मोहन के वरदहस्त का कारनामा...!
मोहन के खरीद-फरोख्त पर मुहर...!
ऐसा नहीं है कि बृजमोहन अग्रवाल के संरक्षण में चल रहे लोगों ने सलमान खान मामले में पहली बार भाजपा को शर्मसार किया हो। इससे ठीक दस साल पहले भी बृजमोहन अग्रवाल के समर्थकों ने भाजपा को तब शर्मसार किया था जब नेता प्रतिपक्ष के चुनाव में नंदकुमार साय को चुना गया था। इस हंगामें व तोडफ़ोड़ की वजह से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पलंग के नीचे छीपकर जान बचानी पड़ी थी जबकि पार्टी ने दर्जनभर लोगों को निलंबित किया था।
इस साल राज्योत्सव में अपराधिक छवि वाले सलमान खान को मंच पर स्थान देने को लेकर भाजपा के सिद्धांत कटघरे में हैं। इस घटना ने न केवल भाजपाईयों को शर्मसार किया है बल्कि प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। हालात यह है कि इस वजह से न तो भाजपाईयों को जवाब देते बन रहा है और न ही सरकार के पास ही कोई जवाब है। ज्ञात हो कि राज्योत्सव के आयोजन की पूरी जिम्मेदारी बृजमोहन अग्रवाल के संस्कृति विभाग की है और चर्चा इस बात की भी है कि यह सब अचानक नहीं हुआ है। कब सलमान खान आना है और किस तरह से सलमान खान का स्वागत होगा यह सब बृजमोहन अग्रवाल की जानकारी में तय हुआ है।
ऐसा नहीं है कि बृजमोहन अग्रवाल ने पार्टी को पहली बार इस स्थिति में लाया है। उनकी कार्यशैली हमेशा ही विवादों में रही है इससे पहले जब राज्य निर्माण हुआ तब भी बृजमोहन अग्रवाल को उनके समर्थक नेता प्रतिपक्ष के रुप में पेश किए थे और जब नरेन्द्र मोदी के प्रभार ने नेता प्रतिपक्ष बृजमोहन की बजाय नंदकुमार साय को बना दिया। इस बौखलाए बृजमोहन समर्थकों ने भाजपा के एकात्म परिसर में हंगामा और तोडफ़ोड़ किया। कई लोगों के साथ बदसलूकी और मारपीट भी हुई। यही नहीं नरेन्द्र मोदी जैसे कद्दावर नेता की पलंग के नीचे छीपकर अपनी जान बचानी पड़ी। तब चर्चा इस बात की भी रही कि यह सब बृजमोहन अग्रवाल की सहमति से हुआ। तब भाजपा ने इसे गंभीरता से लेते हुए बृजमोहन समर्थकों की जमकर खबर ली थी और करीब दर्जनभर लोगों को पार्टी से निलंबित किया था। बृजमोहन अग्रवाल ने तब भी इस मामले में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर हीरों बने थे।
ऐसा नहीं है कि बृजमोहन अग्रवाल ने पार्टी को विवाद में नहीं फंसाया है हाल ही में निगम सभापति के चुनाव में भी उस पर पार्षदों के खरीद फरोख्त का आरोप लगा लेकिन सभापति बनाने के कारण इस खरीद फरोख्द को कसके अच्छे कारनामें के रुप में प्रस्तुत किया गया। इस बार भी सलमान को लेकर फजीहत तो हुई लेकिन उसके प्रभाव की वजह से मुख्यमंत्री व पार्टी संगठन कुछ भी कहने से बच रही है।
सलमान का सम्मान और नत्था का...
छत्तीसगढ़ सरकार की नीति है या संस्कृति विभाग की यह तो वही जाने लेकिन सलमान के लिए पलक पखड़े बिछाने वाले संस्कृति विभाग ने पिपली लाइव के हीरों मोहनदास मानिकपुरी उर्फ नत्था के मामले में अपने को अलग कर लिया। कई छत्तीसगढिय़ा कलाकार की उपेक्षा ने राज्योत्सव के आयोजकों के करतूतों पर सवाल उठाने लगे है।
जब मोहन ने योगेश को राज्योत्सव से दूर रहने कहा?
हर साल राज्योत्सव में अपना जलवा दिखाने वाले लाड़ले योगेश अग्रवाल ने इस साल राज्योत्सव से दूरी बनाई है तो इसकी वजह योगेश की वजह से मोहन पर लगने वाला आरोप और बदनामी है। हमारे बेहद भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक हर साल राज्योत्सव के नाम पर लुटोत्सव की संज्ञा देने और छिछालेदर से संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल काफी खिन्न है। कहा जाता है कि उन्होंने इस बार अपने लाड़ले भाई योगेश अग्रवाल से साफ कह दिया था कि वह इस बार राज्योत्सव बनाम लुटोत्सव से अपने को दूर ही रखे। इसलिए योगेश ने इस बार दूरी बना ली।
ज्ञात हो कि पिछले साल योगेश अग्रवाल को लेकर जबरदस्त विवाद हुआ था। दलाली से लेकर संस्कृति आयुक्त से उनकी लड़ाई तक खबरों की सुर्खियों में रही यही नहीं एक बड़े कलाकार के साथ दुव्र्यवहार की चर्चा भी जोरों पर रही और योगेश की वजह से राज्योत्सव को लुटोत्सव की संज्ञा दी जाती रही। हमारे सूत्रों के मुताबिक लगातार हो रही बदनामी व छिछालेदर की वजह से ही योगेश को दूर रखा गया।
मिसेस सीएम ने बचा लिया...
कहते हैं सलमान खान को सीएम हाउस लाने के लिए रमन सिंह के बच्चों ने जिद पकड़ ली थी लेकिन मिसेस सीएम श्रीमती वीणा सिंह ने साफ कह दिया कि ऐसे लोगों को बुलाने से बदनामी होगी और उनके इस कठोर रुख पर रमन सिंह को सहमत होना पड़ा। हालांकि चर्चा इस बात की है कि इस मामले में बाप-बेटे के बीच विवाद हुआ।
बदलते परिवेश मैं,
जवाब देंहटाएंनिरंतर ख़त्म होते नैतिक मूल्यों के बीच,
कोई तो है जो हमें जीवित रखे है ,
जूझने के लिए प्रेरित किये है,
उसी प्रकाश पुंज की जीवन ज्योति,
हमारे ह्रदय मे सदैव दैदीप्यमान होती रहे,
यही शुभकामना!!
दीप उत्सव की बधाई...........