बुधवार, 14 मार्च 2012

सीबीआई जांच और सरकार...


छत्तीसगढ़ में जिस तरह से माफिया राज चलने लगा है उसके बाद तो पुलिस की भूमिका को लेकर अयनिगत सवाल आम लोगों के जेहन में उमड़ रहे हैं। ऐसे कितने मामले हैं जिनकी सीबीआई से जांच जरूरी है लेकिन जब सरकार और उनमें बैठे लोग ही अपराध करने में आमदा हो तो वह सीबीआई जांच कराने कैसे तैयार हो सकती है।
ये वहीं सरकार में बैठे लोग है जिन्होंने राम अवतार जग्गी हत्याकांड में सीबीआई जांच की मांग की थी और तब सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने इसे खारिज कर दिया था सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपा और रिजल्ट सामने है। अब कांग्रेसी सीबीआई की मांग कर रहे हैं लेकिन सत्ता में बैठी भाजपा इससे हिचक रही है। जिन मामलों की सीबीआई जांच होनी ही चाहिए उनमें आईपीएस राहुल शर्मा की मौत का मामला भी शामिल हो गया है। सरकार ने दबाव में सीबीआई जांच के लिए तैयार हो गई है।
राहुल शर्मा ने अपने सुसाइडल नोट में स्पष्ट किया है कि वे वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव ममें यह कदम उठा रहे हैं। सब मृतक ने ही यह कह दिया है तब भला कोई पुलिसिया इसकी जांच कैसे ईमानदारी से कर पाता। चूंकि राहुल ने किसी का नाम नहीं लिखा है इसलिए इस बात की संभावना भी है कि जिससे जांच कराया जाता क्या वहीं प्रातडि़त करने वाला है?
छत्तीसगढ़ में ऐसे कई मामले हैं जिसमें सीधे-सीधे सत्ता से जुड़े लोग और वरिष्ठ अधिकारी शामिल है। डाल्फिन स्कूल के संचालक राजेश शर्मा के संबंध  किस मंत्री से नहीं थे। वायदा कारोबार के झगड़े में लिप्त मन्नू नत्थानी का संबंध किससे है? क्या इन मामले की सीबीआई जांच जरूरी नहीं है वह भी तब जब पुलिस इन्हें खोज पाने में असफल हो गई है।
ओपन एम्सेस घोटाला हो या रोगदा बांध को बेचने जाने का मामला क्या सीबीआई को नहीं सौंपा जाना चाहिए। आईपीएस राहुल शर्मा की मौत ने सिस्टम पर तो सवाल उठाया ही है साथ ही सरकार कैसे चल रही है इस पर सवाल खड़ा किया है।
भले ही राहुल शर्मा ने वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव की बात कही हो लेकिन क्या यह यहीं हो सकता कि इस वरिष्ठ अधिकारी ने सरकार चलाने वाले मंंत्रियों के दबाव में राहुल शर्मा को प्रताडि़त किया हो?
ऐसे कितने ही सवाल है जो सरकार की तरफ उंगली उठा रही है और इसका खुलासा तभी होगा जब मामले की सीबीआई जांच होगी।
फेसबुक से लेकर कई सोशल वेबसाईट राहुल शर्मा की मौत की खबर  और सीबीआई जांच की मांग से भरा हुआ है। कब तक जग्गी हत्याकांड में सीबीआई की मांग करने वाले भाजपाई मुंह चुरा रहे हैं ये वहीं लोग है जो अन्ना व बाबा की सच और तप का बखान करते नहीं थकते लेकिन इस मामले में चुप हैं?

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