी हो सकती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें