मंगलवार, 9 मार्च 2010

डंडे की चोंट पर भ्रष्टाचार,बृजमोहन अग्रवाल के सभी विभागों में घोटाले!



छत्तीगढ़ में वैसे तो भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है और अधिकारियों ने राम नाम की लूट मचा रखी है लेकिन राजधानी के दमदार मंत्री माने जाने वाले बृजमोहन अग्रवाल के विभागों की समीक्षा में यह बात खुलकर आई है कि उनके विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है और अधिकारियों ने चौतरफा लूट मचा रखी है।
राजधानी के विधायक और मुख्यमंत्री के प्रबल प्रतिद्वंदी माने जाने वाले लोक निर्माण शिक्षा और पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को सुर्खियों में बने रहना आता है और इसके चलते वे अक्सर विवादों में भी घिर जाते है। ताजा मामला स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा खरीदे जाने वाले चयनित पुस्तकों का है। कहा जाता है कि इन चयनित पुस्तकों को परिवर्तन करने का दबाव के अलावा पसंदीदा प्रकाशकों से लेन-देन के आरोप भी मंत्री जी पर लगने लगे हैं।
बताया जाता है कि इस संबंध में अखिल भारतीय महिला प्रकाशक संघ ने तो बृजमोहन अग्रवाल पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए यहां तक कहा है कि यहां दलाल राजेन्द्र अग्रवाल और आर.एन. सिंह ने महिला प्रकाशकों को भी यह कहकर टरका दिया कि मंत्री जी से मिलना हो तो रात 12 बजे के बाद आइये। महिला प्रकाशकों ने इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से भी किए जाने की जानकारी दी है।
महिला प्रकाशकों का आरोप कितना सही है यह तो वही जाने लेकिन शिक्षा विभाग जिस तरह से अनियमितता चल रही है वह आश्चर्यजनक है। तवारिस से लेकर बाम्बरा मामले में बृजमोहन की रूचि से पार्टी के ही लोग नाराज हैं। जबकि तवारिस पर कई गंभीर आरोपों के अलावा कांग्रेसी होने का भी आरोप है। बताया जाता है कि प्रकाशकों को साफ तौर पर बृजमोहन अग्रवाल के दलालों द्वारा खुले आम पैसा मांगे जाने का आरोप लगाया जा रहा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि जो प्रकाशक सबसे ज्यादा कमीशन देगा काम उसे ही मिलेगा।
महिला प्रकाशकों ने पुस्तक खरीदी मामले का उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए बृजमोहन अग्रवाल व उनके रिश्तेदारों की संपत्ति की भी जांच की मांग की है। ऐसा नहीं है कि बृजमोहन अग्रवाल और उनके समर्थकों पर भ्रष्टाचार का आरोप पहली बार लगा हो बल्कि समता से लेकर अग्रोहा और जब वे गृहमंत्री थे तब उनके भाईयों की करतूतों की भी खबरें स्थानीय मीडिया में छपते रही हैं।
यही नहीं इस शासनकाल में भी पर्यटन विभाग हो या संस्कृति विभाग का मामला हो अधिकारियों की करतूतों के कारण बृजमोहन अग्रवाल सुर्खियों में रहे हैं। जबकि पीडब्ल्यूडी में तो ठेकेदारी में खुलेआम कमीशनखोरी अभी भी जारी हैं और घटिया सड़कों से लेकर डामर घोटालों के आरोपियों को बचाए जाने को लेकर विवाद कायम है। बहरहाल बृजमोहन अग्रवाल के विभागों पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति में डंके की चोंट पर भ्रष्टाचार चल रहा है और यही स्थिति रही ते आने वाले दिनों में सरकार को मुसिबतों का सामना करना पड़ सकता है।
बृजमोहन की सुर्खियां
शिक्षा विभाग- 1. पुस्तक क्रय में 2. तवारिस की बहाली 3. संविदा नियुक्ति
पर्यटन विभाग- 1. बगैर नाम पते का करोड़ो भुगतान 2. स्टेशनरी घोटाला 3. संविदा नियुक्ति 4. प्रचार-प्रसार घोटाला 5. घास बसुंडी 6. विदेश यात्रा
संस्कृति विभाग- राज्योत्सव बनाम लुटोत्सव 2. संविदा नियुक्ति 3 . प्रचार-प्रसार घोटाला 4. स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा 5. बाहर के कलाकारों में दलाली 6. कुंभ
पीडब्ल्यूडी विभाग- खुलेआम कमीशनखोरी 2. घटिया सड़कें 3. डामर घोटाला

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