शनिवार, 27 जुलाई 2024

राजनीति में खत्म हो चुकी मानववाद को पुर्नजीवित करने की कोशिश...

 राजनीति में खत्म हो चुकी मानववाद को पुर्नजीवित करने की कोशिश... 




अपनी जिस जूती को पहनकर आदमी घर के भीतर इसलिए नहीं जाता कि घर अपवित्र हो जायेंगा, तब दूसरे की जूती को अपने जंघे पर रख लेना भले ही लोगों को राजनीति लगे, लेकिन सच तो यही है कि यही मानवता है जिसका  रास्ते का सफ़र गांधीवाद से शुरू होता है।

मंच से दलित-वंचित के लिए लंबे चौड़े भाषण देना उनके साथ,  उनके काम के साथ उनकी ज़िंदगी जीना आसान नहीं है । क्या कोई नेता सप्ताह नहीं, कुछ घंटे ही वैसी ज़िंदगी बिता सकता है?

धर्म और जाति की राजनीति के इस दौर में जब जन‌कल्याण और मानवता से लोगों ने दूरी बना ली है। सत्ता में बैठे लोगों को वेलफेयर की अवधारणा बकवास लगने लगी हो तब यह बात भाजपा और संघ को भी समझना होगा कि असली धर्म और जाति मानवता ही है जो लोगों को एक दूसरे से जोड़ कर रखती है।

क्या मोची की दुकान पर आकर उसने बातचीत करते हुए उसके काम को समझ लेना ही गांधी है ? नहीं क़तई नहीं..।

लेकिन यह गांधीवाद का एक रास्ता है।

 जरा सोचिये कि एक सामान्य घर का लड़का यदि चाय बेचने की बात बताकर खुद को महान होने का दंभ भरता है तो वह कितना महान होगा जिसकी तीन पीढ़ियां इस देश में सत्ता संभाली हो वह कभी बढ़ई के पास काम सीखने लगता है तो कभी गैराज में जाकर मोटर साइकिल बनाता है तो कभी किसान के साथ खेत में, और इसमें भी उसका मन नहीं भरता तो मोची की दुकान में पहुंचकर जूते बनाने की बारिकियां सीखने लगता है।

इसे कोई फोटो आपुर्चनिटी भी कह सकता है लेकिन यह दलितों और वंचितों को राजनीति में प्रासंगिक बनाये रखने का एक मात्र जरिया है।

गांधी इसलिए महात्मा हुए क्योंकि वे शौचालय की सफाई और सङ्‌क में झाडू लगाने से परहेज नहीं करते थे महात्मा ने सच का प्रयोग किया, सादगी के साथ जन सेवा को आत्म सात किया।

नेहरू इसलिए लोकदेव नहीं कहलाये कि विनेबा भावे ने उन्हें यह तमगा  दिया बल्कि नेहरू इसलिए लोकदेव कहे जाने लगे कि वे आजादी के बाद के भारत को संभालने में स्वयं को न्यौछावर करने से कभी हिचके नहीं। लाठी डंडा लिये हिंसक भीड़ में सीना ताने घूसते चले जाते थे।

तब राहुल गांधी ने जिस तरह से अपने सरनेम को सार्थक करने में सड़क से लेकर संसद तक समर्पित दिखाई दे रहे हैं यह भारत की पुर्नजागरण का ऐसा दौर है जो  धर्म और जाति के स्थान नाम पर मानवता को स्थापित करता है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. अगर राहुल जी देश के 42 करोड़ ठगी पीड़ितों के दर्द को समझने का प्रयास करे तो राहुल जी को एक बहुत बड़ी टीम उनके साथ खड़ी होगी हर गली में हर जगह उन्हीं की चर्चा होगी । अधिक जानकारी के लिए राहुल जी संपर्क करे 8299515581

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