शुक्रवार, 3 सितंबर 2010

तहसीलदार ही लगा है जमीन बिकवाने में ....

मुख्यमंत्री से 8 बार मिल चुका दिनेश
 भूमाफियाओं से शासन का कितना जबरदस्त गठजोड़ है यह भाठापारा में चल रहे भूमाफियाओं के खेल से अंदाजा लगाया जा सकता है? अपनी जमीन दिनेश बेचना नहीं चाहता लेकिन कालोनी बनाने वाला नरेन्द्र भोजवानी बेचने दबाव डाल रहा है। तहसीलदार शांडिल्य भी दिनेश को मजबूर कर रहा है और मुख्यमंत्री से 8 बार मिलने के बाद भी दिनेश परेशान है।
दिनेश कुमार जायसवाल पिता लतेल जायसवाल निवासी नेहरू वार्ड भाटापारा, जिला रायपुर (छ.ग.)ने बताया कि मेरे साथ भूमाफिया, प्रशासन, पुलिस, राजस्व विभाग के अधिकारीगण अन्यायपूर्वक दबाव डालकर मेरी पैतृक जमीन पर नरेन्द्र पिता ईश्वरदास भोजवानी द्वारा अवैध रूप से कब्जा जमाकर कालोनी विकसित कर रहा है।
दिनेश की भू स्वामी हक की जमीन रकबा 0.081 हैक्टेयर खसरा नंबर 145/13 राजस्व रिकार्ड भाटापारा तहसील भाटापारा, जिला रायपुर (छ.ग.) में स्थित है, इस जमीन के सारे दस्तावेज है।
दिनेश ने बताया कि आज की तारीख में उक्त जमीन की कीमत लगभग बीस लाख रूपयों से अधिक है, मैं इस जमीन को बेचना नहीं चाहता हूं परंतु नरेन्द्र पिता ईश्वरदास भोजवानी षडय़ंत्रपूर्वक राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर येन-केन प्रकारेण जमीन विक्रय करने के लिए विवश कर रहा है। नरेन्द्र पिता ईश्वरदास भोजवानी द्वारा 10-11 असामाजिक तत्वों को साथ लेकर मुझसे सीमांकन आवेदन में दस्तखत करवाया, जिसकी शिकायत लेकर जब मैं भाटापारा थाना गया तो मेरी शिकायत नहीं लिखी गई। मुझे जमीन बेचने के लिए दबाव डाला गया, नरेन्द्र भोजवानी के अलावा देवेन्द्र पिता किशन सचदेव निवासी महासती रोड भाटापारा भी मेरे भाई को जिसे मैंने रहने के लिए भूखंड में घर दिया था, को बरगलाकर पूरी जमीन में कब्जा करके कालोनी बनाने के लिये प्रयासरत है। आर.आई. द्वारा इस जमीन का बार-बार सीमांकन किया जा चुका है। जिसमें रिपोर्ट अलग-अलग दी गई है।
दिनेश को राजस्व विभाग, पुलिस और प्रशासन से न्याय नहीं मिल रहा है, आवेदक का पूरा परिवार आतंक के साये में जी रहा है। भू-माफिया के लोग कभी भी आवेदक या उसके परिवार पर प्राणघातक हमला कर सकते हैं। आवेदक पर दबाव बनाने के लिये प्राणघातक हमला 24.4.2009 को किया गया था। जिसकी रिपोर्ट जब आवेदक थाने में लिखाने के लिये गया तो थोन में उक्त आशय की रिपोर्ट नहीं लिखी गई।
आवेदक को उल्टे ही 151 की धारा लगाकर जेल भेज दिया गया। निराशा और बदहाल की स्थिति में तहसीलदार से कई बार अवैध कब्जा हटाने के लिए कहा पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। अत्यधिक अवसाद के स्थिति में मैंने उक्त भूमि को किसी और को विक्रय करने के लिए नकल की मांग की तो तहसीलदार ने नकल देने के लिए मना कर दिया, जो कि नरेन्द्र भोजवानी एवं देवेन्द्र सचदेव के दबाव का ही परिणाम है।
आवेदक मुख्यमंत्री से आठ बार जनदर्शन कार्यक्रम में भी शिकायत किया मुख्यमंत्री ने आदेशित भी किया। दिनांक 10.9.2009, टोकन नं. 500509003212, दिनांक 01.10.09 टोकन नं. 500709310196, दिनांक 29.4.2010 टोकन नं. 500510000047, दिनांक 27.5.2010 टोकन नं. 500510000217, दिनांक 10.06.2010 टोकन नं. 500510000268, दिनांक 24.06.2010 टोकन नं. 500510000326, दिनांक 05.8.2010 टोकन नं. 500510000448 को मुख्यमंत्री को आवेदन दिया। कोई कार्यवाही नहीं हुई। शहर थाना भाटापार, तहसीलदार भाटापारा मुझे सहयोग ना करके भूमाफिया का मदद कर रहे है। भूमाफिया नरेन्द्र भोजवानी, ठेकेदार देवेन्द्र सचदेव दूसरों के जरिये जमीन को बेचने के लिए दबाव बना रहे हैं। तहसीलदार से मांग करने पर भी बिक्री नकल देने से मना किया जा रहा है। इससे जाहिर है कि राजस्व अमला आवेदक के साथ न्याय नहीं कर रहा है। मुझे प्रशासन से न्याय चाहिए।

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