पैसा और पहुंच -1
अनुपातहीन संपत्ति, फर्जी रजिस्ट्री, पत्नी को मारने के प्रयास के बाद भी नौकरी कायम!
छत्तीसगढ़ राय को बने 10 साल पूरे हो गये हैं किसी भी राय के विकास और कानून व्यवस्था कायम रखने दस बरस कम नहीं होते है। छत्तीसगढ़ के आम लोगों ने इन दस वर्षों में क्या पाया यह मायने नहीं रखता है। मायने यह रखता है कि हमने जो कुछ पाया वह किन शर्तों में पाया। क्या सरकार में बैठे लोगों ने नैतिकता का पालन किया। भ्रष्ट व चरित्रहीन सरकारी नौकरशाहों व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई हो पाई। या सिर्फ वोट बैंक और नोट कमाने का जरिया ही सर्वोपरि है। एक रिपोर्ट......
आज यहां हम सरकारी नौकरी यानि परिवहन विभाग के निरीक्षक विजय कुमार अनंत की बात कर रहे हैं। वैसे तो परिवनह यानी आरटीओ की सबसे कमाऊ विभाग में गिनती होती है। यहां कार्यरत आरटीओ इंस्पेक्टर विजय कुमार अनंत छत्तीसगढ़िया है और बिलासपुर क्षेत्र के निवासी है।
इनके खिलाफ जनवरी 2006 में जब आर्थिक अपराध ब्यूरो ने कार्रवाई की तब पता चला कि अनंत के पास एक करोड़ से ऊपर की अनुपातहीन संपत्ति मिली। तब प्रकरण क्रमांक 1-103 में अपराध पंजीबध्द किया गया। मीडिया से लेकर आम लोगों ने खूब हल्ला मचाया। लेकिन आर्थिक अपराध ब्यूरो ने चार साल बीत जाने के बाद भी चालान पेश नहीं किया। जनवरी 2011 में 5 साल पूरे हो जाएंगे। जाहिर है पैसे की ताकत के आगे ही ऐसा हुआ होगा। इस दौरान अनंत जगदलपुर में पदस्थ थे।
अनंत का मामला यहीं खत्म नहीं होता। इसके पहले उन पर ग्राम मुजगहन की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराने का भी आरोप लगा है। कहा जाता है कि 10-2-2004 को अशोक वर्मा ने अनंत को जो जमीन की रजिस्ट्री कराई। इस दौरान वह रजिस्ट्री आफिस में मौजूद ही नहीं था। इस दिन सरकारी रिकार्ड के मुताबिक वह लोदाम स्थित शंकर बेरियर में डयूटी पर न केवल तैनात था बल्कि इस दौरन उन्होंने चालानी कार्रवाई तक की। ऐसे में 10-2-2004 को उनके उपस्थिति की बात ही बेमानी थी। इसका सबूत तब मिला जब अनंत ने 5-5-2005 को इसी जमीन के बाजू स्थित जमीन की रजिस्ट्री के दौरान उपस्थित हुआ तब दोनों हस्ताक्षर भिन्न मिले।
मामली यही खत्म नहीं होता इस साल 2010 को उनकी पत्नी उर्मिला ने कोर्ट में शपथ पत्र दिया कि उसके पति विजय कुमार अनंत ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की उन पर मिट्टी तेल डाला गया। इस दौरन अनिता नायक महिला ने भी द्वारा उन्हें मारने में सहयोग देने की बात कही गई। इस पर न्यायालय ने अनंत के खिलाफ धारा 307 के तहत कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया। ये विजय कुमार अनंत पर लगे आरोप हैं। इन आरोपों के बाद भी उनकी नौकरी कायम है और सरकार में बैठे संबंधित विभाग के अधिकारी से लेकर मंत्री तक खामोश है।
इस संबंध में जब हमने संबंधित लोगों सेचर्चा करनाचाही तो सभी का रटा रटाया डायलाग था कि सिर्फ आरोप से कुछ नहीं होता जबकि अनंत से संपर्क नहीं हो पाया।
aase logo ki sampatti turant jappt karni chagiye
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