रविवार, 21 मार्च 2010

घोटाले में नाम कमाओं,बजट में हिस्सा बढ़ाओं


यह चतुर नौकरशाही है या फिर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का विरोधियों को चुप करने की रणनीति। लेकिन प्रदेश के जिस दमदार मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के विभागों में करोड़ों-अरबों रुपए के घोटाले की कहानी सामने आ रही है उसी बृजमोहन अग्रवाल के विभागों को प्रदेश के कुल बजट का 20 फीसदी हिस्सा दिए जाने को लेकर जनसामान्य में कई तरह की चर्चा है।
वैसे तो राय बनने के बाद से ही पीडब्ल्यूडी, खनिज, पंचायत, उर्जा, स्वास्थ्य, सिंचाई विभाग को काफी महत्वपूर्ण माना जाता रहा है और भाजपा शासनकाल में तो यहां हुए घपलों को लेकर खूब हल्ला मचा। बताया जाता है कि पर्यटन और संस्कृति विभाग में हुए काले कारनामें ने इस विभाग को भी चर्चा में ला दिया। इकलौता यही विभाग है जहां प्रचार प्रसार के नाम पर जमकर बंदरबांट हुए और यहां बैठे अफसरों ने करोड़ो कमाए। राय का ताजा बजट करीबन साढ़े तेईस हजार करोड़ है और इनमें से एक बडा हिस्सा पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति के लिए जारी किया गया है। यानी जिन विभागों को बृजमोहन अग्रवाल संभाल रहे हैं उन्हें साढ़े पांच हजार करोड़ आबंटित किया गया है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक यह उन नौकरशाहों की करतूत है जो अपनी जेबें गरम करना चाहते हैं इसलिए ऐसे विभागों में यादा बजट दिया गया जहां खाने की छूट मिल सके। जबकि एक अन्य सूत्रों का कहना है कि यह डॉ. रमन सिंह की रणनीति का हिस्सा है ताकि बृजमोहन अग्रवाल नाराज न हो और उसकी तरफ नजर न उठाये। मामला जो भी हो लेकिन आम लोगों में यह प्रतिक्रिया खुले आम सुनाई पड़ रही है कि जो सबसे यादा भ्रष्टाचार करेगा उसे ही बजट में सर्वाधिक आबंटन दिया जाएगा। छत्तीसगढ में जिस पैमाने पर पीडब्ल्यूडी में भ्रष्टाचार चल रहा है वह आश्चर्यजनक है सड़कों का हाल तो बदतर है ही भवनों के निर्माण में भी जमकर धांधली की जा रही है। जबकि पर्यटन में मोटल निर्माण में बाउंड्री निर्माण और घास लगाने के नाम पर जबरदस्त घोटाले हुए हैं। संस्कृति विभाग ने तो स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा कर बाहर के कलाकारों को बुलाने में जमकर दलाली की है।
बहरहाल बजट में एक ही मंत्री को 20 फीसदी आबंटन को लेकर कई तरह की चर्चा है ऐसे में आम लोगों में डॉ. रमन सिंह की छवि को लेकर चर्चा स्वाभाविक है।

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