दंतेवाड़ा जिला शिक्षा अधिकारी डा. एच.आर. शर्मा की संविलियन से लेकर दंतेवाड़ा शिक्षा अधिकारी के सफर की सरकारी फाईल गायब हो गई है। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के वरदहस्त प्राप्त प्रो. एच.आर. शर्मा न केवल दमदार बताए जाते हैं बल्कि उनकी नियुक्ति पर ही सवाल उठाये गए हैं।
भाटापारा में असिटेंट प्रोफेसर रहे डा. एच.आर. शर्मा की दंतेवाड़ा में जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति को अवैधानिक बताया जा हा है। इस संबंध में विस्तार से खबर भी प्रकाशित हुई है लेकिन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ही नहीं सीएम हाउस से भी जबरदस्त सेटिंग की वजह से इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हमारे अत्यंत भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट द्वारा डा. शर्मा के संविलियन को रद्द किए जाने के बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री हेमचंद यादव फिर बृजमोहन अग्रवाल की निजी रुप से रुचि लेने की वजह से वे अब भी दंतेवाड़ा में न केवल जिला शिक्षा अधिकारी बल्कि परियोजना समन्वयक के दोहरे पद पर पदस्थ हैं।
बताया जाता है कि कुछ आईएएस अधिकारियों की रूचि की वजह से उनकी नियुक्ति खाद्य निगम में भी की गई थी लेकिन जैसे ही इसकी जानकारी आईएएस एम.के. राउत को हुई थी उन्होंने डा. शर्मा की नियुक्ति लौटा दी थी। चूंकि डा. शर्मा कोई मूल विभाग में पदस्थ नहीं है। इसलिए उन्हें दंतेवाड़ा में शिक्षा अधिकारी बना दिया गया और इतना ही नहीं उन्हें राजीव गांधी शिक्षा मिशन में भी प्रभार दे दिया गया।
डा. शर्मा के प्रति भाजपा सरकार के मंत्रियों की क्या रूचि है यह तो वहीं जाने लेकिन जब डा. शर्मा के खिलाफ जाच की बात हुई तो फाईल ही गायब होने की चर्चा है। बताया जाता है कि डेढ़ सौ पृष्ठ के नोट शीट के अलावा पीएससी से लेकर हाईकोर्ट के प्रमाणिक दस्तावेज वाले इस फाईल को गायब करा दिया गया है। इधर हमारे सूत्रों ने बताया कि दंतेवाड़ा में नक्सलियों की आड़ में जबरदस्त घपलेबाजी की जा रही है और एक बड़ा हिस्सा उच्च पदस्थ लोगों को पहुंचाया जाता है। इधर फाईल गायब होने को लेकर शिक्षा विभाग में जबरदस्त हडक़म्प है और इस मामले को दबाया जा रहा है।
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