सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

पेलिहा ले पंगनहा हारय


परन दिन खल्लारी के मड़ई म बिसरु ल भेंट डारेवं। पूछेवं कईसे बिसरु का हाल-चाल हे। धान-वान बने हो ए हे?
अतका ल सुनिस तहां ल बिसरु बईहा होगे। का महाराज आजकल आस जास नहीं। जा के गाँव ल देख धान-पान  ल चाटबो। ग़ांव ह बिगड़त हे। आजकल के नवा-नवा टूरा  मन ह कखरों नई सुनत हे। भ_ी वाला ह गांवएच म दुकान ल खोल दे हे अउ पीए बर थोड़ बहुत मंद-महुआ बनात रहेन तउना म छेका करथे। अऊ नान  नान टूरा मन ह घलो मन्दु होगे हे। चोरी-हारी बाढ़ गे हे। कुछु ल छोड़े नई सकस। ए दे मड़ई आय हावव तेमा मोर धियान घर डहार लगे हे। झिम झाम देखिस तहां ले कुछु ल उठा के लेग जथे। सित बाबा के घंटी घलो  नई बाजिस। मंदिर देवाला म चोरी हारी होवत हे। घोर कलजुग आगे हे। मय ह केहेवं - छोड़ न बिसरु चार दिन जीना हे, काबर टेंसन ले थस। कईसे फि़कर नई करहूं महाराज। गाँव ल बनाए बर का उदीम नई करे हन। डांड़-बोड़ी ले बर अपन-तुपन नई देखेन। अउ आज जेन ल देख तउने ह दूसर के जीनिस ल हड़पे म लगे हे। अनियाव ला कलेचुप देख कथें। कईसे देखबे? तय कुछु काह गा अनियाव होवत नई देखव। मरते मर जहूं महाराज , फ़ेर गलत के बिरोध ल नई  छोड़वं। तय त पतरकार हस्। बने भसेड़ के छपबे तभे सु्धरही।
बिसरु के बात सुन के मय ह दंग रहिगेंव। ए उमर म घलो वो ह नियाव बर सब ले लड़े-भिड़े बर तइयार रथे। अऊ एक झन उही गाँव के राम लाल हे। वोला अपन सुवारथ के आगु कुछु नई दिखय। ते म त भ_ी वाला मन के दू चार सौ रुपया के सेती गाँव म भ_ी वाला मन ल दारु बेचे बर जगह देहे हे। पेलिहा अतका के लउड़ी बेडग़ा धर के भिड़ जथे। तभे त बिसरु ह कहाय वोला सरपंच झन चुनव, वो ह गांव ल बेच दिही। फ़ेर बिसरु जईसे मन के बात ल कोन सुनथे। आज कल त परबुधिया मन के कोनो कमी नईए। दूचार रुपया बर लुहुर-टुपुर करत रथे। छत्तीसगढिय़ा मन के इही परबुधिया होय के सेती त कतकोइन झन मजा उड़ावत हे। अऊ छत्तीसगढिय़ा मन ह दू रुपया किलो के चांऊर मा भुलाए हे। चुनई आथे चेपटी पाथे। तहां ले जम्मो पीरा ल भुला जथे। दूचार बिसरु असन लड़ईया मन के कोनो पुछन्ता नईए। अऊ जादा होईस त कही देथे, एखर त कामेच इही हे। अब सरकार ह काय काय ल देखही। अऊ बिकास करे म दू चार बांध तरिया, गऊठान त पटाबेच करही। उद्योग ह हवा म नई लगय। खेत खार ल बेच दे के हल्ला करईया मन के का हे वो मन त कोइला के कालिखेच देखत रथे। ए नई दिखते हे के सरकार ह कइसे गरीब मन ल चांऊर देवत हे। पढ़ईया टूरी मन ल सइकिल देवत हे। बिसरु असन मन ल त खाली मंत्री विधायक के गाड़ी अऊ खेत खार के खरीदीच ह दिखथे।

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