मंगलवार, 21 सितंबर 2010

निधि तिवारी हत्याकांड - मामला तूल पकड़ने लगा ...

सामाजिक संगठन भी आगे आये...
 जल विहार कालोनी में निधि तिवारी को उसके पति व ससुराल वालों द्वारा कथित मार डालने का मामला अब तूल पकडने लगा है। निधि के मायके वालों के साथ सामाजिक संगठनों के सामने आने से मामला गंभीर हो गया है। महिला आयोग ने भी इस मामले में रुचि दिखाने लगा है। प्रेस क्लब रायपुर में निधि के माता पिता परिजनों और जागरूक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में इस विभत्स हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुये बताया कि निधि तिवारी की जलविहार कालोनी रायपुर में गत दिनों संदेहास्पद स्थिति में हत्या कर दी गई थी। इस प्रकरण में निधिकी हत्या अत्यंत अमानवीय, विभत्स एवं दर्दनाक तरीके से की गई। पहले उसे जहर देकर मारने का प्रयास किया गया, ना मरने पर डंडा, राड से मारनें फिर भी ना मरने पर कई लोगों द्वारा उसे पकड़कर गला घोट कर मारा गया उसके बाद निधि पर मिट्टी तेल डालकर जला दिया गया। पोस्टमार्टम में निधि के पेट में जहर अथवा नशीला पदार्थ मिला, उसके शरीर पर अनेक चोटों के निशान थे तथा गले पर लिगेचर मार्क पाया गया, गले को बेदर्दी से घोंटकर अथवा दबा कर मारा गया। फिर उसके बाद उपरोक्त तरीके से की गई हत्या के साक्ष्य को मिटाने के लिये मृत निधि के शरीर को कुछ घंटे बाद मिट्टी तेल डालकर जला दिया गया ताकि उसकी मृत्यु का कारण ऐसा प्रतीत हो मानो निधि ने मिट्टी तेल डालकर आत्महत्या कर ली हो। ये तथ्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मौकाए वारदात, घटनास्थल के लिए गए फोटोग्राफ, पोस्टमार्टम स्थल में मृत निधि के लिए गए फोटो तथा विडियो रिकार्डिंग मृतका के द्वारा अपने माता पिता को लिखे गये पत्र जिसमें निधि ने अपने पति व ससुरालियों पर जान से मारने की साजिश की जानकारी एवं आशंका, जिसका मूल कारण पति राजेश तिवारी का अपनी विधवा भाभाी रेखा तिवारी से अवैध संबंध तथा बार-बार निधि पर मायके से रूपये मंगाये जाने का दबाव व शारीरिक तथा मानसिक प्रताड़ना ही है। पूर्व में प्रताड़ना के कारण निधि अपने मायके में 2 वर्षों तक थी। परिजनों ने बताया कि प्रारंभ से ही निधि के पति राजेश तिवारी, जेठ सुधीर तिवारी, जेठानी सन्नी तिवारी, विधवा जेठानी रेखा तिवारी, पंकज शुक्ला करीबी रिश्तेदार, मीनू अवस्थी ननंद, मकान मालकिन दर्शन कौर अहलूवालिया, उसकी बेटी नीरू एवं सिम्मी अहलूवालिया बेटा सोनू अहूवालिया तथा पड़ोस का कार चालक प्रदीप नायक, तत्कालीन थाना प्रभारी राजेश चौधरी एवं सहायक उपनिरीक्षक आर.एस. गिरी तेलीबांधा थाना और मेकाहारा के पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर चुरेन्द्र एवं डाक्टर मांझी की भूमिका अत्यंत संदिग्ध व आपत्तिजनक रही है। इन सबकी मिलीभगत से ही इस जघन्य हत्याकांड पर परदा डालते हुए उसे आत्महत्या निरूपित किया जा रहा है। उपरोक्त संदर्भ में मृतका निधि के पिता नेहरू नगर भिलाई निवासी सूर्यकांत शुक्ला, माता श्रीमती बेलारानी शुक्ला एवं मायके पक्ष के अन्य पीड़ित व दु:खित परिजनों ने पुलिस अधीक्षक रायपुर दीपांशु काबरा से मिलकर न्याय की गुहार की। महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, गृहमंत्री, प्रदेश एवं केन्द्र शासन, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ एवं राष्ट्रपति महोदय के पास भी तत्संबंधी शिकायतें प्रेषित कर, उक्त प्रकरण की निष्पक्ष सीबीआई जांच कराने तथा उपरोक्त अपराधियों को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ करने एवं कठोर सजा दिलाये जाने की मांग की है। भा.द.वि. की धारा 302 लगाकर हत्या का मुकदमा कायम करने तथा इस प्रकरण का रि-इन्वेस्टिीगेशन कराने की मांग की गई।
शिकायत की जांच में छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विभा राव ने दोनों पक्षों के लोगों को जांच हेतु 8 सितंबर को दुर्ग स्थित विश्राम भवन में उपस्थित होने को कहा था किंतु निधि तिवारी के ससुराल पक्ष से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ, अपितु निधि के मायके पक्ष के लगभग 25 सदस्यों ने महिला आयोग के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा और न्याय का गुहार लगाते हुए हत्या के समस्त साक्ष्यों को प्रस्तुत करके कहा कि वर्तमान में पति राजेश तिवारी के अलावा उपरोक्त हत्या एवं साक्ष्य मिटाने के अन्य आरोपी सहअभियुक्तों के विरूध्द पलिस द्वारा कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया और न तो कोई कठोर कार्यवाही की गई, ना ही निधि के ससुराल वालों के किसी भी सदस्यों के कोई भी बयान लिये गये। ना ही निधि की ग्यारह वर्षीय अबोध बालिका रितिका तिवारी को उसके नाना नानी अथवा मामा-मामी से ही मिलने दिया जा रहा है। हत्या के बाद निधि के शव को गठरीनुमा हालत में (छुपाकर) ले जाते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विभा राव ने स्वयं देखने की पुस्टि की हैं।
उन्होंने बताया कि तेलीबांधा पुलिस द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय के समक्ष जो चालान पेश किया गया उसमें मृतका निधि तिवारी की मौत से संबंधित घटनास्थल व पोस्टमार्टम स्थल में पुलिस द्वारा ली गई 43 फोटोग्राफ एवं विडियो रिकार्डिंग की सीडी प्रस्तुत नहीं की गई। यह प्रकरण सुनियोजित रूप से सोचविचार कर अनेक लोगों द्वारा इतनी जघन्य हत्या करके साक्ष्य मिटाने के लिये उसके शरीर को जलाकर नष्ट करने का है तथा कार्यवाही धारा 302 के तहत होनी चाहिये थी लेकिन पुलिस द्वारा धारा 306 लगाने के बाद धाराओं में फेरबदल कते हुए 498-ए तथा धारा 323 जैसी मामूली धाराएं लगाकर पुन: आरोपी राजेश तिवारी की जमानत हेतु आवेदन दिलाया गया जिसे माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय रायपुर द्वारा पीड़ित पक्ष के विद्वान अधिवक्ता श्री विभाष तिवारी एवं शासकीय अभिभाषक श्री संतोष पाण्डेय के द्वारा कठोर आपत्ति जताते हुए साक्ष्य प्रस्तुत किये गए जिस पर विचार करने के पश्चात दोनों पक्षों के दलीलों को सुनकर माननीय न्यायाधीश श्री संदीप बक्शी ने आरोपी राजेश तिवारी की जमानत इस आधार पर खारिज करते हुए आदेश पारित कर कहा कि अभिलेख का अवलोकन करने से मृतका के परिजनों के बयान से य प्रतीत हो रहा है कि अभियुक्त का अपनी विवधा भाभी से गलत संबंध होने के कारण मृतका से तनावपूर्ण संबंध थे और अभियुक्त लगातार मृतका को मायके के रूपये पैसे लाने के लिए दबाव डालता रहा। इस संबंध में मृतका द्वारा अपने परिजनों को लिखा गया पत्र भी बरामद किया गया है। मृतका के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाक्टर ने मृतका के शरीर में चोटें पाई है अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता श्री फरहान द्वारा प्रस्तुत जमानत हेतु उक्त न्याय दृष्टांत अभी इस मामले में अभियुक्त को लाभ नहीं दे सकता क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय ने साक्ष्य के उपरांत गुण दोष के आधार पर अपनी राय व्यक्त की है अत: अभियुक्त का जमानत आवेदन पूर्व में 6 अगस्त 2010 को गुण दोष के आधार पर निरस्त किया जा चुका है। माननीय सत्र न्यायाधीश ने कहा- यह मामला गंभीर प्रकृति का है अत: अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्य के प्रभाव एवं प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए इस मामले में अभियुक्त को जमानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं हो रहा है फलस्वरूप जमानत के आवेदकअभियुक्त की ओर से प्रस्तुत आवेदन को आज दुबारा निरस्त किया जाता है।
पीड़ित पक्ष मृतका निधि तिवारी के पिता एस.के. शुक्ला, मां बेलारानी शुक्ला ने अत्यंत ही मार्मिक स्वर में कहा कि हमारी बेटी निधि को साजिश करके मारा गया और उसकी मृत्यु की सूचना हमें अथवा पुलिस को दिये बिना ही मृत्यु के साक्ष्य रफा दफा करते हुए उसके मृत शरीर को मेकाहारा के मरच्यूरी में ले जाकर जेठ सुधीर तिवारी, पंकजा शुक्ला, सन्नी तिवारी एवं रेखा तिवारी द्वारा रखवा दिया गया। इसी कारण मौकाये वारदात पर मृतका के शरीर का पुलिस द्वारा पंचनामा नहीं बनाया गया और अपराधियों द्वारा हत्या से संबंधित साक्ष्यों को आसानी से मिटाने का प्रयास किया गया। इस संबंध में मायके पक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि निधि की हत्या दूसरी जगह करके शव को कमरे में रखकर हत्या संबंधी साक्ष्यों को मिटाने के लिये जला दिया गया है, लेकिन पुलिस उनके इस दृष्टिकोण की ओर नहीं देख रही है जबकि पंचनामा के समय मृतका का बेडरूम पूरी तरह से अस्त व्यस्थ था।

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