सोमवार, 22 नवंबर 2010

मंत्री भाई की रूचि से चेम्बर चुनाव में विवाद!

आगामी माह होने वाले प्रतिष्ठित व्यापारी संगठन छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कामर्ल एंड इंडस्ट्रीज के चुनाव में प्रदेश के दमदार माने जाने वाले मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के लाड़ले भाई योगेश अग्रवाल की रूचि से विवाद बढ़ गया है। कहा जाता है कि इस बार चुनाव में सत्ता की ताकत को बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी वजह से चेम्पर के पूर्व अध्यक्ष पूरनलाल अग्रवाल नाराज हैं और कई व्यापारियों ने चिंता जताई है।
छत्तीसगढ़ चेम्पर का चुनाव को लेकर व्यापारियों में जबरदस्त चर्चा है। वर्तमान अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी के द्वारा पुन: अध्यक्ष बनने में रूचि दिखाने को विरोधी गुट पचा नहीं पा रहे हैं जबकि पूर्व अध्यक्ष पूरनलाल अग्रवाल ने भी अध्यक्ष बनने की ईच्छा जता दीहै। इधर पिछली बार ही चुनाव भले ही शांतिपूर्ण निपट गया था लेकि कहा जाता है कि चेम्बर की राजनीति को लेकर योगेश अग्रवाल और पूरनलाल अग्रवाल में ठन गई थी। मामला चमकी धमकी और रायपुर में रहने देने तक पहुंच गया था और एक पक्ष ने माफी नामे के बाद ही मामला शांत हो पाया था।
इस बार भी चेमबर चुनाव में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के भाई योगेश अग्रवाल ने न केवल रूचि दिखाई है बल्कि बैठकों में वे बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। कहा जाता है कि जरूरत पड़ने पर वे भी अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकते हैं। योगेश की इस रूचि से व्यापारियों के एक बड़े वर्ग में नाराजगी बताई जा रही है। दरअसल योगेश पर जमीन मामले से लेकर पिटाई व धमकी-चमकी के आरोप भी लगे हैं ऐसे विवादित को अध्यक्ष बनाने को लेकर व्यापारियों का एक वर्ग नाराज है यही वजह है कि पूरनलाल अग्रवाल और श्रीचंद सुंदरानी पुन: अध्यक्ष बनने को इच्छुक है।
चेम्बर सूत्रों के मुताबिक व्यापारियों पर पूरनलाल अग्रवाल और श्रीचंद सुंदरानी का अच्छा खासा प्रभाव है जबकि योगेश को राईस मिल एसोसियेशन तक का ठीक ढंग से समर्थन नहीं मिलने की चर्चा है। इधर व्यापारियों की एकता को बनाये रखने पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है। जिसमें रमेश रमोदी, भारामल, पोहूमल,हरचरण सिंह साहनी और सुशील अग्रवाल शामिल है जो व्यापारी एकता पैनल में सर्वसम्मत उम्मीदवार का चयन करेंगे।
इधर व्यापारी नेता आनंद चोपकर ने निगम द्वारा तोड़फोड़ के मामले में चेम्बर की भूमिका को लेकर सवाल उठा दिया है जिसकी वजह से भी चुनाव में इस बार गर्मी बढ़ गई है। जबकि जितेंद्र बरलोटा, राजेंद्र जग्गी, गुलवानी, संधु जैसे लोग भी चुनाव लड़ने इच्छुक हैं।
सर्वाधिक घमासान की स्थिति अध्यक्ष और महामंत्री के पद को लेकर है। और इन पदों के लिए जिस तरह से मंत्री भाई ने रूचि दिखाई है उससे इस बार हंगामा खड़ा होने की संभावना भी जताई जा रही है।

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