सोमवार, 10 मई 2021

बेज़ुबानो की जान बनी गुप्ता परिवार


बेजुबानों की जान बनी गुप्ता परिवाररायपुर। वैसे तो कोरोना के इस भीषण महामारी में सेवा करने वालों की कमी नहीं है, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी आपको सेवाभावी लोग चौक चौराहों पर भूखों को खाना खिलाते या फल-फूल बांटते दिख जायेंगे लेकिन आज हम आपको अहमद जी कालोनी निवासी ओसीमा गुप्ता और शीला गुप्ता के बारे में बताना चाह रहे है कि वे किस तरह से जब से लॉकडाउन लगा है तब से बेजुबान जानवरों की सेवा कर रहे हैं। इन तस्वीरों में दिखाई देने वाली युवतियां किस तन्मयता से कुत्तों को खाना खिला रही है। हर हाल में बेजुबान खाना खा ले इसलिए वे हर तरह का उपक्रम करती है। ओसीमा गुप्ता ने हमसे बातचीत करते हुए बताया कि वे अपने घर के 500 मीटर रेडियेस में बेजुबानों को खाना खिलाती है। वे स्कूटर से आती है और फिर कागज की प्लेटों में खाना निकालकर खिलाती है।अब तो इस क्षेत्र के बेजुबानों ने भी स्कूटर की आवाज पहचान ली है और उनके आते ही वे पूछ हिलाते हुए प्यार जताती है। ओसीमा कहती है कि उनके घर में भी डॉग है जिन्हें वे बहुत प्यार करते है इसलिए जब लॉकडाउन लगा तो उन्हें यह बात भीतर तक हिला गया कि इस लॉकडाउन में जब लोग घरों के भीतर हैं तब सड़कों पर भटकने वाले इन बेजुबानों को कौन खाना दे रहा होगा। और बस तभी से ये दोनों युवतियां रोज शाम को इन बेजुबानों को खाना खिलाने घर से निकल पड़ती है।कोरोना के इस भीषण महामारी में ऐसे कितने ही लोग है जो बेजुबानों की सेवा में लगे हैं। यही सेवाभाव ही हमारे जीवन का ध्येय है और भारतीय समाज के भीतर आज भी मानवता बची है तो इन जैसे लोगों की वजह से।

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें